Tuesday, 26 October 2021

*पर्यावरण को बचाना है,तो शेयरिंग कम्युनिटी अपनाना होगा*


रायपुर: 26 अक्टूबर - अनमोल फाउंडेशन द्वारा कट्स इंटरनेशनल जयपुर के सहयोग ग्रीन एक्शन वीक अभियान के तहत शेयरिंग कम्युनिटी कार्यक्रम के अनुभवों को साझा करने हेतु होटल मयूरा रायपुर में एक दिवसीय  स्टेक होल्डर कार्यशाला का आयोजन किया गया। 
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अनमोल फाउंडेशन के निदेशक श्री संजयशर्मा जी ने अतिथियों का गुलदस्ता देकर स्वागत करते हुए ग्रीन एक्शन वीक अभियान 2021 तथा शेयरिंग कम्युनिटी कार्यक्रम के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए, ठोस अवशिष्ट प्रबंधन, पेपर बैग, किचन वेस्ट प्रबंधन, ई वेस्ट प्रबंधन, प्लास्टिक के प्रयोग को बंद करने के सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया की इस अभियान से लोग जुड़कर अब घरेलू कचरों का अलग तरह से प्रबंधन करने लगे है ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की उपाध्यक्ष श्रीमती चित्रलेखा साहू जी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शेयरिंग कम्यूनिटी हमारी पारम्परिक परम्परा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी हमारे लोग जरूरत की चीजों को आपस मे एक दूसरे से लेकर काम चलाते है जिससे आपसे भाईचारा भी बना रहता है खपत पर नियंत्रण भी रहता है । लोग जरूरत के हिसाब से ही खरीददारी करते है । यह सिर्फ शहरों में ही है जहां लोग आवश्यकता से अधिक समान की खरीदारी करते है । 
कार्यक्रम में भिलाई स्टील प्लांट के पूर्व जनरल मैनेजर श्री वेंकट सुब्रमण्यम ने इंडस्ट्री में हो रहे रोजाना खनिज की खपत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अब प्लांट में भी नए तकनीक की मदद से कम खपत में उत्पादन लेने का प्रयास किया जा रहा है। इंडस्ट्री में बेकार सामानों को पुनः उपयोग पर कार्य किया जा रहा है । हेल्पेज इंडिया के राज्य प्रमुख श्री शुभांकर विस्वास जी ने शेयरिंग कम्युनिटी का प्रयोग पुनः किया जाना जरूरी है जिससे पर्यावरणीय परिवर्तनों को कम किया जा सके व आने वाली पीढ़ी  के भविष्य को सुरक्षित किया जा सकें।
एम एस के पी पी की अध्यक्ष हेमलता साहू जी ने ने जैविक खेती को बढ़ावा देने व उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अनुभवों को साझा किया गया । जनहित संस्थान के निदेशज रोहित पाटिल जी पर्यावरण संरक्षण के साथ आजीविका को भी कैसे सुरक्षित रखते हुए महिलाएं आगे बढ़ रही है उन अनुभवों को रखा । कार्यक्रम में जीपीआरएस की निदेशक गायत्री सिंह, ग्रीन आर्मी के अध्यक्ष पुरुषोत्तम चंद्राकर, आई जी एस एस एस से प्रेमानन्द जी ने अपने अनुभवों को साझा किया । 
कार्यक्रम में राज्य में कार्यरत विभिन्न स्वैच्छिक संस्थाओं व समुदाय आधारित संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए ।
कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन संजयशर्मा जी द्वारा किया गया ।

Sunday, 10 October 2021

देशी बीजो का संरक्षण संवर्धन

जन स्वास्थ्य सहयोग गनियारी बिलासपुर पारम्परिक फसलों धान की कई किस्मो व मिलेट्स के बीजों का अवलोकन करते हुए अनमोल फाउंडेशन के निदेशक संजयशर्मा 

Tuesday, 5 October 2021

अनमोल फाउंडेशन ने कोटा में ग्रीन एक्शन वीक अभियान का शिविर का आयोजन किया

ग्रीन एक्शन वीक अभियान के तहत अनमोल फाउंडेशन द्वारा रायपुर शहर अन्तर्गत कोटा में किचन वेस्ट प्रबंधन, ई वेस्ट प्रबंधन, पेपर वेस्ट प्रबंधन, सामुदायिक बुक बैंक के सम्बंध में  उन्मुखीकरण किया गया। इस शिविर में पढ़ने वाले बच्चों ने भाग लिया जो स्वैच्छिक कार्यकर्ता के रूप में छोटे -छोटे इकोफ्रेंडली ग्रुप बनाकर अपने मोहल्ले में वृक्षारोपण व तालाब की सफाई का कार्य करते रहते है । 
ग्रीन एक्शन वीक अभियान भारत मे 12 राज्यों में कट्स इंटरनेशनल जयपुर के सहयोग से संचालित किया जा रहा है । यह अभियान सभी 12 राज्यों में एक साथ 4 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक चलाया जाएगा । इस अभियान का मुख्य उद्देश्य समुदायों के बीच अपने सामानों का आदान प्रदान कर सहयोग करना ताकि उत्पादन को कम किया जा सके । 
पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में यह एक प्रभावी कदम के रूप में देखा जा रहा है । सतत विकास लक्ष्य- 12 के अंतर्गत इसे देखा जा रहा है।  अनमोल फाउंडेशन रायपुर शहर के अलग अलग मोहल्लों में हस्ताक्षर अभियान, क्षमता वृद्धि शिविर संचालित कर ज्यादा से ज्यादा  लोगों को जोड़ने व जागरूक करने का कार्य करेगी । 

भारत के 12 राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ में भी ग्रीन एक्शन वीक अभियान की शुरुआत

ग्रीन एक्शन वीक (GAW) कट्स इंटरनेशनल जयपुर द्वारा 4 से 10 अक्टूबर, 2021 तक 12 राज्यों में 12 सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर सतत उपभोग पर महामारी के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के उद्देश्य से ग्रीन एक्शन वीक मनाया जा रहा है | यह अभियान हर साल अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में मनाया जाता है |

