Monday, 31 January 2022

बिलाड़ी की महिलाएं जैविक खेती कर स्वावलंबन का उदाहरण पेश कर रही हैं

जहां चाह है वहां राह है इस मुहाबरे को चरितार्थ करती घुघवा टैक ग्राम बिलाड़ी जनपद पंचायत तिल्दा जिला रायपुर छत्तीसगढ़ की महिलाएं। 
ग्राम की महिलाओं ने मिलकर कार्य की शुरुआत बचत के माध्यम से स्वंय सहायता समूह का गठन कर किया । जिसके पश्चात  बिहान योजना से जुड़कर शासन की योजनाओं से जुड़ी अपनी क्षमताओं को बढ़ाया । आजीविका की सुरक्षा की दिशा में कदम बफाते हुए बाड़ी विकास के काम का चयन किया । ग्राम में लगभग 14 एकड़ जमीन को बेकार पड़ी थी उसे मेहनत कर कृषि योग्य  तैयार किया । 
महिलाओं ने जैविक खेती की फसल लगाने का निर्णय लिया साथ ही नरेगा के माध्यम से पौध रोपड़ भी किए । इन्होंने स्वंय नर्सरी तैयार करने का प्रशिक्षण लेकर स्वंय की नर्सरी तैयार किया और वही भूमि में पौधे लगाए। जिसमे आम, अमरूद, मुनगा, पपीता, कटहल, आंवला आदि फलदार वृक्षों का रोपड़ किया ।  तालाब निर्माण कर मछली पालन, व सब्जी खेती भी लगाना शुरू किए । अपने बाड़ी के भीतर ही जैविक खाद का निर्माण,पौधों व फसलों में छिडक़ाव हेतु दवा का निर्माण भी जैविक तरीके से किया जिसमें तकनीकी प्रशिक्षण इंदिरा गांधी कृषि अनुसंधान केंद्र रायपुर ने भरपूर मदद की । 
बिहान परियोजना की टीम , कृषि विभाग, मत्स्य विभाग सभी नर आवश्यक सहयोग किया । मीरा व उनकी टीम ने सभी की मदद से राह को आसान बनाया अपने मेहनत से आज बाड़ी से सब्जी का उत्पादन अच्छी तरह किया जा रहा है साथ ही अमरूद का उत्पादन, मुनगा का उत्पादन भी ले रहे है इसके अलावा मुनगा पाउडर का अमरूद से जैम का निर्माण कर बिक्री भी कर रहे है जिसके इन महिलाओं के आय में लगातार वृद्धि हो रही है । इनके इस काम मे सामाजिक कार्यकर्ता रोहित पाटिल लगातार मदद कर हौसला बढ़ाते रहते हैं । 
आप नीचे फ़ोटो में सब्जी का उत्पादन देख सकते है जिसमे गोभी,पालक, हल्दी, अदरक आदि बखूबी उपजा रही है । 

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