पौधरोपण के नाम पर वृक्षारोपण के नाम पर लोग वृक्ष तो खूब लगाते है लेकिन वो वनों में परिवर्तित होते नजर नहीं आ रहे ।
प्राकृतिक वन आए प्राकृतिक वृक्षों का अपना महत्व है चिड़िया भी घोसला वहीं बनाती है जहां उसे सुरक्षा महसूस होता है जो उसके अनुकूल होता है और उसके अनुकूल सिर्फ पारम्परिक वृक्ष ही होते है । वो कभी कलमी पौधे या आधुनिक समय के पौधो पर घर नही बनाते यहां तक कि नन्हे नही जीव भी उसपर आश्रय नही बनाते ।
प्राकृतिक पौधों में ठंडक होती है घनत्व होता है जो छाया देता है तो साथ मे शीतलता भी प्रदान करता है ।
प्राकृतिक पौधों का जो जड़ होता है वो मिट्टी के छरण को रोकता है अधिकांश प्राकृतिक पेड़ पौधे दवाइयों के काम आते है जो फलदार होते है वो फल देते है उनके फल भी सेहत के फायदेमंद होते उनमें विटामिन्स भरपूर मात्रा में पाए जाते है । जो फल नहीं भी देते है उनमें से भी अधिकांश मेडिसिनल होते है ।
प्रकृति की संरचना ऐसी है कि पत्थर , बालू, मिट्टी, घास, पेड़ - पौधे, छोटी -छोटी झाड़ियां सभी आपस मे एक दूसरे के बहुत ही घनिष्ट मित्र होते है और आपसे में एक दूसरे की मदद करते है । और ये सब सिर्फ आपस मे मित्र नही होते बल्कि वे हम मनुष्यों के भी बहुत अच्छे दोस्त होते हैं ।
हम उनके दोस्ती को नहीं समझते हैं और उन्हें थोड़े से लालच के लिए नष्ट करते जा रहे हैं ।
हम सबको उनकी दोस्ती और प्रेम को समझना होगा उनके निस्वार्थ सम्मान व समर्पण को समझना होगा उन्हें गले लगाना होगा उन्हें बचाना होगा ।
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