*जन जुड़ाव* अनमोल फाउंडेशन द्वारा संचालित एक ऐसा मंच है जो जमीनी स्तर किए जा रहे छोटे छोटे स्वेच्छिक प्रयासों की सफल कहानियों, शासकीय योजनाओं व जनहित से जुडी कानूनी जानकारियों को संग्रह कर प्रसारित करने हेतु तैयार किया गया है
Monday, 20 April 2020
Sunday, 19 April 2020
श्रमिकों में अनहोनी का डर उन्हें अपने घर की ओर खींच रहा
मीडिया में प्रकाशित सरकारी दावों से पता चलता है कि छत्तीसगढ़ राज्य से 26505 श्रमिक 20 राज्य व 3 केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे हुए है । ये सभी श्रमिक राज्य के 26 जिलों से बताया जा रहा है ।
जैसा कि कल ही कि बात है हमारेके एक साथी अनिल बंम्हने जी से कोटा के लालपुर में मध्यप्रदेश के श्रमिकों से मुलाकात हुई जो छत्तीसगढ़ के रायपुर में कई स्टील फैक्ट्री में काम करते थे । पैदल ही अपने गांव निकल लिए पूछे जाने पर बताया कि उनके पास पैसे खत्म हो रहे है आगे कैसे खाएंगे किसी किसी ने उन्हें बताया कि ये लॉक डाउन तो 3 माह चलेगा । बस डर बैठ गया भूख से मर जाएंगे इससे अच्छा तो पैदल ही निकल लेते है । अनिल जी ने बताया कि उन मजदूरों से बात करते वक्त उनके हाथ पैर कांप रहे थे उन मजदूरों व उनके परिवार व बच्चों की हालत देखकर । रायपुर से 3 दिन में कोटा पहुचे थे उसके बात उन्हें अनुपपुर और शहडोल जाना था । रात में कहां रुकते थे कैसे खाते बनाते थे ये पूछने की हिम्मत ही नही हुई ।
ठीक इसी तरह बेमेतरा के कुछ मजदूर कानपुर उत्तर प्रदेश में फंसे हुए है वे वापस घर आना चाहते अपने घर वालों को फोन किया कि हमे आना है । हम लोग कानपुर से पैदल निकल रहे है उनके घर वालों को लगा पता नही क्या मामला है हो सकता है खाने पीने की दिक्कत हो उन्होंने किसी तरह मेरी जानकारी ली और मुझे उनका पता दिया नम्बर भी दिया । हमने जब बात की और पूछ की क्या खाने रहने की दिक्कत है तो किसी साथी को बोलकर व्यवस्था करता हूँ तो उन सभी ने कहा कि उनके पास खाने और रहने की व्यवस्था है लेकिन हम लोग घर आना चाहते है किसी तरह व्यवस्था करा दीजिए । अनजाना भय है उनके मन मे ।
ऐसे ही छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में पलामू झारखण्ड के कुछ साथी है जिनके पास खाने की व्यवस्था नही होने से परेशान थे सूचना आई तो सी एम के सलाहकार श्री राजेश तिवारी जी से बात कर कलेक्टर के माध्यम से उनके खाने की व्यवस्था कराई गई लेकिन उनकी भी मांग थी कि घर जाना है ।
ये घर जाने की जिद्द क्यों , हम जब बुरे वक़्त में घिरे होते है सबसे पहले अपने याद आते है अपना गांव घर याद आता अगर हम बाहर होते है । वही अनजाना भय इन मजदूरों को भी सता रहा है ।
लॉक डाउन खुलेगा की नही इस बात से पूरा देश ससंकित है वे तो मजदूर है । ये लॉक डाउन नही खुलने का भय ही सबको अपने गांव व घर की याद दिला रहा है ।
