यह जामुन शहरी जामुन से बिल्कुल ही अलग होते हैं लेकिन खाने में या स्वाद में कोई अंदर नहीं होता । पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे -छोटे नदी नालों के किनारे तो बहुतायत में मिल जाता है।
चिंता इस बात की है कि गांवों में मिलने वाले शुद्ध देशी फल व सब्जियां अब हाईब्रिड में परिवर्तित होते जा रही है । जिससे ये देशी फल या सब्जियां देखने को भी बड़ी मुश्किल से मिलती हैं।
हमे विलुप्त हो रहे फल व सब्जियों को बचाना होगा और पुनः बढाने के लिए कार्य करना होगा । व्यवसायीकरण के इस युग मे वास्तव में शुद्ध चीजें मिलना मुश्किल ही नही असंभव सा हो गया है । ऐसे में अगर कुछ चीजें गांवों में बची हैं तो उन्हें संरक्षण दिया जाए ।