पुलिस
अधिकारी द्वारा किसी व्यक्ति को अपनी हिरासत में लेना गिरफ्तारी कहलाता है:-
Ø गिरफ्तारी के समय पुलिस को बताना होगा कि आपको
क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है |
Ø सिर्फ यह कहना आवश्यक नहीं है कि आपके खिलाफ
शिकायत प्राप्त हुई,पुलिस को आपका जुर्म भी बताना आवश्यक है|
Ø गिरफ्तारी के समय जोर जबरदस्ती कराना गैर कानूनी
है |
Ø थाने ले जाने के लिए किसी को हथकड़ी नहीं लगाईं जा
सकती |
Ø कुछ अपराधों में आपको बिना वारंट के भी गिरफ्तार
किया जा सकता है |
Ø वकील से कानूनी सलाह ले सकते है |
Ø आपकी सुरक्षा के लिए आपके पहचान वालों या
रिश्तेदारों को आपके साथ पुलिस वाले के साथ जाने का हक है |
Ø गिरफ्तारी के बाद तुरंत पुलिस को मजिस्ट्रेट को
गिरफ्तारी की रिपोर्ट देनी होगी |
Ø गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर-अंदर मजिस्रेट
की कोर्ट में पेश कराना जरुरी है |
Ø बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के 24 घंटे से ज्यादा
हिरासत में लेना गैर कानूनी है |
थाने में
Ø पुलिस हिरासत में सताना, मारपीट करना या किसी
अन्य तरह से यातना देना एक गंभीर अपराध है |
Ø महिलाओं को केवल महिलाओं के कमरे में ही रखा
जाएगा |
जमानत
पुलिस गिरफतारी के बाद :
Ø मामले की सुनवाई होने के दौरान हिरासत में लिए गए
व्यक्ति को कुछ बातों के लिए मुचलका लेकर हिरासत से छोड़ा जा सकता है, इसे जमानत
कहते है |
Ø अपराध दो प्रकार के होते है –जमानतीय और गैर
जमानती | जमानती अपराध में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को जमानत पर छोड़ने का अधिकार
पुलिस को होता है जबकि गैर जमानती में मजिस्ट्रेट को |
Ø गिरफ्तार करते समय पुलिस को यह बताना होता है कि
अपराध जमानती है या गैर जमानती |
Ø जमानत के समय कोई पैसे नहीं जाते | केवा जमानत
प्रपत्र पर रकम लिख दी जाती है, जिसे मुचलका जमानतनामा कहा जाता है |
Ø जमानती जुर्म में जमानत होने पर पुलिस को आपको
तुरंत छोड़ना पडेगा |
पूछताछ
किसी अपराध के किए जाने की सूचना पर या उसकी आशंका होने पर पुलिस को
यदि :-
किसी को पूछताछ के लिए बुलाना हो तो जांच करने वाले पुलिस अफसर को
लिखित आदेश देने होंगे | 15 साल से कम उम्र के और किसी महिला को पुलिस पूछताछ के
लिए थाणे नहीं बुला सकती |
तलाशी
Ø सिर्फ एक महिला पुलिस अफसर ही महिला के शरीर की
तलाशी ले सकती है|
Ø पुरुष पुलिश अधिकारी आपके मकान या दूकान की तलाशी
ले सकते है |
Ø तलाशी लेने के लिए हमेशा किसी वारंट की जरुरत
नहीं होती |
Ø तलाशी होने से पहले तलाशी लेने वाले की भी तलाशी
ली जा सकती है |
Ø किसी भी तलाशी या बरामदगी के वक्त आसपास रहने
वाले किन्ही दो निष्पक्ष और प्रतिष्ठित व्यक्ति का होना जरुरी है |
Ø तलाशी का एक पंचनामा बनाना जरुरी है |
कोर्ट में
Ø आपको वकील की सहायता लेने का अधिकार है |
Ø गरीब होने पर आपको मुफ्त कानूनी सलाह मिलने का हक़
है |
अपराधो की रिपोर्ट
रिपोर्ट का मतलब है कि आप पुलिस को जाकर बताएं की
कोई अपराध किया गया है | इसे प्रथम सूचना रिपोर्ट या एफ. आई. आर. कहते है | यह
रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण होती है |
रिपोर्ट कैसे लिखाई जाती है
Ø रिपोर्ट मुह्जबानी या लिखित हो सकती है |
Ø मुंह जबानी रिपोर्ट लिखने के बाद पुलिस आपको पढ़कर
सुनाएगी ताकि आप पुष्टि कर सकें कि रिपोर्ट सही लिखी गई है |
Ø रिपोर्ट की एक प्रति पुलिस से आपको अवश्य ले लेने
चाहिए |
:साभार :
*सरल क़ानूनी शिक्षा*
छत्तीसगढ़
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
बिलासपुर
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