Sunday, 6 July 2025

देशी जामुन गरीबों को मिठास देने के साथ साथ स्वास्थ्य का भी खयाल रखते हैं

इस समय हमारे कार्यक्षेत्र के ग्रामों में देशी जामुन के फल पक कर पेड़ों पर लदे हुए हैं । ये जामुन के फल आकार में छोटे -छोटे होते हैं लेकिन मिठास में कोई कमी नही होती । पौष्टिक गुणों से भरपूर स्वास्थ्यवर्धक जामुन खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है 
यह जामुन शहरी जामुन से बिल्कुल ही अलग होते हैं लेकिन खाने में या स्वाद में कोई अंदर नहीं होता । पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे -छोटे नदी नालों के किनारे तो बहुतायत में मिल जाता है। 
चिंता इस बात की है कि गांवों में मिलने वाले शुद्ध देशी फल व सब्जियां अब हाईब्रिड में परिवर्तित होते जा रही है । जिससे ये देशी फल या सब्जियां देखने को भी बड़ी मुश्किल से मिलती हैं। 
हमे विलुप्त हो रहे फल व सब्जियों को बचाना होगा और पुनः बढाने के लिए कार्य करना होगा । व्यवसायीकरण के इस युग मे वास्तव में शुद्ध चीजें मिलना मुश्किल ही नही असंभव सा हो गया है । ऐसे में अगर कुछ चीजें गांवों में बची हैं तो उन्हें संरक्षण दिया जाए ।

Saturday, 5 July 2025

पारम्परिक बीजों का संरक्षण जरूरी

अनमोल फाउंडेशन अपने कार्यक्षेत्र में पारम्परिक कृषि बीजों का संरक्षण कर उन्हें बढ़ावा दे रही है। पारम्परिक बीज चाहे वे सब्जी के हों या कृषि के सब धीरे -धीरे करके विलुप्त होते जा रहे हैं । 
ये बीज हमारे लिए बहुत ही उपयोगी है। इन्हें बचाना जरूरी है ।
हमारे पूर्वज इन्ही बीजों को रखते थे और खेती करते थे उन्हें कहीं लाइन लगाकर बीज लेने जाने की जरूरत नहीं पड़ती थी । लेकिन लालच में आकर सबने इन बीजों को नष्ट कर दिया और उन बीजों के पीछे भागने लगे जिन्हें हम बचा कर बीज के लिए नहीं रख सकते । 
पारम्परिक बीज अभी कहीं थोड़े बहुत बचे हैं तो वे हमारे जंगलों में रहने वाले आदिवासी जनजाति समुदाय के लोगों के पास ही बचे है ।
इन्होंने लालच में आकर पारम्परिक बीजों को नष्ट नहीं किया है बल्कि उन्ही की खेती करते आ रहे हैं ।
कुछ NGOs हैं जो इन बीजों को बचाने में लगे है उन्हें बढ़ाने का काम भी समुदाय के साथ मिलकर कर रहे हैं । ताकि बीज तो बचे ही साथ मे हमारा पर्यावरण भी संरक्षण हो और स्वास्थ्य अच्छा रहे ।
अनमोल फाउंडेशन भी इस पर काम कर रही है । सरगुजा जिले के 10 ग्रामों में छोटे छोटे स्तर पर इसकी खेती करा कर इसे बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है । 

Thursday, 3 July 2025

मेहनत जब फल देने लगे

जब आपका श्रम फल देने लगे तो आपकी प्रसन्नता का ठिकाना नही रहता । ठीक इसी तरह जो पेड़ लोगों ने लगाए वो अब फल देने की तैयारी में है । इससे लोग प्रसन्न और उत्साहित हैं । 
कुछ साल पहले जब अनमोल फाउंडेशन व ग्राम अधिकार मंच के सहयोग से लोगों को फलदार पौधे लोगों को दिए गए थे उन पौधों में से सीताफल का पौधा अब फूल और फल देने लगा है। 
लोग अपनी मेहनत का फल देखकर प्रसन्न है उन्हें खुशी है कि उनका लगाया हुआ पौधा अब फल देने लगा है ।अच्छा परिणाम ही प्रसन्नता देता है । अब और पौधा लगाने के लिए प्रेरित होने लगे है। 

Tuesday, 1 July 2025

जरूरत से ज्यादा अपेक्षा नहीं इसलिए मुस्कुराते हैं

इनके चेहरों की मुस्कुराहट को देखिए । विकास और कनेक्टिविटी से कोसों दूर पर जंगलों के बीच रहने वाले लोगों के चेहरे पर मुस्कान इस बात का प्रमाण है कि ये लोग सिर्फ जीवन जीने के लिए जरूरत की चीजें की ही अपेक्षा करते हैं । जो इन्हें अपने आसपास मिल जाती हैं । 
ये लोग पीडीएस का राशन लेने 4 किलोमीटर दूर नदी पार कर जाते हैं । ग्राम में 100 परिवार रहते है। घने जंगलों के बीच बसा तुलबुल गांव बेहद ही खूबसूरत है। 
जैसा खूबसूरत गांव है वैसे ही दिलों से खूबसूरत लोग भी यहां रहते हैं । 
मेरा मिलना हुआ इन लोगों से बातचीत कर इनके बारे में जाना । कई जानकारियां हमे मिली । जो हमारे लिए नई थी । कई सुविधाएं यहां तक पहुचती ही नहीं लेकिन ये प्रसन्न हैं । मिल गया तो ठीक नही मिला तो कोई गम नहीं । 
#सीखनेकाअभियान

देशी जामुन गरीबों को मिठास देने के साथ साथ स्वास्थ्य का भी खयाल रखते हैं

इस समय हमारे कार्यक्षेत्र के ग्रामों में देशी जामुन के फल पक कर पेड़ों पर लदे हुए हैं । ये जामुन के फल आकार में छोटे -छोटे होते हैं लेकिन मिठ...