वैश्विक स्तर पर ग्रीन एक्शन वीक अभियान, स्वीडिश सोसाइटी फॉर नेचर कंजर्वेशन (एसएसएनसी) के द्वारा चलाया जा रहा है जिसे भारत में कट्स के सहयोग से संचालित किया जा रहा है | पुरे विश्व में स्थायी खपत को बढ़ावा देने के लिए यह अभियान चलाया जाता है इसमें अफ्रीका, एशिया, यूरोप, उत्तर और दक्षिण अमेरिका के 40 देशों में लगभग 60 संगठन 2021 में अभियान में भाग ले रहे हैं, इसे वैश्विक अभियान के रूप में जाना जाता है । भारत में CUTS इंटरनेशनल का मुख्यालय जयपुर राजस्थान में स्थित है वैश्विक उपभोक्ता वकालत के लिए कार्य करता है |  

अभियान का विषय  का विषय "साझा समुदाय" 2021 है। वर्ष 2018 से अभियान ने साझा करने और सहयोग की संस्कृतियों को प्रोत्साहित करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इस वर्ष अभियान केन्द्रित होगा जो वस्तुओं और सेवाओं का स्थाई खपत व टिकाऊ पहुँच स्थापित कर सके | “इस साल का अभियान महामारी के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिसका स्थायी खपत पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। महामारी के कारण प्लास्टिक की खपत में जबरदस्त वृद्धि हुई थी; मास्क, दस्ताने, फेस शील्ड, पीपीई किट, सैनिटाइजर बोतल आदि के बढ़ते उपयोग के कारण भारत में सिंगल-यूज प्लास्टिक ने बड़ी वापसी की है। चूंकि काम और शिक्षा ऑनलाइन हो गई है इसलिए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का उपयोग तेजी से बढ़ा, लैपटॉप की बिक्री में वृद्धि हुई। केरल राज्य में ही 400 प्रतिशत और राजस्थान में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई जिसके कारण एक अनुमान है कि भारत 2021 तक 5.2 मिलियन टन ई-कचरा उत्पन्न करेगा। सार्वजनिक परिवहन की कमी और शारीरिक दूरी के मानदंडों के कारण निजी वाहनों का उपयोग पूर्व महामारी के स्तर से अधिक हो गया। जैविक उत्पादों के उत्पादन और खपत में 70-80% की वृद्धि हुई है, क्योंकि उपभोक्ता प्रतिरक्षा को वायरस से लड़ने के लिए बेहतर मानते हैं।

कट्स इंटरनेशनल के निदेशक जॉर्ज चेरियन ने कहा कि इस साल अभियान इनमें से कुछ मुद्दों को पर केंद्रित होगा। CUTS इंटरनेशनल जीएडब्ल्यू अभियान के संचालन के लिए 12 राज्यों में 12 संगठनों के साथ भागीदारी और समर्थन कर रहा है, वे राज्य हैं: राजस्थान के अलावा आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड। यह स्थायी खपत पर काम करने वाले संगठनों का एक नेटवर्क बनाने में मदद करेगा और वसूली योजनाओं के पुनर्निर्माण के लिए सामूहिक वकालत को मजबूत करेगा जो मौजूदा रुझानों को उलट देगा और खपत पैटर्न को अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर बदल देगा, श्री चेरियन ने कहा।

छत्तीसगढ़ में यह अभियान अनमोल फाउंडेशन रायपुर के साथ मिलकर संचालित किया जा रहा है जिसकी शुरुआत ४ अक्टूबर से की जा रही है | इस अभियान में रायपुर शहर के अंतर्गत कचरा प्रबंधन, किचन वेस्ट प्रबंधन, ई वेस्ट प्रबंधन, प्रदुषण से बचाव के तरीकों आदि पर लोगों को जागरूक किया जाएगा |

संजय शर्मा –निदेशक - अनमोल फाउंडेशन रायपुर छत्तीसगढ़

Thursday, 30 September 2021

महामारी के कारण "एसडीजी के विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने में कठिनाई

