वाणी नई दिल्ली व
कासा के संयुक्त तत्वावधान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्वेच्छिक संस्थाओं
कि राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया गया | इस कार्यशाला में ३२ संस्थाओं
के प्रमुखों ने हिस्सा लिया | इस कार्यशाला में वर्तमान में स्वेच्छिक संस्थाओं के
समक्ष मुददे व चुनौतिया ,* स्वेच्छिक संस्थाओं के परिपेक्ष्य में ऍफ़.सी.आर.ए.,इनकम
टेक्स व अन्य कानूनी विषयों ,* संस्थाओं का वैधानिक ढांचा *कारपोरेट सामाजिक
दायित्व कि वर्तमान स्थिति * वर्तमान चुनौती पूर्ण स्थिति में स्वेच्छिक संस्थाओं
को अपने आंतरिक स्वशासन / पारदर्शिता के
नए परिस्थिति को समझाने ,* संस्थागत अनुकूल वातावरण ,आतंरिक स्वशासन का ढांचा
,आचार संहिता के सम्बन्ध में संवाद ,* भविष्य कि रणनीति विषयों पर चर्चा कर समाधान के हल ढूढने का
प्रयास किया गया |
कार्यशाला में
उपरोक्त बिन्दुओ पर चर्चा करते हुए आचार संहिता हेतु सभी ने मिलकर स्थानीय स्तर पर
सूचकांक बनाए जिनमे कानूनी दस्तावेज ,निति ,पारदर्शिता ,स्वशासन , अपडेट व सीख
,जबाबदेही ,उत्तरदायित्व , सहभागी , स्थायित्व , जेंडर ,स्वतंत्र ,नेट्वर्किंग तय
किए गए |
अनुकूल वातावरण निर्माण हेतु संस्थाओं को सरकार के साथ जुड़ाव ,अधिकार मूलक काम करने की
जगह तैयार करना ,सरकार के साथ संवाद ,क्रियान्वयन का कानूनी ढांचा ,हितग्राही का
सहयोग ,राज्य का आत्मसात ,मुद्दों पर समझ ,सहयोगी राजनीतिज्ञ ,सामुदायिक संगठन इन
सभी बिन्दुओ पर काम करने की जरूरत है |
वाणी और सहयोगी संस्थाए आगे क्या क्या काम मिलकर
करेंगी इस पर चर्चा करते हुए सुनिश्चित किया गया कि ,आनलाइन पंजीयन व फ़ार्म २७-२८
जमा करने हेतु नियम बनावाए जाए , सी एस आर से सम्बंधित अध्ययन, डाटा संकलन व
एडवोकेसी किया जाए , वाणी कि मेम्बर कि संख्या को बढाया जाए ,प्रत्येक सदस्य कम से
कम १० नए सदस्य जोड़े ,साथ ही जिले स्तर पर भी सदस्य संख्या बधाई जाए , एन.जी.ओ.के
स्व- प्रमाणीकरण के लिए एप्स बनाया जाए , गुड गवर्नेंस का पायलट टेस्टिंग २-४
संस्थाओं में करके इन्डिकेटर बना सकते है ,इन्डिकेटर पर सुझाव दे सकते है , नक्शल
व अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले एन जी ओ की स्थिति को ध्यान में रखकर सरकार के
साथ संवाद स्थापित कर सरकार व स्वेच्छिक संस्थाओं के संबंधो को सुधारा जाए , डाटा
संकलन व एनालिसिस अच्छा होना चाहिए ,अच्छे केश स्टडी का संकलन किया जाए ,राज्य
स्तर से ई न्यूज लेटर का प्रकाशन किया जाए ,जिसके लिए सभी संस्थाए अपने अपने
क्षेत्रो से अच्छी अच्छी केश स्टडी संकलित कर भेजे ,वाणी से जुड़े लोगो कि नियमित त्रैमासिक
बैठक, सरकार के साथ नियमित मुद्दा आधारित संवाद स्थापित किया जाए|
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