संसदीय
कानून के जारी उच्च शिक्षा के क्षेत्र की तमाम शाखाओं के लिए एकल नियामकीय निकाय
बनाने की कोशिशे सर्वसम्मति न बन पाने के चलते खारिज होने के बाद केन्द्रीय मानव
संसाधन विकास विभाग मंत्रालय ने प्रशासनिक आदेश के जारी एक सर्वनियामक संस्था का
गठन किया है | गौरतलब है की इस उच्च शिक्षा सर्वोच्च समन्वय समिति ( एच ई ए सी सी
) के गठन का उद्देश्य सभी नियामकीय संस्थाओं व प्रोफेशनल कौंसिल के भिन्न –भिन्न
और कभी – कभी टकराव पैदा करने वाले नियामकीय प्रावधानों के चलते पैदा वाले मसालों का हल तलाशने के लिए किया गया है |
एच ई ए सी सी की स्थिति इससे पहले लाए जा रहे “ राष्ट्रीय उच्च शिक्षा एवं शोध परिषद्
(एन सी एच ई आर ) के विपरीत होगी | एन सी एच ई आर को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
(यु जी सी ) या आल इंडिया कौंसिल फार टेक्नीकल एजुकेशन (ए आई सी टी ई ) या
नेह्स्नल कौंसिल फार टीचर एजुकेशन (एन सी टी ई ) की जगह , एक सुपर रेगुलेटर के रूप
में लाने का प्रस्ताव था | प्रशासनिक आदेश में स्पष्ट किया गया है की एच ई ए सी सी
से प्राधिकरणों, वैधानिक नियामकीय निकायों व प्रोफेशनल कौंसिल की स्थिति को कोई
नुकसान नहीं पहुचेगा | छ: सदस्यों वाली इस संस्था की अध्यक्षा मानव संसाधन विकास
मंत्री करेंगे | इसमे यु जी सी व ए आई सी टी ई के अध्यक्ष के अलावा आर्किटेक्चर
कौंसिल के अध्यक्ष भी शामिल होंगे | इससे पहले एन सी एच ई आर के गठन के लिए संसद
में उच्च शिक्षा एवं शोध इल लाया गया था | बिल को लेकर संसदीय समिति के अलावा
स्वास्थ्य मंत्रालय और बार कौंसिल आफ इंडिया ने भी चिंता जताई थी |
साभार
– पत्रिका एक्सपोज रायपुर १९-११-१३
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