जमीन दस हजार एकड़ और
किसान १७६२
रायगढ़ : उद्योग विभाग में
पिछले लम्बे समय से आंकड़ो का खेल चल रहा है | रिकार्ड की माने तो एक और जहा जिले में १०००० एकड़ से अधिक
कृषि भूमि का अधिग्रहण उद्योगों के लिए किया गया है , वही दूसरी और रिकार्ड में महज १७६२ किसानो को ही
प्रभावित दिखाया गया है |
रिकार्डो के अनुसार
इसमे से ९३९ प्रभावितों को रोजगार दिया गया है | उद्योग विभाग के अनुसार भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही १४
उद्योगों के नाम से की गई है , वही अन्य १८ प्रकरण
ऐसे है जिनमे अधिग्रहण की कार्यवाही तो कर ली गई है लेकिन उन उद्योगों का नाम नहीं
बताया जा रहा है | १३ उद्योगों में से
३ ऐसे भी उद्योग संचालित है जहा प्रबंधन ने अब तक प्रभावित किसानो के परिवारों को
रोजगार उपलब्ध नहीं कराया है | कोतामार स्थित वीसा
पावर में गई जमीन के कारण १२२ परिवार प्रभावित हुए है | इसके अलावा एस के एस में २३३ और कोरबा वेस्ट में
१३५ परिवार प्रभावित हुए है | प्रबंधन ने उद्योग
का संचालन शुरू न हो पाने का हवाला देते हुए इनको रोजगार नहीं दिया है |
ज्यादा को दिया
रोजगार
आंकड़ो की वास्तविकता
इसी से जाहिर होती है की इंड सिनर्जी कोतामार उद्योग के लगाने से ६६ किसान
प्रभावित हुए है | जबकि रिकार्ड में
उद्योग प्रबंधन ने इसमे से ७४ लोगो को रोजगार भी दिया है | कुछ इसी तरह रुकमनी पावर प्लांट से १२ किसान
प्रभावित हुए है | इसमे से १४ को
रोजगार दिया | नीको जायसवाल लिमिटेड
बाजीखोल के लगाने से ८ किसान प्राभावित हुए है वही नौ किसान को रोजगार दिया गया है |
प्रभावित किसान व
उपलब्ध रोजगार उद्योग प्रभावित किसान राजगार उपलब्ध
जिंदल स्टील एंड
पावर ४४३ २१७
जिंदल पावर तमनार ६५८ ४९७
मोनेट सपात १५८ १३७
वीसा स्टील १२२ ०
एस के एस २३३ ०
कोरबा वेस्ट १३५ ०
साभार - पत्रिका रायपुर -१९-१२-२०१३
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