अनमोल फाउंडेशन अपने कार्यक्षेत्र में पारम्परिक कृषि बीजों का संरक्षण कर उन्हें बढ़ावा दे रही है। पारम्परिक बीज चाहे वे सब्जी के हों या कृषि के सब धीरे -धीरे करके विलुप्त होते जा रहे हैं ।
हमारे पूर्वज इन्ही बीजों को रखते थे और खेती करते थे उन्हें कहीं लाइन लगाकर बीज लेने जाने की जरूरत नहीं पड़ती थी । लेकिन लालच में आकर सबने इन बीजों को नष्ट कर दिया और उन बीजों के पीछे भागने लगे जिन्हें हम बचा कर बीज के लिए नहीं रख सकते ।
पारम्परिक बीज अभी कहीं थोड़े बहुत बचे हैं तो वे हमारे जंगलों में रहने वाले आदिवासी जनजाति समुदाय के लोगों के पास ही बचे है ।
इन्होंने लालच में आकर पारम्परिक बीजों को नष्ट नहीं किया है बल्कि उन्ही की खेती करते आ रहे हैं ।
कुछ NGOs हैं जो इन बीजों को बचाने में लगे है उन्हें बढ़ाने का काम भी समुदाय के साथ मिलकर कर रहे हैं । ताकि बीज तो बचे ही साथ मे हमारा पर्यावरण भी संरक्षण हो और स्वास्थ्य अच्छा रहे ।
अनमोल फाउंडेशन भी इस पर काम कर रही है । सरगुजा जिले के 10 ग्रामों में छोटे छोटे स्तर पर इसकी खेती करा कर इसे बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है ।
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