सरकार को इस पर जरूर विचार कर व्यवस्था बनानी चाहिए ।
Saturday, 18 April 2020
अनमोल फाउंडेशन का COVID19 से प्रभावित लोगों के लिए छोटा सा प्रयास
हमारे पास फंड नही है संसाधन नही है इसलिए चाहकर भी कुछ नही कर पा रहे थे
लेकिन समाज सेवा के जज्बे के कारण एडवोकेसी करने का निर्णय लिया गया जिसमें हमने छत्तीसगढ़ में अपने सक्रिय स्वेच्छिक जगत के साथियों , विश्वविद्यालय के MSW के छात्र छात्राओं , मीडिया के मित्रों व हमारे क्लासमेट्स को मिलाकर एक तत्काल व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। जिसमे 22 जिलों से साथी जुड़े उन साथियों को हमने ब्लाक लेबल ग्रुप बनाने का सुझाव दिया ताकि जानकारी संकलित की जा सके ।
इस ग्रुप के माध्यम से हम जानकारी संकलित कर शासन के साथ एडवोकेसी करने लगे जिसका फायदा तत्काल लोगों को मिलने लगा ।
अभी तक कि उपलब्धि यह रही कि CM के सलाहकार श्री राजेश तिवारी जी के नेतृत्व में NGOs का ग्रुप बना जिसमे हमे शामिल किया गया जिसमे विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हम सभी अपनी बात तिवारी जी को देते है और वे तत्काल CM को।
इनके माध्यम से हमने बिलासपुर जिले के कोटा ब्लाक के 48 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का काम शुरू कराया।
अपने घर जाने के लिए निकल चुके 150 से ज्यादा मजदूरों को बिलाड़ी रायपुर, बेलगहना बिलासपुर, में खाने व रुकने की तात्कालिक व्यवस्था ग्रुप के द्वारा की गई ।
बाहर गए मजदूरों को जानकारी संकलित कर शासन के साथ संवाद कर उन्हें मदद दिलाया जा रहा जिसमे 60 से ज्यादा मजदूरों को सहायता करा पाए ।
स्थानीय स्तर पर भी हम शासन व अपने मित्रों की मदद से श्रमिकों को सहयोग कर पा रहे है अभी तक 300 से ज्यादा श्रमिको भोजन आवास दिलाने में मदद कर पाए है ।
अब हम कई नेशनल नेटवर्क संस्थाओं के संपर्क में है जो हमसे जानकारी चाहते है ताकि वे मदद कर सके जिसके लिए हम अभियान चला कर बाहर गए श्रमिको की विस्तृत जानकारी संकलित कर रहे है ताकि उन एजेंसी की मदद से बाहर के राज्यों में भी तत्काल भोजन आदि की व्यवस्था कराई जा सके।
साथ ही हम अनमोल फाउंडेशन की तरफ से सीधे मदद करने के उद्देश्य से फंड रेजिंग अभियान भी चला रहे है जिसमे छोटी छोटी मदद के लिए लोग आगे आ रहे है ।
संजय शर्मा - मैनेजिंग ट्रस्टी अनमोल फाउंडेशन
सचिव - छत्तीसगढ़ वालंटरी एक्शन नेटवर्क (NGO नेटवर्क)
Friday, 17 April 2020
Thursday, 16 April 2020
Minutes of the Meeting of CSOs with Sri Rajesh Tiwari, Advisor to Honorable Chief Minister, Chhattisgarh
Minutes of the Meeting of CSOs with Sri Rajesh Tiwari, Advisor to Honorable Chief Minister,
Date: April 13,2020
Mode of Meeting: Zoom Conference Call
Following persons participated in the meeting.
