बिलासपुर जिले के
कोटा विकास खंड स्थित ग्राम पंचायत सल्का के आश्रित ग्राम फुलवारी जिसकी आबादी कम
होने के कारण आंगनबाडी केंद्र नही है जबकि शहरी क्षेत्र में 1000- 800 और आदिवासी
क्षेत्र में 400 की आबादी या 40 बच्चे और मिनी आंगनबाडी केंद्र के लिए 300 की आबादी
एवं 25 बच्चो का होना अनिवार्य है |
ग्राम में आंगनबाडी
नही होने से ग्राम के लोगों को खासकर गर्भवती महिलाओं को रेल लाइन व् 2 नालों को
पार कर 4 किलोमीटर पैदल चलकर पूरक पोषण आहार लेने जाना पड़ता है बरसात के दिनों में
कई बार नाला भरे होने के स्थिति में टीकाकरण व पोषण आहार वंचित रहा जाते है | इन
सभी परेशानियों को शासन को अवगत कराया गया विभाग ने नियम का हवाला देकर काम नही
किया गया | फिर ग्राम की महिलाओं ने एक साथ मिलकर अनुविभागीय अधिकारी और जनपद
कार्यालय एवं खंड चिकित्सा अधिकारी को अपनी समस्या बताते हुए ज्ञापन दिया और
समस्या के निराकरण की मांग की गई | अधिकारियों समस्या को गम्भीरता से लेते हुए
तत्काल गाँव के नजदीक आंगनबाडी केंद्र नवाडीह में टीकाकरण और पूरक पोषाहार सुविधा
मुहैय्या कराने के निर्देश जारी किए आखिर संघर्ष की जीत हुए |
No comments:
Post a Comment