रायपुर, 30 सितंबर, 2021 विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु पूर्व में सहस्राब्दी विकास लक्ष्य (एमडीजी) निर्धारित किया गया था, जो पूरी तरह से विकासशील देशों पर लागू होता था | लेकिन इसके ठीक विपरीत , सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सभी देशों पर लागू होते हैं। एसडीजी के कार्यान्वयन में भारत की साढ़े पांच साल की प्रगति के मूल्यांकन से पता चलता है कि भारत को सतत उपभोग और उत्पादन (एसडीजी 12) के किसी भी उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रभावी निगरानी और डाटा संग्रह ढांचे की जरूरत है, 30 सितंबर, 2021 कट्स इंटरनेशनल जयपुर, अनमोल फाउंडेशन रायपुर व ताजी योजना आयोग के संयुक्त तत्वावधान में होटल बेबीलान इंटरनेशनल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में राज्य योजना आयोग, छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष श्री अजय कुमार सिंह, जी ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने मुख्य भाषण में कट्स इंटरनेशनल द्वारा किए गए अध्ययन के निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए कहा कि महामारी के हानिकारक प्रभाव और अन्य कारकों के कारण, 2015 की तुलना में 2030 तक कई संकेतकों की स्थिति और खराब हो सकती है। प्राथमिक चिंता यह है कि एसडीजी 12 पर डेटा के ज्ञान, समन्वय और संग्रह और संकलन की कमी है। कट्स इंटरनेशनल के निदेशक श्री जॉर्ज चेरियन ने चिंता व्यक्त करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों के बीच ज्ञान की कमी के कारण कई राज्यों की स्थायी पहल की कई उपलब्धियों का पता नहीं चल पाता है, एसडीजी और इसकी प्रासंगिकता के बारे में एसडीजी रिपोर्टिंग में सक्रिय कुछ लोगों को छोड़कर रिपोर्ट नहीं किया जाता है। ।
विभिन्न विभागों के अधिकांश कर्मचारियों को पता नहीं कि एसडीजी क्या है। एसडीजी कार्यान्वयन में राज्य स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण बाधाएं सरकारी अधिकारियों के बीच ज्ञान की कमी के साथ-साथ धन और तकनीकी कर्मचारियों की कमी के रूप में दिखाई देती हैं, जिसके परिणामस्वरूप खराब निगरानी और रिपोर्टिंग होती है। अगर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है, तो यह टिकाऊ खपत और उत्पादन के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों और प्रयासों पर एक नकारात्मक तस्वीर दिखा सकता है। CUTS इंटरनेशनल का SDG 12 के सम्बन्ध में किया गया शोध "सतत उपभोग और उत्पादन - एक उपभोक्ता परिप्रेक्ष्य," उपभोक्ताओं के दृष्टिकोण से SDG 12 पर ध्यान केंद्रित करता है, एक गाइड के रूप में उपभोक्ता संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र दिशानिर्देश (UNGCP) का उपयोग करता है। अन्य उद्देश्यों के साथ इसकी परस्पर प्रकृति के कारण, यह सोचा गया था कि एसडीजी 12 के तहत किसी देश की प्रगति की जांच और विश्लेषण किसी भी अन्य लक्ष्य की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है। लगभग सभी लक्ष्य एसडीजी 12 से जुड़े हुए हैं, जिसका अर्थ है कि एजेंडा 2030 की ओर देश की प्रगति एसडीजी 12 द्वारा उठाई गई समस्याओं को ठीक से संबोधित और हल किए बिना पूरा नहीं किया जा सकता है। स्वीडिश सोसाइटी फॉर नेचर कंजर्वेशन (SSNC) के साथ साझेदारी में SDG 12 शीर्षक "सतत उपभोग और उत्पादन - एक उपभोक्ता परिप्रेक्ष्य" पर अध्ययन, मुख्य रूप से उपभोक्ता संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र दिशानिर्देश (UNGCP) के आधार पर SDG 12 को एक उपभोक्ता दृष्टिकोण से देखा गया। अन्य लक्ष्यों के साथ जुड़ाव के कारण, यह सोचा गया था कि एसडीजी 12 का अध्ययन करना किसी अन्य लक्ष्य का अध्ययन करने से अधिक महत्वपूर्ण था। 2030 तक एसडीजी 12 में उठाई गई समस्याओं को ठीक से हल किए बिना पूरा नहीं किया जा सकता है,| डॉ. के. सुब्रमण्यम, सदस्य, राज्य योजना आयोग, छत्तीसगढ़ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि टिकाऊ या जिम्मेदार उपभोग व्यवहार में दुनिया को बदलने की क्षमता है। टिकाऊ उपभोग की आदतों और प्रवृत्तियों को बढ़ावा देकर सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उपभोक्ताओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संबंधी मार्किंग सिस्टम को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। अनूप कुमार श्रीवास्तव, सदस्य सचिव, राज्य योजना आयोग, छत्तीसगढ़ ने एसडीजी पर सरकार की विभिन्न योजनाओं और पहल पर प्रकाश डाला। एक सफल सतत विकास एजेंडा के लिए सरकार, व्यापार और नागरिक समाज के बीच भागीदारी आवश्यक है।, सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि का समर्थन करने के लिए ज्ञान, विशेषज्ञता, प्रौद्योगिकी को जुटाने और साझा करने के लिए बहु-हितधारक साझेदारी की आवश्यकता है। अक्षय ऊर्जा, पर्यावरण, शहरी विकास, कृषि, एनआरएलएम, पर्यटन, वन और अन्य सहित 12 सरकारी विभागों ने अपने कार्यक्रमों व् अनुभवो को तकनीकी सत्र के दौरान रखा, अमर दीप सिंह, सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर कट्स द्वारा संचालित एसडीजी12 से संबंधित विशिष्ट प्रगति और कार्यक्रमों को साझा किया। उन्होंने उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ विभिन्न क्षेत्रों और विभागों की सर्वोत्तम प्रथाओं और पहलों का दस्तावेजीकरण करके सतत उपभोग और उत्पादन (एसडीजी 12) पर अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकता है। CUTS के अमित बाबू ने कार्यशाला में अध्ययन को प्रस्तुत किया | कार्यक्रम का संचालन व आभार अनमोल फाउंडेशन के निदेशक श्री संजय शर्मा ने किया | कार्यक्रम 12 शासकीय विभागों के साथ – साथ कई जिलों से स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए |

Tuesday, 21 September 2021

संगम महिला बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति द्वारा घरेलू उत्पाद का निर्माण

संगम महिला बहुउद्देशीय सहकारी समिति करहीकछार के  सदस्यों से अनमोल फाउंडेशन के निदेशक श्री संजयशर्मा जी ने मुलाकात की और उनके काम के बारे में जाना एवं सदस्यों को प्रोत्साहित किये। समिति की महिलाएं कई घरेलू उत्पाद का निर्माण स्वंय कर रही है जिनमे हैंडवाश, सेनेटरी नैपकिन, रागी, सत्तू आदि प्रमुख है । समिति की महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय है । उनके द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों को सरकार को देखना चाहिए व उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु शासन की योजनाओं से सहयोग भी करना चाहिए ।समिति की महिला सदस्यों ने अपने द्वारा बनाये हुए उत्पाद श्री संजयशर्मा जी को सादर भेंट किये।

Wednesday, 15 September 2021

बीएनपैलेश रायपुर में ग्राम अधिकार मंच की बैठक

रायपुर : ग्राम अधिकार मंच के पदाधिकारियों के साथ बी एन पैलेश में बैठक कर मंच को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई । सभी पदाधिकारियों ने अपने अपने सुझाव दिए । 
मंच को शसक्त बनाने हेतु मुट्ठी चावल, सदयता शुल्क, श्रमदान से कार्यक्रम का संचालन पर चर्चा के साथ - साथ लोगो ने अपने खेत मे कम से कम 10 डिसमिस जमीन पर मंच के लिए अनाज पैदा करेंगे । जिससे मंच का कोष तैयार होगा । 
जल्द से जल्द मंच का संसाधन केंद्र के निर्माण को लेकर भी चर्चा की गई जिसे बरसात के बंद होने के बाद उसे पर काम शुरू किया जाने का निर्णय हुआ । निर्माण में संगठन के सभी सदस्य श्रमदान कर सहभागिता करेंगे । सभी पदाधिकारियों ने मंच के संस्थापक श्री संजयशर्मा जी के कार्यक्षेत्र में आने का न्योता दिया । इस अवसर पर मंच संयोजक श्री राकेश राय व अध्यक्ष श्री सुरित साय जी उपस्थित रहे । 

