Wednesday, 13 March 2019

रेम्हला ग्राम के लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाने हेतु चौपाल का प्रयास

जिला मुख्यालय से 45 से 50 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ के ऊपर स्थिति लोसंगा पंचायत का ग्राम रेम्हला विकास से कोसों दूर है इस ग्राम में सरकार की कोई भी योजना नही पहुँच पाती ऐसे पहुँचविहीन ग्राम में चौपाल के लोग पहुच कर उनके विकास की योजनाएं बनाते है उनका क्रियान्वयन करते है पूरे ग्राम की सहभागिता के साथ ।
चौपाल संस्थान द्वारा लोसंगा ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम रेम्हला के लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए अनेकों कार्य एक साथ संचालित कर रहा है
उनमें प्रमुख रूप से व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र के साथ साथ सामुदायिक वन अधिकार दावा प्रपत्र दिलाने व उसके प्रबंधन की व्यवस्था में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित किया जा रहा है ।
वनों की सुरक्षा हेतु पाली का निर्माण किया जो रोज दिन रात वनों की अवैध कटाई से सुरक्षा करते है इसके अलावा सीडबाल पद्धति से वनों में आजीविका की सुरक्षा हेतु बीजो की रोपाई की जाती है जिसमे सब्जी और पौधे के बीज बोए जाते है उनसे ग्रामीणों को सब्जी उपलब्ध होती है तथा बनो की देखभाल भी ।
रेम्हला तक श्रमदान से पहुच मार्ग व श्रमदान से पीने के पानी हेतु 3 कुँवा का निर्माण किया गया ।
ग्राम में कोई भी विद्यालय या आंगनबाड़ी केंद्र उपलब्ध नही है जिससे लोगों को शिक्षा नही मिल पाता ऐसे में इस ग्राम में डिजिटल स्कूल संचालित किया जा रहा है जिसमे बच्चों को टेबलेट से पढ़ाया जाता है ।
ग्राम में 40 सोलर पैनल लगा पूरे ग्राम का विद्युतीकरण किया गया है जिसके मेंटिनेंस व मरम्मत हेतु गांव की अशिक्षित महिला को 6माह का प्रशिक्षण दिलवा तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया गया जिसके लिए ग्राम में सोलर लाइट वर्कशाप की स्थापना की गई है । ग्राम सोलर लाइट खराब होने पर महिला इंजीनियर द्वारा ही रिपेयर किया जाता है जिसके बदले में ग्रामवासी मिलकर 1000 रुपए प्रतिमाह महिला को सहायता राशि प्रदान करते है ।

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