Sr. No Name of Person Designation Organization
1. Mr. Rajesh Tiwari Advisor to Honorable Chief Minister
Government of Chhattisgarh
2. Basant Yadav President Sahabhagi Samaj Sevi Sanstha
3. Saroj Mahapatra Integrator PRADAN
4. Gangaram Paikra President Chaupal Gramin Vikash Sanstha
5. Manjeet K Bal State Head Samerth Charitable Trust
6. Rajnish Gupta Secretary ASORD
7. Namita Mishra State Head UNDP
8. Sanjay Sharma Secretary VANI Network
9. Yogendra P Singh President Jan Kalyan Samajik Sanstha
10. Rajat Kumar State Head CASA
11. Anand Shukla State Head OXFAM India
12. Kuntal Mukherjee Team Coordinator PRADAN
Mr. Basant Yadav welcomed all and gave a brief introduction of all 0rganizations. He also shared the
meeting agenda with all. Mr. Rajesh Tiwari gave a brief overview of Government efforts dealing with the
COVID-19 situation in Chhattisgarh. He shared about the interventions the Government is doing such as
distributing food grains in the rural areas, attending the vulnerable, marketing of NTFPs, financial support
to all HHs through Jan Dhan and other state programs, Quarantine centers, protection kits to frontline
workers, migrant laborers, etc. In continuation of this, all the attendees updated the major engagements of
their organisations, initiatives and way forward to deal with the situation in the state.
The summary of discussion and recommendations are as follows.
During this lock down period, migrant labors are blocked in many places. In all the cases
administration took active steps to address the problem to provide food grains to them. CSOs
worked with block and district administration to provide additional ration like oil, masala, potato,
onion, pulses and medical kits to them.
The lockdown has disproportionately hurt marginalized communities due to loss of livelihood and
lack of food, shelter, health, and other basic needs. Due to the lockdown conditions in villages have come to a standstill, struggling to carry out the essential work for living in addition to facing
the challenges in managing the quarantine and isolation. Loss of employment/wage earning
opportunities/income affecting their financial and health situation. Under MGNREGA, a smaller
number of laborers are working though this is the peak time for the earthwork. Similarly, the
NTFP collection is being done by villagers, but they are selling to traders as they need immediate
cash to meet the Household expenses. Current scenario surely will affect the livelihoods of rural
agrarian households especially the ultra-poor and marginalized families who mostly depend on
the wage earning from local works during this high season (March and April) of wage
opportunities. Farmers usually start planning and preparatory works for the kharif season during
this April to June period. Without having the surplus or cash in hand, it is sure that a large chunk
of farmers will not able to manage the next kharif season crops which will be the assurance for
food and cash for the next 1 year. Understanding these upcoming challenges, preparedness needs
to be there before the monsoon to protect the livelihoods of such community.
Recommendations:
Wide scale awareness on maintaining hygiene, social distancing, cleaning common dwellings is
required to be done through IECs, videos, A team of ward panch, cadres promoted by CGSRLM (
CRPs, AKMs, Pashu Sakhi etc), GRS and Mates can be formed to disseminate knowledge and
awareness among villagers by each one meet one process through IEC of local language. NGOs
may play a larger role in this. The surveillance team can look into the following aspects.
Any new arrival in the village in the last 24 hours,
Coronal symptoms in the last 24 hours,
Ensure that the communication materials/ soap etc. have reached to each household,
Ensure that an isolation house is identified for quarantine and protocols are followed.
Informing the district administration and ensuring health care
Protecting old (above age of 60)
Demonstration of use of soaps, sanitizers and mask in HH level by team
preparation of grounding training
Awareness drive at village level to mobilise farmers for individual works related to livelihoods of
small and marginal Households under MGNREGA (where social distance can be maintained) to
get immediate cash income. Timely payment and cash at door step may be ensured by Bank
Sakhi and FTO.
SHGs may collect NTFPs like Mahua and sell to Govt directly similar to Vandhan model. Some
bonus may be provided to the HHs later on. Thoughts need to go for Tendu leaves collection and
trading.
For cash support for groceries to mostly vulnerable families Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojna,
14th finance, Parshad Fund, etc. can be used for this time. At least 2 Quintal rice is to be
maintained at GP level as per Govt. directives.
CSOs may help in identifying the vulnerable households and provide the required food grains
working in close coordination with Janpad and ZP It was also discussed that all the Households who don’t have ration card may be supported
through various initiatives and over a period of time the cards may be issued.
The area/villages with PVTG community should be under lock down from outsiders for some
period. The food grains, medicines should be provided with full precautions to them. For remote
areas, the dry ration can be provided with rice and dal; especially for identified PVTG areas
where nutrition, hygiene and health are major issues.
