आस्था महिला ग्राम संगठन की बहने पहले बिलाड़ी ग्राम में सड़क से लगे हुए 14 एकड़ जमीन के लिए संघर्ष की काफी लड़ाइयां लड़ने के बाद जमीन इनके अधिकार में आई अभी भी कुछ लोग दावा कर विवाद निर्मित करते रहते है लेकिन महिलाओं ने कभी हार नही माना । संघर्ष इनके साथ रच बस गया । ये सभी महिलाएं एकता परिषद से जुड़ी रही है संघर्ष वही से सीखा है । अब महिलाओं ने आस्था महिला ग्राम संगठन बिलाड़ी का गठन कर उससे जुड़ गई । समूह में जुड़ कर इन्होंने 14 एकड़ भूमि पर पहले भूमि सुधार का कार्य किया जिसमें पंचायत ने मनरेगा के तहत मदद की । इनके संघर्ष और प्रयासों को देख पंचायत भी सहयोग में आगे आ गया। धीरे धीरे इन महिलाओं को शासन द्वारा संचालित बिहान परियोजना से जोड़ा गया । जिसमें इन्हें आजीविका से सम्बंधित क्षमता विकास का प्रशिक्षण दिया गया। अब ये महिलाएं जैविक खेती की अनुभवी महिला कृषक है ।
ये खरपतवार ,गोबर व कचरे से कम्पोष्ट व जैविक खाद का निर्माण करती है जिसका प्रयोग ये सब्जी खेती व नर्सरी के विकास में उपयोग करती है गोबर आदि से जीवामृत बना कर पौधों में लगने वाले बीमारियों को समाप्त करती है ।
मुनगा के पत्तियों से चूर्ण बना दवाई के रूप में उपयोग करने हेतु बिक्री भी करती है जैविक फर्श क्लीनर, गोबर के दीपक आदि का भी निर्माण करती है ।
जो महिलाएं कल तक किसी के समक्ष खड़े होने में हिचकिचाहट करती थी आज सबके समक्ष अपनी बातों को अच्छे से बता पाती है ।
इस महिलाओं को आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका समाज सेवी श्री रोहित पाटिल जी निभाते है जो अपने समय मे से समय निकाल कर इन्हें मार्गदर्शन व सहयोग देते रहते है ।
No comments:
Post a Comment