Friday, 18 February 2022

राष्ट्रीय स्तर पर हुई शांति सद्भावना पर कार्यशाला


कवर्धा -  भारतीय सामाजिक संस्थान, नई दिल्ली के द्वारा शांति सद्भावना अभियान के तहत देश के 7 राज्यों के शांति प्रशिक्षकों का 15 एवं 16 फरवरी 2022 को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला अनुश्रवण एवं उपलब्धि पर आयोजित किया गया। कार्यशाला में छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा एवं झारखण्ड मिलाकर 40 शांति प्रशिक्षकों ने भाग लिया। राष्ट्रीय कार्यशाला में दौलत राम कश्यप अध्यक्ष आस्था समिति सह जोन समन्वयक शांति सद्भावना मंच ने प्रस्तुतिकरण में देश में शांति सद्भावना कायम करने के लिए विचार व्यक्त किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में किये जा रहे शांति सद्भावना के सफल मॉडल को बताया। जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। उन्होंने बताया कि ग्राम बोहिल विकासखंड पंडरिया में विशेष संरक्षित जनजाति PVTGs बैगा समूहों के साथ मिलकर आजीविका और शांति सद्भावना का एक आदर्श उदाहरण तैयार किया जा रहा है। राष्ट्रीय कार्यशाला में डेंजिल फर्नाडीज निदेशक भारतीय सामाजिक संस्थान, नई दिल्ली ने भारतीय संविधान के आदर्श मूल्यों को अपनाते हुए कार्य करने देश के सभी शांति प्रशिक्षकों को प्रेरित किया।  इस अवसर पर उपस्थित अधिवक्ता रवि सागर ने सभी शांति प्रशिक्षकों को मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रशिक्षित किया। मोईन जाफर राज्य समन्वयक शांति सद्भावना मंच छत्तीसगढ़ ने बताया कि  देश भर में टीम द्वारा शांति सद्भावना, भाईचारा कायम करने के लिए संविधान, मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों पर कार्य किया जा रहा है। कार्यशाला में भारतीय सामाजिक संस्थान नई दिल्ली से पास्कल तिर्की राष्ट्रीय समन्वयक, रूबेन मिंज पब्लिकेशन सह कम्युनिकेशन ऑफिसर, अरुण उरांव कार्यक्रम अधिकारी, छत्तीसगढ़ टीम से मोईन जाफर राज्य समन्वयक, दौलत राम कश्यप जोन समन्वयक सह अध्यक्ष आस्था समिति, उमाशंकर कश्यप, महेश्वरी बंजारे एवं चंद्रकांत यादव जोन समन्वयक एवं देश के 7 राज्यों से जोन समन्वयक और राज्य समन्वयक शामिल हुए जिसमें राजस्थान से अनवर अहमद हुसैन, बिहार से सुबोधकांत रविदास, झारखंड से रोज़ मैरी, मध्यप्रदेश से रामेश्वर लश्करे, उड़ीसा से अरुण कुमार एवं उत्तरप्रदेश से रामकिशोर चौहान के साथ देश भर से पहुंचे 40 शांति प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

Thursday, 10 February 2022

जलवायु परिवर्तन के सम्बंध में जागरूकता अभियान

एक ओर जहां पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है और इस दिशा में लगातार चर्चा कर प्रयास किए जा रहे हैं । लेकिन जैसा कि सभी जानते है शासकीय प्रयासों से कोई बेहतर परिणाम नजर नही आते। 
जलवायु परिवर्तन में रायपुर शहर भी पीछे नही है इस  शहर में स्टील इंडस्ट्री, भारी संख्या में वाहनों की आवाजाही, धूल आदि के कारण भारी प्रदूषण होता है। यहां  विकास के नाम पर लगभग सभी पेड़ों को काट दिया गया। शहर में पीने का पानी धमतरी जिले में स्थित गंगरेल डेम से लाया जाता है । शहरों से धीरे - धीरे पक्षियों की संख्या नही के बराबर हो गई । 
इन्ही सब बातों और समस्याओ को ध्यान में रखते हुए आई जी एस एस एस रायपुर ने शहर के संतोषी नगर, कोटा आदि लगभग 20 छोटे छोटे मोहल्लों में पानी बचाने, पक्षियों को संरक्षित करने, प्रदूषण रोकने, वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने, प्लास्टिक से मुक्ति हेतु दीवाल लेखन, नुक्कड़ नाटक, रैली के माध्यम से जन जन तक जागरूकता का संदेश पंहुचा रहे हैं । 
संस्थान द्वारा चलाए जा रहे अभियान ने युवाओं ने बड़ी भूमिका निभाई है जिससे लोग अभियान में सक्रियता के साथ जुड़ रहे हैं । 

छत्तीसगढ़ में स्वैच्छिक संस्थाओं के सशक्तिकरण पर कार्यशाला सम्पन्न

Vani Cso नई दिल्ली IM, Anmol Foundation व ICMAI के तत्वावधान में रायपुर में 29 व 30 जुलाई को *छत्तीसगढ़ में स्वैच्छिक संस्थाओं के सशक्तिकरण* ...