The shelter home at Raipur with support from district administration and Samerth Trust is
running well to provide food and logistics support mainly to the Households coming from
outside. Various activities like Yoga, Sports, education of children, regular health checkup are
also provided by local teachers and doctors. These will help people to come out from mental
trauma and intoxication.
The transgenders are facing acute problem of food and cash during lockdown. It was suggested to
discuss with the respective district about this and arrange food grains for them.
For urban areas (mainly BPSUs), the food distribution, medical checkup should be properly
maintained because of high population density and hygiene condition. Transport support to
pregnant women, old age persons should also be provided as per the need and demand.
For post COVID scenario, the migrants labourers who would come from outside may not
immediately move from their villages. People who would return from urban areas are semi-
skilled/skilled people. We need to create database of these people and help these people find new
placement/employment. Alternate livelihood options should be explored with them. Mr. Tiwari
told that there is a provision of Rs 10 Lakhs per district to support the registered labors. The
registration of labors is an ongoing process and can be done with the help of labour department.
Food grains are available now but there could be crisis in May-June and during Kharif. working
capital/small grants need to be arranged for procuring seeds and organic manure, fertilizers for
small and marginal famers as post Covid interventions.
For timely land preparation and summer ploughing in farmers field, the tool banks (power tillers,
small agri. implements, etc.) at GP level or cluster level may be established. The cost of operation
may be subsidized by department, especially for small and marginal farmers, vulnerable
Households.
One of the major problems for CSO staff is restriction in the mobility to villages. Some CSOs
have mobilized fund for helping the vulnerable households and for awareness drive/ campaigning
and preparing IEC materials. However, the recent Govt order mentioning that NGOs can’t
distribute food grains is creating challenge. It was suggested that CSOs should work jointly with
district administration and make a joint strategy to deal with the situation. Mr. Tiwari suggested
to prepare a list of CSOs working in various districts with support from other funding and willing
to work in close coordination with Govt. He will look into the list and discuss with other officials
to issue the required pass for carrying out the activities in the respective areas. It was emphasized
that the strong GO-NGO-Funders collaboration is required at this stage to deal with the situation.
Mr Basant Yadav gave thanks to all for the sharing the observation and recommendations.
Wednesday, 8 April 2020
आदिवासी कंवर समाज ने दिया मुख्यमंत्री राहत कोष में सवा लाख की राशि
रायपुर 8अप्रैल 2020/ कोरोना वायरस संक्रमण आज विश्व के साथ-साथ भारत और इनके राज्यों में अपना पैर पसार चुका है।इस भयंकर महामारी से लड़ने के लिए शासन के साथ-साथ समाज के स्वयंसेवी संस्थाएं, संगठन और लोग सभी सामने आ रहे हैं। इसी तारतम्य में आज छत्तीसगढ़ कंवर आदिवासी समाज ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 1लाख 25 हज़ार रुपए का राशि का चेक कलेक्टर डॉ एस भारती दासन को सहयोग के रूप में प्रदान किया।
छत्तीसगढ़ कंवर आदिवासी समाज के अध्यक्ष श्री हरवंश सिंह मिरी ने कहा कि शासन द्वारा किए जा रहे दिन-रात मेहनत के कारण छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होने के कगार पर है।ऐसी विषम परिस्थिति में सभी लोगों को सहायता के लिए स्वमेव आगे आना चाहिए।लोग शासन द्वारा जारी एडवाइजरी का कठोरता से पालन करे।शासन के साथ कंवर समाज हमेशा कदम से कदम मिलाकर यथा योग्य सहयोग के लिए साथ खड़ा है और समाज के तरफ से यथासंभव जो भी सहयोग होगा वह हस्त मुक्त से कंवर समाज द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर कंवर समाज के प्रदेश महासचिव श्री नकुल चंद्रवंशी,कोषाध्यक्ष श्री बसंत दीवान और कार्यालय सचिव श्री छत्रपाल सोनवानी उपस्थित थे।
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