Wednesday, 22 August 2018

महिलाओं के कानूनी अधिकार -3 *गिरफ्तारी*


पुलिस अधिकारी द्वारा किसी व्यक्ति को अपनी हिरासत में लेना गिरफ्तारी कहलाता है:-
Ø  गिरफ्तारी के समय पुलिस को बताना होगा कि आपको क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है |
Ø  सिर्फ यह कहना आवश्यक नहीं है कि आपके खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई,पुलिस को आपका जुर्म भी बताना आवश्यक है|
Ø  गिरफ्तारी के समय जोर जबरदस्ती कराना गैर कानूनी है |
Ø  थाने ले जाने के लिए किसी को हथकड़ी नहीं लगाईं जा सकती |
Ø  कुछ अपराधों में आपको बिना वारंट के भी गिरफ्तार किया जा सकता है |
Ø  वकील से कानूनी सलाह ले सकते है |
Ø  आपकी सुरक्षा के लिए आपके पहचान वालों या रिश्तेदारों को आपके साथ पुलिस वाले के साथ जाने का हक है |
Ø  गिरफ्तारी के बाद तुरंत पुलिस को मजिस्ट्रेट को गिरफ्तारी की रिपोर्ट देनी होगी |
Ø  गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर-अंदर मजिस्रेट की कोर्ट में पेश कराना जरुरी है |
Ø  बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में लेना गैर कानूनी है |
थाने में
Ø  पुलिस हिरासत में सताना, मारपीट करना या किसी अन्य तरह से यातना देना एक गंभीर अपराध है |
Ø  महिलाओं को केवल महिलाओं के कमरे में ही रखा जाएगा |
जमानत
पुलिस गिरफतारी के बाद :
Ø  मामले की सुनवाई होने के दौरान हिरासत में लिए गए व्यक्ति को कुछ बातों के लिए मुचलका लेकर हिरासत से छोड़ा जा सकता है, इसे जमानत कहते है |
Ø  अपराध दो प्रकार के होते है –जमानतीय और गैर जमानती | जमानती अपराध में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को जमानत पर छोड़ने का अधिकार पुलिस को होता है जबकि गैर जमानती में मजिस्ट्रेट को |
Ø  गिरफ्तार करते समय पुलिस को यह बताना होता है कि अपराध जमानती है या गैर जमानती |
Ø  जमानत के समय कोई पैसे नहीं जाते | केवा जमानत प्रपत्र पर रकम लिख दी जाती है, जिसे मुचलका जमानतनामा कहा जाता है |
Ø  जमानती जुर्म में जमानत होने पर पुलिस को आपको तुरंत छोड़ना पडेगा |
पूछताछ
किसी अपराध के किए जाने की सूचना पर या उसकी आशंका होने पर पुलिस को यदि :-
किसी को पूछताछ के लिए बुलाना हो तो जांच करने वाले पुलिस अफसर को लिखित आदेश देने होंगे | 15 साल से कम उम्र के और किसी महिला को पुलिस पूछताछ के लिए थाणे नहीं बुला सकती |
तलाशी
Ø  सिर्फ एक महिला पुलिस अफसर ही महिला के शरीर की तलाशी ले सकती है|
Ø  पुरुष पुलिश अधिकारी आपके मकान या दूकान की तलाशी ले सकते है |
Ø  तलाशी लेने के लिए हमेशा किसी वारंट की जरुरत नहीं होती |
Ø  तलाशी होने से पहले तलाशी लेने वाले की भी तलाशी ली जा सकती है |
Ø  किसी भी तलाशी या बरामदगी के वक्त आसपास रहने वाले किन्ही दो निष्पक्ष और प्रतिष्ठित व्यक्ति का होना जरुरी है |
Ø  तलाशी का एक पंचनामा बनाना जरुरी है |
कोर्ट में
Ø  आपको वकील की सहायता लेने का अधिकार है |
Ø  गरीब होने पर आपको मुफ्त कानूनी सलाह मिलने का हक़ है |
अपराधो की रिपोर्ट
रिपोर्ट का मतलब है कि आप पुलिस को जाकर बताएं की कोई अपराध किया गया है | इसे प्रथम सूचना रिपोर्ट या एफ. आई. आर. कहते है | यह रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण होती है |

रिपोर्ट कैसे लिखाई जाती है
Ø  रिपोर्ट मुह्जबानी या लिखित हो सकती है |
Ø  मुंह जबानी रिपोर्ट लिखने के बाद पुलिस आपको पढ़कर सुनाएगी ताकि आप पुष्टि कर सकें कि रिपोर्ट सही लिखी गई है |
Ø  रिपोर्ट की एक प्रति पुलिस से आपको अवश्य ले लेने चाहिए |

                                                                :साभार :
                                                      *सरल क़ानूनी शिक्षा*
                                       छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण                                                                  
                                                                बिलासपुर

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