RTE watch द्वारा मंथन सभाकक्ष में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के कार्यक्रम में विश्लेषकों ने बहुत सारी बाते रखी जिनमे कुछ इस तरह है जिसे हमने समझने की कोशिश की .....
इन नीति में खामियां
* NEP केवल नीति है जबकि RTE एक कानून, नीति से कानून को खत्म करने की साजिश है ऐसा लगता है
* शिक्षा के लिए अंतरिम बजट से भी कम बजट का प्रावधान किया गया है क्यों यह समझा जा सकता है
* 3 से 18 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा की बात कही है यह सिर्फ प्राइवेट स्कूलों में होता था जो अब सरकारी स्कूल में करने की बात कर रहे है तो आंगनबाड़ी का क्या भूमिका होगा
*स्कूल क्लस्टर की बात हो रही है जिसमे 10-20स्कूल के बीच एक हाई स्कूल होगा जिसका प्रिंसिपल कलस्टर चीफ होगा तो सवाल यह कि क्या हाई स्कूलों की संख्या घटाई जाएगी तो 20 स्कूल के बच्चे हाई स्कूल पढ़ने कहाँ जाएंगे ।
* विषयों का चयन 9 वी कक्षा से करने का प्रस्ताव है साथ ही ओपन डिस्टेंश लर्निंग की बात हो रही है तो क्या स्कूलों को समेट देंगे और पढ़ाई शिक्षकों के माध्यम से न होकर ऑनलाइन होगी जिसमें बच्चा खुद पढ़ेगा या खुद समझेगा या ट्यूशन क्लासेज की तरफ जाएगा मतलब की प्राइवेट स्कूल या ट्यूशन को बढ़ावा मिलेगा ।
* नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाया गया जिसके लिए 20 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है लेकिन जिसको तत्काल में 400 करोड़ का बजट दिया गया क्यो प्रावधान किए गए बजट से बाहर जाकर दिया गया एक सवाल है
* 4 मेट्रो के 217 लोगो से चर्चा कर नीति को ड्राफ्ट किया गया इसके लिए किसी राज्य से सलाह नही लिया गया ऐसा क्यों ?
* शिक्षा नीति को लेकर किसी राजनीतिक दल ने कोई प्रतिक्रिया नही दी है यह सोचने वाली बात है
* यह शिक्षा नीति कहीं न कही सरकारी स्कूलों को समाप्त कर प्राइवेट स्कूलों की ओर जाने के लिए मजबूर करने का इशारा कर रही है ।
*अच्छी बातें*
* सरकारी स्कूलों को प्लब्लिक स्कूल कहा जाएगा
* मानव संसाधन मंत्रालय की जगह शिक्षा मंत्रालय होगा
* अलग अलग विषयों के विश्व विद्यालय की जगह एक विश्वविद्यालय होगा ।
*सुझाव*
* एस एम सी को मध्यान्ह भोजन की जिम्मेदारी देनी चाहिए
* 31 जुलाई की तिथि को बढ़ाया जाना चाहिए
* हर राज्यों में कार्यशाला आयोजित कर सुझाव लिए जाने चाहिए
* स्वेच्छिक संस्थाओं की ओर से भी ज्यादा से ज्यादा सुझाव जाने चाहिए