Wednesday, 8 September 2021

उदयपुर के जंगल में दिखे हाथियों का एक दल - आखिर गांव व शहरों की ओर क्यो रुख कर रहे जंगली जानवर

सरगुजा उदयपुर- हाथी शब्द सुनकर ही विशालकाय रूप सामने आ जाता है । सोचिए जब ये आपके सामने हो तो क्या हालात होंगे ।
कल हाथियों का एक झुंड सरगुजा जिले के उदयपुर के जंगल मे देखा गया । खबर यह भी है कि हाथियों के झुंड ने बाइक सवार एक परिवार को कुचल दिया जिसमें एक बच्चा भी है । मृतक परिवार के प्रति हमारी गहरी संवेदना है । 
हाथियों के झुंड के देखे जाने के तुरंत बाद से ही उदयपुर के युवा जागरूक साथी लोग अपने व्हाट्सएप व फोन के माध्यम से अपने अपने लोगों को सतर्क रहने के लिए सूचना देने लगे । बावजूद इसके एक परिवार के साथ दुर्घटना घटित हो ही गया । 
एक लंबे समय से अविभाजित सरगुजा जिले में हाथियों का एक दल लगातार उड़ीसा से रायगढ़ व जशपुर के रास्ते होते हुए अविभाजित सरगुजा के कुसमी सामरी के जंगल मे पहुंचा। गांवों में भी प्रवेश किया नुकसान भी किया । पहले पटाखे फोड़ कर हाथी को डराते थे वे डर कर भागते भी थे लेकिन यह डर ज्यादा दिन नही चला। हाथियों ने पटाखे से डरना छोड़ दिया । फिर बिजली के तार लगाए गए । लेकिन शुरुआत में कुछ दिन यह भी सफल रहा लेकिन बाद में यह भी तरीका फेल हो गया । 
और हाथी धीरे-धीरे सरगुजा के जिला मुख्यालय अम्बिकापुर में शहर के अंदर भी दस्तक दे दी । 
उसी समय अम्बिकापुर से अमलेंदु मिश्रा व उनके बड़े भाई हाथियों पर काफी काम किए । इसी सरगुजा में हाथियों के ऊपर फ़िल्म बना माइक पांडेय को आस्कर अवार्ड भी मिला । 
ये सबकुछ हुआ पर समस्या जस की तस बनी रही । वन विभाग में हाथियों के दल को रोकने के लिए और प्रभावित परिवारों के सहायता के लिए योजनाएं खूब बनी काम क्या हुआ क्या नही यह तो वह विभाग जाने । पर हाथियों के संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई और उनके आवाजाही में भी वृद्धि हुई । 
जहां वे सरगुजा के एक क्षेत्र तक सीमित थे वे धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ राज्य के कई जिलों में पहुंच गए । उत्तर छत्तीसगढ़ से वे दक्षिण छत्तीसगढ़ तक अपना साम्राज्य का विस्तार कर लिया । आज वे सरगुजा के मैनपाट में लखनपुर और उदयपुर में अलग -अलग दल उपलब्ध है वही दक्षिण बस्तर के कांकेर जिले के चारामा व भानुप्रतापपुर विकासखण्ड में कई दिनों से डेरा डाले हुए । 
वन अमला अपना काम कर रहा है क्या कर रहा है इस पर आगे दूसरे लेख में लिखेंगे । पर यहां यह जानना जरूरी है कि ऐसा क्यों हो रहा है कि जंगली जानवर गांव व शहर की ओर अपना रुख अपना रहे है । जो जानवर कभी आदमी से डरते थे आज वे बिना डरे घूम रहे हैं। हम जो देखते उसकी नजर में वनों व जंगलों में मनुष्यों का हस्तक्षेप आवश्यकता से ज्यादा बढ़ गया है । गीता में कहा है कि *शेर वनों की सुरक्षा करता और वन शेर की सुरक्षा करता है* । 
1- वनों की अंधाधुंध कटाई - वनों से भारतीय पेड़ों को काट कर समाप्त कर दिया जा रहा है जो पर्यावरण के अनुकूल हैं जिन पर पक्षी निवास करते है, जिनसे पशु पक्षियों को खाने की व्यवस्था होती है । 
2- औद्योगिकरण का वन क्षेत्र की ओर विस्तार -वन क्षेत्रों में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है । सरकार व बड़े उद्योगपतियों की नजर इधर है । सरकार को इससे एक बड़ी आय होती जिसके लिए इसका दोहन करते है । और इन्ही खनिजों से बनने वाले सामानों के लिए उद्योग लगाए जाते है जिसके लिए भी भूमि सरकार वन क्षेत्रों से ज्यादा उपलब्ध कराती है । जिससे वनों का नुकसान होता है । 
3- माइंस के कारण - छत्तीसगढ़ माइंस व मिनरल्स से भरा पूरा राज्य है । यहां कोयला,लोहा, बाक्साइड,अभ्रक, हीरा आदि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है इन खनिज संपदा का दोहन करने के जंगल उजाड़े जा रहे है और माइंस का जाल विछाया जा रहा है । खदानों से जंगल तो खत्म होते है उनके खुदाई में ब्लास्ट करने से भी जानवरो को डर लगता है जिससे वे गांवों व शहर की तरफ निकल जाते है । 
4- माइंस व उद्योगों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण - माइंस व उद्योग की स्थापना तो कर दी जाती है लेकिन इनसे निकलने वाले धुंवे, कचरे व गंदगी प्रदूषण फैलाने का कार्य बड़े स्तर पर कर रहे है । जिससे जलवायु में परिवर्तन तेजी से हो रहा है । बढ़ते प्रदूषण का असर मनुष्य के साथ- साथ पशु पक्षियों के जीवन पर भी पड़ता है । इसके कारण भी पशु पक्षी पलायन करने को बाध्य हो जाते है । 
5- नदियों पर उद्योगों का कब्जा - नदियों के पानी का दोहन उद्योगों द्वारा किया जा रहा है जिससे जानवरों को पीने के लिए पानी आसानी से उपलब्ध नही हो पा रहा । पानी के तलाश में जानवर, पशु पक्षी गांव व शहर का रुख कर रहे है । 
6- वनोपज का दोहन - वनों से पशु पक्षियों के खाने वाले उपज को दोहन कर लिया जा रहा है जिससे जानवरों व पशु पक्षियों के लिए खाने की व्यवस्था वनों में नही हो पा रही इस कारण भी वे गांव व शहर का रुख कर रहे है । 
7- जलवायु परिवर्तन- जलवायु परिवर्तन के बड़ी वजह है। वन क्षेत्रों में पहले ठंड होती थी शीतलता होती थी जो अब समाप्त होते जा रही है । मौसम में परिवर्तन भी हो रहा है जिससे व्याकुल होकर जानवर, पशु पक्षी गांव व शहर कही भी जा रहे है । 
8- कांक्रीट का जाल - विकास के नाम पर जंगलों को काटकर चौड़ी -चौड़ी सड़कें बनाई जा रही है । गांवों में पक्के भवनों का जाल बिछ रहा है जिससे तापमान में भारी बदलाव आया है । अब जंगल क्षेत्र में भी दिन में भीषण गर्मी देखने व महसूस करने को मिल रही है । आदमी तो कुकर व एसी लगा के मस्त है । पर ये न बोलने वाले जानवर व पशु पक्षी कहां जाएं ।
उपाय 
1- जानवरों के व्यवहार पर अध्ययन होना चाहिए
2- जानवरों के खान- पान, रहन सहन का अध्ययन होना चाहिए और वे जो चीजे खाते वो उन्हें प्राकृतिक रूप से जंगलों में मिल सके इसके लिए व्यवस्था बनानी चाहिए 
3- भारतीय पौधों का रोपण किया जाना चाहिए जो पर्यावरण के साथ -साथ पशु पक्षियों के लिए भी अनुकूल हो ।
4- वनों के अंदर पीने के पानी की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए 
6- औद्योगिकरण व माइंस को कम किया जाना चाहिए 
7- प्रदूषण न हो इसके उपाय किए जाने चाहिए 
8- जानवरों से मानव हानि न हो इसके लिए सूचना प्रणांली विकसित किया जाना चाहिए । 
9- कांक्रीट का जाल बिछाना बंद हो पर्यावरण के अनुकूल विकास के रास्ते तलाशने चाहिए । 
10- पारम्परिक तौर तरीकों को उपयोग में लाना चाहिए उनको बढ़ावा भी दिया जाना चाहिए । 
11- वनों का विकास किया जाना चाहिए जो प्राकृतिक तरीके से ज्यादा हो । खरपतवार का उपयोग जैविक खाद के रूप में हो। ऐसे पौधे लगाए जाएं जिनके फलों को पशु पक्षी खा सके । पशु पक्षी कीड़े मकोड़े परागण अच्छी तरह करते है । अतएव ऐसे पौधे ज्यादा लजे जिनका परागण पशु पक्षियों व कीट पतंगों द्वारा होता है ताकि वृक्षों के लगाने में इनकी भी प्राकृतिक भूमिका हो । वनों के विकास में वाहक बने । 
संजय शर्मा 
सोशल एक्टिविस्ट 

