Saturday, 23 November 2013

आर टी आई :आवेदकों की सुरक्षा के लिए कोलकाता हाईकोर्ट का फैसला , सूचना पाने के लिए पोष्ट बाक्स नंबर पर्याप्त



सूचना के अधिकार कानून (आर टी आई ) सरकार की कामकाज के बारे में जनता को सूचित होने का अधिकार देता है | हालाकि जिस तरह से सूचना के अधिकार कानून के तहत सूचना प्राप्त करने वालो९ पर जानलेवा हमले हुए है, वे चिंताजनक माने जा रहे है | इसे ध्यान में रखकर कोलकाता हाईकोर्ट ने सूचना आवेदकों के लिए ने सुरक्षा मानक तय किए है |
आवदाको को पोष्ट बाक्स नंबर पर मिले सूचना
सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं पर जान लेवा हमले की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता हाईकोर्ट ने आवेदनकर्ताओ की पहचान सुरक्षित रखने के लिए आवेदन पत्र में नाम व पता देने की जगह केवल पोष्ट बाक्स नंबर देने का निर्देश दिया है | सूचना अधिकार कार्यकर्ता की याचिका की सुनवाई करते हुए कोलकाता हाईकोर्ट के चीफ जष्टिश ए.के.बनर्जी और जष्टिश डी बास्क की बेंच ने कहा की आर टी आई आवेदन में केवल पोष्ट बाक्स नंबर देकर कोई भी व्यक्ति सूचना माँगा सकता है | बेंच ने अपने फैसले में कहा की हम याचिकाकर्ता के इस तर्क में मजबूती पाते है की आर टी आई आवेदनकर्ता की निजी जानकारिया सार्वजनिक होना जरुरी नहीं है |
सभी विभाग करे उपाय
कोलकाता हाईकोर्ट की बेंच ने केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय के सचिव को निर्देश दिया की इस फैसले की प्रतिया सभी सम्बंधित विभागों को भेजी जाए , ताकि आवेदनकर्ताओ की निजी ब्योरे सुरक्षित रखने के बारे में जरुरी कदम उठाए जा सके | गौरतलब है की देश में सूचना माँगने वालो के उत्पीडन की घटनाए हो रही है और २०१० के बाद २३ सामाजिक कार्यकर्ताओं की ह्त्या हो चुकी है |
निजी ब्योरा माँगने पर रोक
कोलकाता हाईकोर्ट की बेंच ने कहा है की आर टी ई आवेदन करता , खाश टूर पर केवल पोष्ट बाक्स लिखने वाले आवेदकों से कोई भी प्राधिकारी ऐसी जानकारिया नहीं माँगा सकता है , जिसके जारी आवेदनकर्ता से संपर्क किया जा सके | यदि पोष्ट व्बाक्स नंबर के बारे में दिक्कत होती है तो प्राधिकारी निजी ब्योरा माँगा सकता है | हालाकि ऐसे मामले में प्राधिकारी का यह नैतिक कर्तव्य होगा की वह आवेदनकर्ता की निजी जानकारियों को सुरक्षित रखे , खाश तौर पर वेबसाईट पर डालने से बचे, ताकि ज्यादा लोगो तक आवेदनकर्ता की निजी जानकारिया न पहुच सके | गौरतलब है की याचिकाकर्ता ने आवेदनकर्ताओ की सुरक्षा के लिए निजी सूचना की जगह पोष्ट बाक्स लिखे जाने की मांग की थी |
राज्य जारी करे सुचनाए
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है की महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा ) सम्बंधित व सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) सम्बंधित सार्वजनिक करने और सूचना अधिकार अधिनियम के तहत पूर्व सक्रियता दिखाते हुए इस सूचना को जारी करे | केन्द्रीय कार्मिक विभाग ने इसके अलावा पंचायत व प्राथमिक सेकेंडरी स्कुल विभागों को भी निर्देश दिया है | कार्मिक विभाग के आदेश में कहा गया है की ये विभाग जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण सेवाए उपलब्ध कराते है , इसलिए इन्हें छुना गया है | इस विभागो के बारे में ज्यादा से ज्यादा सुचना सार्वजनिक करने का उद्देश्य कामकाज में पारदर्शिता लाना और आर टी आई आवेदनों की संख्या में कमी करना है |
साभार – पत्रिका एक्सपोज रायपुर २३-११-१३

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