आज विश्व पर्यावरण दिवस है, पर्यावरण बचाना हम सबका कर्तब्य है। वैसे तो विकास के नाम पर जिस तरह से पिछले कुछ दशकों में विनाश किया जा रहा है यह किसी से छुपा नही है ।
एक तरफ तो अभियान चला कर वृक्षारोपण किया जाता है लेकिन यह सिर्फ वृक्षारोपण तक ही सीमित रह जाता है लगाए गए पौधों की देखरेख व पानी देना भूल जाते है जिससे उसमे से कुछ ही पौधे बड़े हो पाते है बाकि सब नष्ट हो जाते है ।
बड़ी बड़ी फैक्ट्रियों ने जिस तरह से प्रदूषण फैला रखा है उससे वायु में भयावह प्रदूषण की स्थिति है यह भी सब जानते ही है । सरकारें इस ओर कितना और कैसे ध्यान देती है इसे सब जान ही रहे है ।
ऐसा लगता है हमारे बड़े बड़े विशालकाय भारतीय पेड़ों का विनाश एक सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है । और उसके बदले विदेशी पौधों को लगाया जा रहा है फिर ऐसे पौधों को लगाया जाता है जिसमे न तो पक्षी अपना घोंसला बना सकते है न ही कीट पतंगे। कोई पौधा हमारे भारतीय पौधों जैसा फल देने वाला नही होता जिसे खाकर पशु पक्षी अपना जीवन जी सके ।
इस विश्व पर्यावरण दिवस पर हम आप सभी से अनुरोध करते है पौधा जरूर लगाए और कोशिश करें कि हमारा देशी पौधा ही लगाएं ।
#विश्वपर्यावरणदिवस
*जन जुड़ाव* अनमोल फाउंडेशन द्वारा संचालित एक ऐसा मंच है जो जमीनी स्तर किए जा रहे छोटे छोटे स्वेच्छिक प्रयासों की सफल कहानियों, शासकीय योजनाओं व जनहित से जुडी कानूनी जानकारियों को संग्रह कर प्रसारित करने हेतु तैयार किया गया है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
भाटापारा में चिराग द्वारा सामुदायिक गतिशीलता कार्यक्रम आयोजित
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति रायपुर के सहयोग से चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी अम्बिकापुर द...
-
जमीनी स्तर पर कार्यरत स्थानीय स्वैच्छिक संस्थाओं की चुनौतियां -भारत में सदियों से सेवा भाव का स्वरुप इतिहास में पढ़ने को मिलता है, जब देश आजा...
-
औद्योगिक क्रांति के नाम पर जो जंगलों व वनों तथा नदी का संहार हो रहा है उससे तो लग रहा है कि इस भीषण गर्मी से राहत मिलने नामुमकिन है । हां तभ...
-
आपने वृक्ष मित्र का सुना होगा, पर्यावरण या प्रकृति प्रेमी शब्द सुना होगा। अपने नदी प्रेमी भी सुना होगा लेकिन क्या आपने बांस प्रेमी का नाम सु...
No comments:
Post a Comment