Wednesday, 18 August 2021

आस्था महिला बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति ने आगामी योजना बनाई

आस्था महिला बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति की महिलाओं ने आजिविका प्रबंधन हेतु बैठक का आयोजन बिलाड़ी स्थित घुघुवा टैंक में किया । इसका मुख्य उद्देश्य आगामी वर्ष की कार्ययोजना तैयार करना तथा उसके क्रियान्वयन पर चर्चा करना रहा । 
बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिनमे  5 एकड़ जमीन में नर्सरी लगाना, महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराना,नर्सरी की देखभाल व संरक्षण संवर्धन, कांटे का घेराव करने की व्यवस्था , नर्सरी के पौधों का विक्रय हेतु व्यवस्था बनाना, जैविक खेती पर विस्तार योजना ।  
इन समस्त कार्यों से समिति की महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण होगा और वे स्वावलम्बन की ओर आगे बढ़ेगी ।
इस अवसर पर बिहान योजना,,से पी,डी,पी, एम,विक्रम लोधी,बी,पी, एम, आनंद भारद्वाज, रितेश तिवारी, महिला मण्डल बिलाडी, आस्था महिला बहुदेशीय मर्यादित सहकारी समिति से सरोज पवार, ममता कुर्रे,मंजू पोर्ते, कमला यदू,वर्षा यदू व सामाजिक कार्यकर्ता रोहित भाई पाटिल उपस्थित रहे।

सहभागिता से बनाएंगे *ग्राम कुटीर*

ग्राम अधिकार मंच वर्ष 2005 से क्षेत्र में सक्रियता के साथ कार्य कर रही है । मंच अपने संगठन में उत्साह का संचार करने तथा शसक्त बनाने हेतु क्षेत्र में लगातार अभियान चला कर बैठकें कर रही है तथा सदस्यता बढ़ा रही है । 
मंच को मजबूत बनाने हेतु अलग अलग विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम व जागरूकता के कार्य प्रभावी तरीके से लगातार किए जा रहे है । इसी क्रम में ग्राम अधिकार मंच नवापारा कला के सुमेला बहरा में मंच का प्रशिक्षण व संसाधन केंद्र की स्थापना करने की तैयारी जोर शोर से कर रही है । जिसके सम्बन्ध में  नवापारा कला में मंच के सदस्यों व पदाधिकारियों के साथ मंच के संयोजक राकेश राय ने बैठक ली  जिसमें संगठन विस्तार, सहायता कार्य, ग़ाम कुटीर निर्माण,जोनल कमेटी चयन, वार्षिक कार्य योजना ,आम सभा के गठन पर चर्चा किया गया। साथ ही कार्य व ग्राम कुटीर निर्माण स्थान का अवलोकन किया गया।

