Wednesday, 24 July 2019

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 पर चर्चा

RTE watch द्वारा मंथन सभाकक्ष में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति  2019 के कार्यक्रम में विश्लेषकों ने बहुत सारी बाते रखी जिनमे कुछ इस तरह है जिसे हमने समझने की कोशिश की .....

इन नीति में खामियां
* NEP केवल नीति है जबकि RTE एक कानून, नीति से कानून को खत्म करने की साजिश है ऐसा लगता है
* शिक्षा के लिए अंतरिम बजट से भी कम बजट का प्रावधान किया गया है क्यों यह समझा जा सकता है
* 3 से 18 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा की बात कही है यह सिर्फ प्राइवेट स्कूलों में होता था जो अब सरकारी स्कूल में करने की बात कर रहे है तो आंगनबाड़ी का क्या भूमिका होगा
*स्कूल क्लस्टर की बात हो रही है जिसमे 10-20स्कूल के बीच एक हाई स्कूल होगा जिसका प्रिंसिपल कलस्टर चीफ होगा तो सवाल यह कि क्या हाई स्कूलों की संख्या घटाई जाएगी तो 20 स्कूल के बच्चे हाई स्कूल पढ़ने कहाँ जाएंगे ।
* विषयों का चयन 9 वी कक्षा से करने का प्रस्ताव है साथ ही ओपन डिस्टेंश लर्निंग की बात हो रही है तो क्या स्कूलों को समेट देंगे और पढ़ाई शिक्षकों के माध्यम से न होकर ऑनलाइन होगी जिसमें बच्चा खुद पढ़ेगा या खुद समझेगा या ट्यूशन क्लासेज की तरफ जाएगा मतलब की प्राइवेट स्कूल या ट्यूशन को बढ़ावा मिलेगा ।
* नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाया गया जिसके लिए 20 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है लेकिन जिसको तत्काल में 400 करोड़ का बजट दिया गया क्यो प्रावधान किए गए बजट से बाहर जाकर दिया गया एक सवाल है
* 4 मेट्रो के 217 लोगो से चर्चा कर नीति को ड्राफ्ट किया गया इसके लिए किसी राज्य से सलाह नही लिया गया ऐसा क्यों ?
* शिक्षा नीति को लेकर किसी राजनीतिक दल ने कोई प्रतिक्रिया नही दी है यह सोचने वाली बात है
* यह शिक्षा नीति कहीं न कही सरकारी स्कूलों को समाप्त कर प्राइवेट स्कूलों की ओर जाने के लिए मजबूर करने का इशारा कर रही है ।

*अच्छी बातें*
* सरकारी स्कूलों को प्लब्लिक स्कूल कहा जाएगा
* मानव संसाधन मंत्रालय की जगह शिक्षा मंत्रालय होगा
* अलग अलग विषयों के विश्व विद्यालय की जगह एक विश्वविद्यालय होगा ।

*सुझाव*
* एस एम सी को मध्यान्ह भोजन की जिम्मेदारी देनी चाहिए
* 31 जुलाई की तिथि को बढ़ाया जाना चाहिए
* हर राज्यों में कार्यशाला आयोजित कर सुझाव लिए जाने चाहिए
* स्वेच्छिक संस्थाओं की ओर से भी ज्यादा से ज्यादा सुझाव जाने चाहिए

Tuesday, 23 July 2019

*हेल्पेज इंडिया द्वारा लेवई में कार्यशाला का आयोजन*



हेल्पेज इंडिया की छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा ग्राम लेवई, कड़ार , अकलतरा में वरिष्ठ नागरिकों व महिलाओं का कुल 30  स्वयं सहायता समूह का गठन एक वर्ष पूर्व गोधूलि कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया है
स्वंय सहायता समूहों के क्षमता विकास के लिए हेल्पेज द्वारा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन ग्राम लेवई (भाटापारा) बलौदाबाजार में किया गया जिसमें स्वंय सहायता समूह के अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष ने भाग लिया ।
सदस्यों को नेतृत्व क्षमता विकास, ग्राम स्तरीय मुद्दों पर प्राथमिकता सुनिश्चित करने, लेखा जोखा रखने, व आय वर्धन गतिविधियों के बाजार व्यवस्था के सम्बंध में प्रशिक्षण प्रदान किया गया ।
जन कल्याण सामाजिक संस्था के अध्यक्ष श्री योगेंद्र प्रताप सिंह व अनमोल फाउंडेशन के श्री संजय शर्मा जी ने सदस्यों को प्रशिक्षण प्रदान किया ।
कार्यशाला की अध्यक्षता हेल्पेज के राज्य प्रमुख श्री शुभांकर विस्वास जी ने किया तथा कार्यक्रम का आयोजन व सहयोग श्री संदीप मिश्रा व श्री दीपक ने किया ।
कार्यक्रम समापन के अवसर पर हेल्पेज व समूह की ओर से प्रशिक्षकों का सम्मान किया गया ।

