Vani Cso नई दिल्ली IM, Anmol Foundation व ICMAI के तत्वावधान में रायपुर में 29 व 30 जुलाई को *छत्तीसगढ़ में स्वैच्छिक संस्थाओं के सशक्तिकरण* विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होटल मयूरा जीई रोड रायपुर में किया गया । उक्त कार्यशाला में राज्य के 16 जिलों से 46 संस्थाओं के प्रमुखों व सीनियर लीडर्स शामिल हुए।
कार्यक्रम में वाणी के सीईओ हर्ष जेटली ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्वैच्छिक संस्थाओं के सामने हो रही चुनौतियों व उनके प्रयासों के संदर्भ में अपने अनुभवों को रखा । राजमेरु संस्थान के रजत चौधरी ने स्वैच्छिक प्रयासों के इतिहास व 70-80 के दशक के अधिकार व आंदोलनों वाले से लेकर रचनात्मक कार्यों के दशकों पर चर्चा की साथ ही स्वास्थ्य शिक्षा, आजीविका पर बातचीत कर समुदाय के साथ समय व्यतीत करने पर बल दिया ।
अनमोल फाउंडेशन के निदेशक संजय शर्मा ने स्वैच्छिक प्रयासों के क्षेत्र में नई तकनीकी के विस्तार व क्षमता वृद्धि कैसे की जाए व सीएसआर सहित अन्य दानदाताओं के साथ संबंध मजबूत बनाने के लिए किस प्रकार के प्रशासनिक व्यवस्था में बदलाव लाने की जरूरत है उन बिंदुओं पर बातचीत को रखा और राज्य स्तरीय संगठन को मजबूती प्रदान करने में सहयोग की बात की ।
सहभागी समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष बसंत यादव ने आजीविका के क्षेत्र में वनोपज आधारित लाख खेती व जैविक खेती को लेकर काम करने व समुदायों को संशक्त बनाने की बात की और अपने अनुभव रखे।
सृजन केंद्र के संस्थापक मुरलीधर चंद्रम ने संसाधन की परवाह किए बिना काम करने की सलाह दी और किस तरह लोगों के मुद्दों को बिना संसाधन के समाधान हेतु प्रयास किए जा सकते है उन पर प्रकाश डाला। चिराग संस्था के निदेशक मंगल पांडेय ने समुदायों की सहभगिता, स्वैच्छिक प्रयासों की मजबूती व सक्रियता पर बल देते हुए वाणी को राज्य स्तर पर मिलकर मजबूत करने की बात कही।
पथ प्रदर्शक संस्था के सुशील सिंह ने शिक्षा के ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखी और मिलकर काम करने का सुझाव भी दिया ।
कार्यशाला के दूसरे दिन के सत्रों में डॉक्टर गुप्ता ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर विस्तार से जानकारी दी तथा हर्ष जेटली जी ने फंडिंग व वाणी के प्रयासों पर अपने अनुभव साझा किए । प्रदान से हर्षा वशिष्ठ जी ने शेसन के साथ समन्वय किस प्रकार किया जा सकता है उस पर अपने अनुभव रखे और स्वैच्छिक प्रयासों के मजबूत बनाने पर विचार साझा किए। कार्यक्रम को पैनल डिस्कशन, समूह चर्चा व खुली चर्चा के माध्यम से संचालित किया गया । वाणी को मजबूत बनाने के लिए सभी ने संकल्प लिया ।
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