स्वावलम्बन की मिशाल पेश कर रही करहिकछार कि महिलाएं

बिलासपुर /कोटा- *संगम महिला बहुउद्देशीय सहकारी समिति करहिकछार* समिति की महिलाएं लघु उद्योग की स्थापना कर उसे सक्रियता के साथ सफलतापूर्वक संचालित कर आत्मनिर्भरता व स्वावलंबन की मिशाल पेश कर रही है । समिति की महिलाओं ने तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी कौशल क्षमता  में वृद्धि कर स्थानीय स्तर पर वॉशिंग पॉवडर फिनाइल, हैंडवॉश, बर्तनबार, डिशवाशर, टॉयलेट क्लीनर, अचार सफलता पूर्वक गुणवत्ता युक्त समान बना अच्छे सुरक्षित पैकेजिंग के साथ बाजार में कम दाम पर लोगों को उपलब्ध करा रही है । 
समिति की महिलाएं कृषि के क्षेत्र में भी अपने आपको सशक्त बना रही है ताकि महिला किसान आगे आए और अपने आपको स्थापित करें ।  कृषि के क्षेत्र में परंपरागत बीज संरक्षण एवं संवर्धन कोदो कुटकी, रागी आदि मोटे अनाजों पर समिति की महिलाएं  सक्रियता के साथ सफलतापूर्वक कार्य कर रही है । इनका यह प्रयास अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायक बन रहा है । 

समिति की महिलाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने व उनका उत्साह वर्धन हेतु  प्रशिक्षण देकर तैयार करने में  सामाजिक कार्यकर्ता अनिल बामने, प्रकाशमणि  क्रांति मरावी व बेन रत्नाकर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

संगम महिला बहुउद्देशीय सहकारी समिति करहिकछार* के द्वारा संचालय आर्थिक सामाजिक अगिविधियों का निरीक्षण करने के लिए *NCDC (नेशनल कोऑपरेटिव डेव्हलपमेंट कारपोरेशन)* रीज़नल डायरेक्टर श्री कैलाश कुमार कौशिक , करहिकछार पहुंचे तथा महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की  सराहना की है और विभगीय मदद करने का भरोसा जताया है।

Thursday, 12 August 2021

आजीविका हेतु महिलाओं ने की नर्सरी तैयार

तिल्दा रायपुर -    मेहनतकश लोग जीवन जीने के रास्ते बना ही लेते है, रायपुर जिले अंतर्गत तिल्दा नेवरा विकास खंड के ग्राम बिलाड़ी में अपनी परिवार के भरण पोषण,परिवार व ग्राम को शसक्त बनाने की दिशा में ग्राम की महिलाओं ने मिलकर घुघुवा टैंक बिलाड़ी में 14 एकड़ भूमि में आजीविका बाड़ी का निर्माण किया है। जिसमे नित नए -नए प्रयोग कर रही है । बाड़ी में फलदार वृक्षों के साथ -साथ मूंगा, के पौधे भी रोपित किए गए जिनके फल को सब्जी बाजार में बेचा जाता है तथा उसके पत्तों से पाउडर बना कर दवाई के लिए बेचा जाता है । 
अपने आजीविका बाड़ी के विकास व महिलाओं के आर्थिक स्थिति को बेहतर व स्वावलंबी बनाने हेतु नर्सरी में पौधे भी तैयार किए जाते है । चर्चा में समाज सेवी रोहित पाटिल जी ने बताया कि इस समय महिलाएं मिलकर नर्सरी हेतु मिट्टी तैयार कर रही है जिसमे 
चींटी पाउडर , भिभोरा की काली मिट्टी, रेत, मुर्गी खाद, भेड़ खाद,गौ कम्पोस्ट खाद आदि का मिश्रण करके मिट्टी तैयार किया जाता है । जिसे कारपोली बैग में भरकर काजू,बदाम, श्री आंवला,खिरी, जंगली बदाम,कटहल,नींबू,मुनगा, पपीता के बीजों का रोपण कार्य किया जायेगा ।

Saturday, 7 August 2021

राज्य योजना आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा गठित वर्किंग कमेटी की बैठक सम्पन्न

राज्य योजना आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा *आदिवासी विकास ,वन एवं वन्यजीव प्रबंधन, लघु वनोपज प्रबंधन क्षेत्रों का विकास* विषय पर गठित टास्क फोर्स अंतर्गत कार्य समूह की प्रथम बैठक का आयोजन अध्यक्ष व मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार श्री राजेश तिवारी जी की अध्यक्षता में किया गया । उक्त बैठक में शासन के सम्बंधित विभागों के प्रतिनिधि, स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि जो वर्किंग कमेटी के सदस्य है शामिल हुए । जिसमे अनमोल फाउंडेशन की तरफ से श्री संजय शर्मा जी शामिल रहे ।

Sunday, 1 August 2021

3 री बटालियन अमलेश्वर में वृक्षारोपण किया गया

ग्रीन आर्मी चंगोराभाठा द्वारा 3 री बटालियन के कैम्पस अमलेश्वर में वृक्षारोपण कार्य का आयोजन किया गया । उक्त अवसर पर बटालियन के एडिशनल  श्रीमती गायत्री सिंह,  डीएसपी श्री संजय दीवान, ग्रीन आर्मी चंगोराभाठा  अध्यक्ष श्री पुरुषोत्तम चन्द्राकर,  अनमोल फाउंडेशन के श्री संजय शर्मा, गुरुकुल महाविद्यालय ई सहायक प्राध्यापक  एन एस एस प्रभारी रात्रि लहरी छात्र व ग्रीन आर्मी बटालियन की टीम शामिल हुए

Saturday, 31 July 2021

हेल्पेज इंडिया व अनमोल फाउंडेशन द्वारा जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिकों को राहत सामग्री वितरित

