Saturday, 26 September 2020

क्षणिक मुलाकात ने ही प्रभावित कर दिया

कुछ काम से प्रभावित करते है,कुछ व्यक्तित्व से, कुछ अपने व्यवहार से, कुछ प्रतिभा से । हर व्यक्ति का अलग अलग गुण व व्यक्तित्व होता है । कल से ही मुझे लगा कि समाज सेवा के क्षेत्र में जिन जिन लोगों ने भी प्रभावित किया है उनके बारे में थोड़ा कुछ लिखू । बहुत सारे नाम सामने आए जसमे ग्राम के लीडर से लेकर सामाजिक क्षेत्र के सम्मानित जन भी शामिल है । एक एक कर उन सभी के बारे में जरूर लिखूंगा । और अपने इस लेखन की पहली कड़ी में एक ऐसे सख्सियत का नाम है जिनसे मैं चलते चलते मिला कोई परिचय नही हुआ सिर्फ आमना सामना हुआ और अभिवादन हुआ बस । फिर क्या था वो दिन और आज का दिन आज मैं उनके बारे में लिखने बैठ गया । बस आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते है कि कितना प्रभावित किए होंगे । 
यह बात है पिछले वर्ष की हम SDG को लेकर एक राज्य स्तरीय कार्यशाला की तैयारी कर रहे थे । मुख्यमंत्री उस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे चर्चा गंभीर थी तो ऐसे लोगों को बुलाना था जो इस विषय पर सार्थक बातें रख सकें । हमे लगा UNICEF  के राज्य प्रमुख को भी आमंत्रित करना चाहिए । फिर क्या हम UNICEF आफिस पहुँच गए। हम वहां किसी को नही जानते थे । लेकिन साथ मे योगेंद्र प्रताप सिंह जी थे तो उन्होंने बताया कि उनके परिचित कुछ लोग है तो दिक्कत नही है । 
हम 26 वर्षो से सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहे है । हम UNICEF के दिल्ली आफिस भी गए है और एक दो बार रायपुर आफिस भी लेकिन किसी से बहुत पहचान नही बन पाई ।
खैर हम और योगेंद्र भाई यूनिसेफ आफिस पहुचे गेट पर रजिस्टर में नाम दर्ज किया और उनका आई डी कार्ड लिए और जैसे ही अंदर जाने के लिए मुड़े सामने से दो लोग आते दिखाई दिए । उसमे से एक साथी हम लोगों को देखकर मुस्कुराए और एक साथ मुस्कुराने के साथ ही अपना हाथ आगे बढ़ा दिए । हमने भी हाथ बढ़ा कर उनसे हाथ मिलाया वो फिर बाहर चले गए तब गार्ड से हमने पूछा कि कौन थे तो गार्ड ने बताया कि यूनिसेफ के नए हेड है, Shri Job Zachariah अभी अभी आए है । हम सोच में पड़ गए यूनिसेफ के राज्य प्रमुख जिनसे मिलने के लिए हम आए थे अपॉइंटमेंट लेकर वो इतने विनम्रता के साथ हाथ मिलाकर निकले की, हम दोनों अचंभित खड़े रहे । 
बाद में हम आफिस में गए एक मैडम को पत्र दिया मिलना चाह रहे थे पर वहां नही होने से मुलाकात नही हो पाई तो मैडम ने ही किसी से बात कर बताया कि वे कार्यक्रम में नही आ पाएंगे । 
हम लोग वापस निकलने लगे तो फिर उसी गेट पर पुनः: मुलाकात हुई और क्या संयोग है कह कर मुस्कुरा दिए । और वे अपने ऑफिस में चले गए हम लोगों से बात नही हुई ।
कार्यशाला में नही आएंगे इसका अफसोस तो हुआ लेकिन उनके चंद सेकेंड के व्यवहार ने आकर्षित किया ।
 
उसके बाद एक दिन हमने फेसबुक पर उनकी प्रोफ़ाइल देखी मैंने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा उन्होंने उसी दिन रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लिया । 
फेसबुक से जुड़ने के बाद उनकी पोस्ट को देखा रोज अलग विषयों पर अच्छी जानकारी साझा कर तथा लाइव कार्यक्रम के माध्यम से अपनी बातों को सबके सामने रखना । अलग -अलग विषयो पर बातों को रखना स्थानीय भाषा मे लोगों के बीच बातों को रखना उनके जुझारूपन और कर्तव्यपरायणता को दर्शाता है । उनका ऐसा प्रयास मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं नियमित इनके पोस्ट को फालो करता हूँ । कल ही मैंने उनके एक पोस्ट पर ही लिखा कि मैं मिलना चाहता हूं तो उन्होंने त्वरित अपनी सहमति दी । जब भी मुलाकात होगी बहुत यादगार क्षण होगा ऐसा मुझे लगता है बहुत सीखने को मिलेगा । ऐसे व्यक्तित्व के फेसबुक में जुड़ा हूं यह मेरे लिए गर्व की बात है ।
संजय शर्मा- निदेशक * अनमोल फाउंडेशन
#JobZachariah

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