मैं पहली बार मिला छत्तीसगढ़ के बांस प्रेमी मोहन वर्ल्यानी जी से जो पेशे से तो इलेट्रिक सामानों के व्यवसाय से जुड़े है । लेकिन अपने व्यस्ततम समय मे से समय निकाल कर सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते है । इसके साथ - साथ प्रकृति का प्रेम इनके सर चढ़कर बोलता है ।
इन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर *प्रकृति की ओर सोसायटी* नामक स्वैच्छिक संस्था का निर्माण कर रायपुर शहर में हरियाली लाने का बीड़ा उठाए हुए है । ये वृक्षारोपण के माध्यम से लोगों को प्रेरित कर रहे है इसके अलावा हर साल फ्लावर मेला आयोजित कर लोगों को प्रकृति से जोड़ने का हर सम्भव कोशिश करते आ रहे है । इसके अलावा आम मेला का आयोजन राष्ट्रीय स्तर का रायपुर में शासन का समन्वय लेकर करते है । इनके कार्यों को काफी सराहना मिलती है । जो भी करते है दिल से करते हैं ।
कोरोना के बाद इन्हें बांस प्रेम ने जकड़ लिया इसके लिए इन्होंने रायपुर से लगभग 20 से 30 किलोमीटर दूर दुर्ग जिले के खपरी गिरहौला ग्राम में बड़े स्तर पर 50 से ज्यादा किस्मों के बांस लाकर नर्सरी तैयार किया जो अब ढाई साल में एक बहुत अच्छा बम्बू पार्क तैयार हो गया । छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहला होगा जो बांस का नर्सरी लगाया गया है । शासन के लोग इनके इस कार्य से बहुत खुश है और सराहना करते थकते नही ।
भविष्य में ये इसे एक उद्यम की तरफ देखना चाहते ताकि बांस बहुत से परिवारों का रोजगार का माध्यम बन सके । बांस की खेती के साथ साथ बांस से बनने वाले उत्पाद व उसे बिक्री के लिए एक बड़े बाजार की स्थापना हो ये इनका सपना है ।
सपने को पूरा करने के लिए दिन रात संघर्ष कर रहे है इनके इस कार्य से इनकी एक अलग ही पहचान बनी हुई है मित्र दोस्त परिवार हर कोई इनकी तारीफ करता है । यही तारीफ इन्हें मजबूती देता है और आगे बढ़ने की प्रेरणा भी ।
आप इन्हें नीचे दिए गए वीडियो लिंक पर जुड़ सके हैं
https://youtu.be/bQjg8LW_4lk?si=KvRzZG_Fp85RpKfG
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