रायपुर -हेल्पेज इंडिया की छत्तीसगढ़ इकाई व अनमोल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में रायपुर शहर के दीनदयाल उपाध्याय नगर सेक्टर 3 में कोरोना के द्वितीय लहर से प्रभावित जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिकों को सुखा राशन व सुरक्षा किट का वितरण किया गया। 
इस अवसर पर सभी नागरिकों को वैक्सीन का टीका लगवाने व कोरोना के तीसरे लहर के बचाव से सुरक्षित रहने के उपायों पर जानकारी दी गई । वैक्सीन लगवाने हेतु प्रेरित भी किया गया । 
सामग्री वितरण के दौरान कोरोना के गाइड लाइन को ध्यान में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखा गया।
वितरण के अवसर पर हेल्पेज इंडिया के कार्यक्रम अधिकारी श्री अमित भौमिक व संजू तथा अनमोल फाउंडेशन के निदेशक श्री संजय शर्मा उपस्थित रहे।

Saturday, 26 June 2021

कृषकों को मचान विधि से खेती हेतु प्रशिक्षण दिया


कासा रायपुर व ग्राम अधिकार मंच के संयुक्त तत्वावधान में सरगुजा जिले के अम्बिकापुर विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम नवानगर में संगठन से जुड़े महिला एवं पुरुष कृषकों को मचान विधि से धान व सब्जी खेती करने हेतु कासा रायपुर के साथियों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया । 
प्रशिक्षण में 10 ग्रामों से 60 महिला व पुरुष किसानों ने भाग लिया । 


Friday, 25 June 2021

गूंज के सहयोग से अनमोल फाउंडेशन द्वारा कोविड प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित

कोविड की दूसरी लहर के प्रभाव से काफी लोग प्रभावित हुए । लाकडाउन के कारण लोगों का रोजगार पर भी असर पड़ा । जिससे लोगों के समक्ष आजीविका की समस्या निर्मित हो गई । अनमोल फाउंडेशन कोविड में लगातार लोगों के बीच जागरूकता व आवश्यक राहत कार्य संचालित करती आ रही है ।  अनमोल फाउंडेशन के प्रयास से गूंज संस्थान के सहयोग से सरगुजा जिले के अम्बिकापुर व मैनपाट विकास खण्ड अंतर्गत 10 ग्राम के 150 जरूरतमंद परिवारों ग्राम अधिकार मंच के साथ मिलकर राहत कार्यक्रम के तहत खाद्यान सामग्री, सुरक्षा किट व किशोरी बालिकाओं हेतु सेनेटरी पैड का वितरण किया गया । ताकि लोगो को थोड़ी राहत मिले। 

Tuesday, 15 June 2021

हेल्पेज इंडिया द्वारा विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस पर वेबिनार

हेल्पेज इंडिया के छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के अवसर पर वेबिनार का आयोजन किया गया । वेबिनार में मुख्य वक्ता व अतिथि राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन सुश्री अनुसुइया उइके जी ने वरिष्ठ नागरिकों पर होने वाले दुर्व्यवहार को लेकर चिंता जाहिर की तथा उन्होंने वृद्धाश्रमों में सुविधाओं पर भी चिंता जताते हुए कहा कि जैसा सम्मान व सुविधा वरिष्ठ जनों को मिलना चाहिए वो नही मिलता । स्वैच्छिक संस्थाएं भी वृद्धाश्रमों में जन्मदिन आदि पर जाकर सिर्फ औपचारिकता निभाती है । 
छत्तीसगढ़ में स्वैच्छिक संस्थाओं के द्वारा किए जाने वाले प्रायसों कि सराहना की और उम्मीद जताई कि स्वैच्छिक संस्थाएं इस दिशा में बेहतर प्रयास करेंगी । 
वेबिनार को संबोधित करते हुए CID रायपुर की AIG श्रीमती भावना गुप्ता ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाए गए कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी साथ ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 6 जिलों में चलाए जा रहे  *समपर्ण अभियान* के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई । हेल्पेज इंडिया के सीईओ ने एक अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन राज्य प्रमुख शुभांकर विस्वास ने किया ।

Sunday, 6 June 2021

अनमोल फाउंडेशन द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम में खाद्य योजना व संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत द्वारा खाद्य सामग्री वितरण कर शुभारंभ किया

पी एन्ड जी द्वारा सहायतार्थ हेल्पेज इंडिया, अनमोल फाउंडेशन व ग्राम अधिकार मंच के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ नागरिकों के सहायता हेतु खाद्य सामग्री व कोविड सुरक्षा किट प्रदान करने हेतु नवानगर में दूसरे दिन का कार्यक्रम *खाद्य, योजना व संस्कृति मंत्री छत्तीसगढ़ शासन श्री अमरजीत भगत के हाथों वितरित किया गया । इस अवसर पर अनमोल फाउंडेशन के निदेशक श्री संजय शर्मा व ग्राम अधिकार मंच के संयोजक श्री राकेश राय जी उपस्थित रहे । माननीय मंत्री जी ने अनमोल फाउंडेशन के कार्यों की सराहना की । 

Friday, 4 June 2021

वृद्धाश्रम राघवपुरी व नावानगर में सुरक्षा किट व पोषक आहार वितरण

पी एन्ड जी के सहयोग से हेल्पेज इंडिया की छत्तीसगढ़ इकाई,अनमोल फाउंडेशन व ग्राम अधिकार मंच के संयुक्त तत्वावधान में राघवपुरी स्थित वृद्धाश्रम में निवासरत वरिष्ठजनो को सुरक्षा किट जिसमे मास्क, साबुन तथा खाद्यान्न पैकेट जिसमे आंटा, शक्कर, तेल,पोहा, सोया बड़ी,दाल, हल्दी,मशाला,आदि मिलाकर कुल एक माह का खाद्यान्न सामग्री वितरित किया गया । हेल्पेज इंडिया छत्तीसगढ़ के राज्य प्रमुख शुभांकर विस्वास जी ने लोगों को कोरोना महामारी से बचाव के उपायों हाथ की सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ वैक्सिनेशन अनिवार्य रूप से कराने पर बल दिए। पैकेट वितरण में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पूरा ध्यान रखते हुए स्वंय से पैकेट लेने की प्रक्रिया चलाई गई ताकि एक दूसरे के संपर्क में कोई न आए ।  वितरण में उप संचालक श्री डीके राय ने अपने विभागीय कर्मचारियों के सहयोग से वितरित करा हेल्पेज इंडिया, अनमोल फाउंडेशन व ग्राम अधिकार मंच को उक्त सहयोग के लिए धन्यवाद दिए। उक्त अवसर पर हेल्पपेज इंडिया छत्तीसगढ़ के राज्य प्रमुख श्री शुभांकर विस्वास, अनमोल फाउंडेशन के निदेशक श्री संजय शर्मा व ग्राम अधिकार मंच के संयोजक श्री राकेश राय उपस्थित रहे । 