Friday, 19 July 2019

हेल्पेज द्वारा द्वारा सिंगारपुर में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

*स्वंय सहायता समूह का क्षमता वर्धन पर कार्यशाला*

हेल्पेज इंडिया रायपुर द्वारा बलौदा बाजार जिले के भाटापारा विकासखंड अंतर्गत स्थित ग्राम सिंगारपुर के मवाली माता मंदिर प्रांगण में स्वयं सहायता समूहों के प्रमुखों व सदस्यों की क्षमता विकास हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
उक्त प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य स्वंय सहायता समूहों में नेतृत्व क्षमता बढ़ाना, लेखा जोखा के रख रखाव पर समझ विकसित करना, एक समूह का दूसरे समूह के साथ जुड़ाव बनाकर अपने कार्यक्रमों व गतिविधियों को मजबूती प्रदान करना था
साथ ही अपनी कार्ययोजना तैयार करने हेतु पी आर ए तकनीक का उपयोग करते हुए व सूक्ष्म स्तरीय नियोजन किस प्रकार तैयार करेंगे इस पर समझ बढ़ाना ।
प्रशिक्षण कार्यशाला को जन कल्याण सामाजिक संस्थान राजनांदगांव के अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ वालंटरी एक्शन नेटवर्क के अध्यक्ष श्री योगेंद्र प्रताप सिंह व अनमोल फाउंडेशन के ट्रस्टी व छत्तीसगढ़ वालंटरी एक्शन नेटवर्क के सचिव व जन जुड़ाव के संस्थापक श्री संजय शर्मा जी ने समूह की महिलाओं समूह चर्चा के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को  हेल्पेज के राज्य प्रमुख श्री शुभांकर विस्वास जी ने हेल्पेज द्वारा चले जा रहे गतिविधियों के बारे में समूह को जानकारी दी व स्थानीय जनप्रतिनिधि व समाज सेवक तथा पेशे से चिकित्सक डाक्टर गोपाल प्रसाद साहू जी  ने संबोधित कर समूह को अच्छे से सक्रियता के साथ कार्य करने का आवाहन किया व हेल्पेज इंडिया का आभार व्यक्त किया ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में संदीप मिश्रा व दीपक का विशेष भूमिका रही है कार्यक्रम 100 से ज्यादा महिलाओं ने भाग लिया ।

Tuesday, 16 July 2019

महिलाओं के प्रयास से आंगनबाडी खोलने को मजबूर हुआ प्रशासन


बिलासपुर जिले के कोटा विकास खंड स्थित ग्राम पंचायत सल्का के आश्रित ग्राम फुलवारी जिसकी आबादी कम होने के कारण आंगनबाडी केंद्र नही है जबकि शहरी क्षेत्र में 1000- 800 और आदिवासी क्षेत्र में 400 की आबादी या 40 बच्चे और मिनी आंगनबाडी केंद्र के लिए 300 की आबादी एवं 25 बच्चो का होना अनिवार्य है |
ग्राम में आंगनबाडी नही होने से ग्राम के लोगों को खासकर गर्भवती महिलाओं को रेल लाइन व् 2 नालों को पार कर 4 किलोमीटर पैदल चलकर पूरक पोषण आहार लेने जाना पड़ता है बरसात के दिनों में कई बार नाला भरे होने के स्थिति में टीकाकरण व पोषण आहार वंचित रहा जाते है | इन सभी परेशानियों को शासन को अवगत कराया गया विभाग ने नियम का हवाला देकर काम नही किया गया | फिर ग्राम की महिलाओं ने एक साथ मिलकर अनुविभागीय अधिकारी और जनपद कार्यालय एवं खंड चिकित्सा अधिकारी को अपनी समस्या बताते हुए ज्ञापन दिया और समस्या के निराकरण की मांग की गई | अधिकारियों समस्या को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल गाँव के नजदीक आंगनबाडी केंद्र नवाडीह में टीकाकरण और पूरक पोषाहार सुविधा मुहैय्या कराने के निर्देश जारी किए आखिर संघर्ष की जीत हुए |

