सरायरंजन। 08. 04. 2021 ऑक्सफेम इंडिया के सहयोग से जन स्वास्थ्य अभियान, बिहार और जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में सरायरंजन प्रखंड अंतर्गत रायपुर बुजुर्ग पंचायत के रसलपुर गाँव स्थित मछुआरा और रविदास टोला तथा किसनपुर यूसुफ पंचायत के खालिसपुर मुसहरी टोला में रोगी अधिकार चार्टर पर सामुदायिक चर्चा का आयोजन किया गया। इन दोनों जगहों पर चर्चा के दौरान सचिव सुरेन्द्र कुमार नें कहा कि तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद रोगियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, अस्पतालों में चिकित्सक व गैर चिकित्सा कर्मचारी का घोर अभाव है। सतत् विकास लक्ष्य को पाने के लिए हमारी सरकारों को और अधिक सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है। रोगी अधिकार घोषणा-पत्र पर सामुदायिक चर्चा करते हुए किरण कुमारी नें कहा कि लोगों के स्वास्थ्य रक्षा के लिए माकुल उपाए किया जाना और सबके लिए समान स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आवाज उठाना चाहिए। ललिता कुमारी नें कहा कि आज भी अधिकांश लोग नीजी अस्पतालों में इलाज कराने को विवश हैं। दिनेश प्रसाद चौरसिया नें बताया कि बच्चों और महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन के द्वारा हीं उनके स्वास्थ्य के संवैधानिक अधिकारों से आच्छादित किया जा सकता है। वीणा कुमारी नें कहा कि जब तक गाँव-गाँव में सभी सुविधाओं से सुसज्जित सरकारी अस्पताल नहीं होगा, सबके लिए स्वास्थ्य का सपना अधूरा होगा। रविन्द्र पासवान नें कहा कि कोविद-19 के कारण प्रभावित परिवारों और उनके आश्रितों के रोगी अधिकार गौन हो गये थे। इस अवस्था में रोगी घोषणा-पत्र में सार्वभौमिक स्वास्थ्य की परिकल्पना का प्रमाणिक दस्तावेज को अपनाने की आवश्यकता है। रामप्रित चौरसिया नें बताया कि रोगी अधिकार घोषणा-पत्र में वर्णित अधिकारों की जानकारी के लिए व्यापक जन अभियान चलाने की आवश्यकता है, ताकि आम लोग अपनें स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों की जानकारी पा सकें और उसके लिए आवाज बुलंद कर पाने में सक्षम हो सकें। वीभा कुमारी नें बताया कि आज भी सुदूर ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य के लिए ग्रामीण चिकित्सकों पर हीं आश्रित रहना मजबुरी है। खासकर गर्भवती महिला को तो किसी भी प्रकार की मानवोचित सुविधा नहीं मिल पाती है। अर्चना कुमारी नें कहा कि किशोरियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकारी अस्पतालों में काउंसिलिंग की सुविधाओं का घोर अभाव है। जब किशोर- किशोरियों का शारीरिक और मानसिक विकास हो रहा होता है, उस समय तथा किशोरियों के मासिक श्राव से संबंधित समुचित जानकारी के लिए स्कूल और स्थानीय सरकारी अस्पतालों में काउंसिलिंग की सुविधाओं का होना आवश्यक है। बलराम चौरसिया नें कहा कि रोगी अधिकार घोषणा-पत्र में वर्णित सभी प्रकार की जानकारी से लैश होकर हम अपनें स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों की प्राप्ति के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करें तभी स्वास्थ्य संबंधी सतत् विकास लक्ष्य को हम हासिल कर पाएँगे।
स्थानीय लोगों में प्रमोद सहनी, शोभा कुमारी, शर्मीला देवी, पार्वती देवी, जूही प्रवीण, महेन्द्र राम, अनिता देवी नें भी अपनें विचारों के माध्यम से रोगी अधिकार घोषणा-पत्र की प्रासंगिकता पर बातचीत की।
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