Monday, 15 July 2019

महिला समूह की जिद्द ने गाँव में सार्वजनिक जन वितरण प्रणाली की दूकान खोलने को विवश कर दिया



छत्तीसगढ़ राज्य के जिला मुंगेली स्थित विकास खंड लोरमी के दौनाखार ग्राम जो की आदिवासी बाहुल्य है | 500 जनसंख्या वाला यह ग्राम अचानकमार अभ्यारण के दक्षिणी पूर्वी छोर पर स्थित है | यह गाँव वैसे तो बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड से लगा हुआ है लेकिन इस गाँव के लोगो को जिला कार्यालय मुंगेली जाने के लिए 80 किलोमीटर व विकास खंड कार्यालय जाने के 45 किलोमीटर का सफ़र तय करना पड़ता है | 18 किलोमीटर की पहाडी जिसे पैदल पार कर कभी कभी किराए का वाहन लेकर 25 किलोमीटर सफ़र करने के बाद अचानकमार जाकर जन वितरण प्रणाली से इन्हें राशन लाना पड़ता है | ग्राम में ही सार्वजनिक जन वितरण प्रणाली की दूकान खोलने के लिए महिलाओं ने सरकारी महकमे को की बार आवेदन दिया लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही थी इसके बाद विधिक सेवा आयोग के सचिव के समक्ष महिलाओं ने अपनी समस्या को रखा जिसके बाद दौनाखार में सार्वजनिक जन वितरण प्रणाली दूकान खुली महिलाओं की एकजुटता व परिश्रम का परिणाम सफल रहा | महिलाओं की जीत हुई |

पुष्पा तिर्की को प्रदेश अध्यक्ष व विकास को महासचिव नियुक्त किया गया

नेशनल पैरा लीगल वॉलिंटियर्स वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से 15 जुलाई को छत्तीसगढ़ राज्य के सभी पैरा लीगल वालंटियर साथियों को प्रदेश स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए एक  बैठक श्री नरेश कुमार चालिया (राष्ट्रीय अध्यक्ष पंजाब चंडीगढ़) जी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन बिलासपुर में किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ के  पैरा लीगल वॉलिंटियर  मौजूद रहे
इस बैठक में छत्तीसगढ़ प्रदेश की कमेटी का गठन किया गया जिसमें पुष्पा तिर्की को प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया गया व प्रह्लाद बंजारे को उपाध्यक्ष, विकास प्रजापति को महासचिव, सुजीत साहू को वित्त सचिव का कार्यभार दिया गया
सभी पैरा लीगल वालंटियर साथियों को समाज के साथ जुड़कर के समाज सेवा के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जोर दिया गया ओर कानूनी सेवा प्राधिकरण के माध्यम से जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और न्याय के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया गया।

बैगा समाज ने स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडे 5 दिन देने की मांग की

आदिम जाति वैगा समाज छत्तीसगढ़ द्वारा कवर्धा जिले के कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर सरकारी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में दिए जा रहे अंडे का समर्थन किया है तथा मांग की की इसे सप्ताह में 5 दिवस प्रदान किया जाए ।
ज्ञात हो कि वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार ने नए सत्र से सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडे देने का आदेश दिया है जिसके आधार पर अब स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा दिया जाना प्रारम्भ हुआ है ।
जिसका विरोध कुछ संगठन मिलकर कर रहे है विधानसभा में भी इसके विरोध में स्वर उठे । जबकि NFH4 अध्ययन के अनुसार 34 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार है जिसमे से 44 % बच्चे अनुसूचित जाति के होते है । ग्रामीण क्षेत्रों तो हर दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार होता है ।
इन्ही बातों को ध्यान में रखकर आदिम जाति बैगा समाज छत्तीसगढ़ द्वारा अंडे को 5 दिन बढ़ाने की मांग के साथ साथ मुर्गी पालन को बढ़ावा देने, स्वंय सहायता समूहों को मध्यान्ह भोजन का संचालन देने तथा समुदाय आधारित निगरानी समिति का गठन करने की मांग की है ।

भाटापारा में चिराग द्वारा सामुदायिक गतिशीलता कार्यक्रम आयोजित

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नई दिल्ली एवं  छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति रायपुर के सहयोग से  चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी अम्बिकापुर द...