पौधा लगाएं जीवन बचाएं

आज विश्व पर्यावरण दिवस है, पर्यावरण बचाना हम सबका कर्तब्य है। वैसे तो विकास के नाम पर जिस तरह से पिछले कुछ दशकों में विनाश किया जा रहा है यह किसी से छुपा नही है ।
एक तरफ तो अभियान चला कर वृक्षारोपण किया जाता है लेकिन यह सिर्फ वृक्षारोपण तक ही सीमित रह जाता है  लगाए गए पौधों  की देखरेख व पानी देना भूल जाते है जिससे उसमे से कुछ ही पौधे बड़े हो पाते है बाकि सब नष्ट हो जाते है ।
बड़ी बड़ी फैक्ट्रियों ने जिस तरह से प्रदूषण फैला रखा है उससे वायु में भयावह प्रदूषण की स्थिति है यह भी सब जानते ही है । सरकारें इस ओर कितना और कैसे ध्यान देती है इसे सब जान ही रहे है ।
ऐसा लगता है हमारे बड़े बड़े विशालकाय भारतीय पेड़ों का विनाश एक सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है । और उसके बदले विदेशी पौधों को लगाया जा रहा है फिर ऐसे पौधों को लगाया जाता है जिसमे न तो पक्षी अपना घोंसला बना सकते है न ही कीट पतंगे। कोई पौधा हमारे भारतीय पौधों जैसा फल देने वाला नही होता  जिसे खाकर पशु पक्षी अपना जीवन जी सके ।
इस विश्व पर्यावरण दिवस पर हम आप सभी से अनुरोध करते है पौधा जरूर लगाए और कोशिश करें कि हमारा देशी पौधा ही लगाएं ।
#विश्वपर्यावरणदिवस 

Friday, 28 May 2021

जमीनी स्तर पर कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाओं की चुनौतियां

स्वैच्छिक संस्थाओं की बात जब होती है तो कई नाम सामने आते NGO,स्वैच्छिक संस्थाएं (VO) सिविल सोसाइटी, क्लब व अलाभकारी संस्थाएं (NPO) स्वैच्छिक संस्थाओं में बहुत सी विभिन्नताएं है जन संगठन, जमीनी संगठन,ससाधन संगठन, मानव अधिकार संगठन, सामाजिक कार्यवाई समूह,सहायता समूह, नेटवर्क आदि कानूनी पहलु देखेंगे तो सोसाइटी ( सोसाइटी में स्वंय सहायता समूह, क्लब, स्कुल कालेज, अस्पताल व शासन के भी बहुत से अर्धशासकीय संस्थाएं है ) ट्रस्ट कम्पनी एक्ट के तहत पंजीकृत संस्थाएं भारत में सदियों से सेवा भाव का स्वरुप इतिहास में पढ़ने को मिलता है , जब आजाद हुआ तो बहुत से लोग बिगड़े हुए हालात को सामान्य करने हेतु मदद किए, यही तो समाज सेवा |अगर हम सरल शब्दों में इसकी व्यख्या करें तो यही की जरूरतमंद की समय पर सहायता करना ही समाज सेवा है | पहले बिना किसी के सहयोग या लाभ के सेवा करते थे धर्मशाला, प्याऊ, कुआं, आदि की व्यवस्था कर सेवा होती रही है बाद में सरकारे इसे कानूनी जमा पहनाने लगी सेवा को पंजीयन कराने के लिए कहा गया | फिर बाहर से आने वाली सहायता पर नियंत्रण के लिए FCRA कानून लाया गया और लेखा जोखा पर नियंत्रण करने के लिए इनकम टैक्स लेकर आए | अब संस्थाओं का एक बड़ा समय इन सब कामों में जाता है | या तो आप अपने घर से खर्च कर समाज सेवा कीजिए या अगर आप दान एकत्र कर लोगों की मदद करना चाहते है तो कानूनी पचड़े में जाइए | बहुत सी संस्थाएं विशेषकर जो अध्ययन कर इस दिशा में कार्य शुरू की उन्होंने तो अपने आपको इसके लिए अपने आपको तैयार किया और काम पर लग गए ऐसे संस्थाओं की प्रबंधन क्षमता सशक्त होती है | और दानदाता ऐसे ही संस्थाओं को ज्यादा तलाशते है ताकि काम करते समय कोई कानून या अन्य दिक्कत न आए | इसी में बहुत सी संस्थाएं जो सिमित जानकारी सिमित योग्यता के साथ जमीनी स्तर पर कार्य शुरू की ऐसी संस्थाओं में अधिकाँश संस्थाओं ने अपने आपको ज्यादा तैयार नही किया | कही से पता चला पंजीयन कर समाज सेवा कर सकते है तो किसी तरह पंजीयन करा लिए संस्था बन गई | फिर कहीं से पता चला की इसके लिए अनुदान भी मिलता है फिर अनुदान खोजने लगे कोई कुछ भी बताया उधर का ही रास्ता पकड़ लिए | इसकी बढ़ोत्तरी देख बहुत से दलाल भी बाजार में आ गए कोई कानूनी पंजीयन की बात करने लगा कोई फंड दिलाने की | ऐसे में बहुत से लोग दलालों के चंगुल में फंसे भी और शोषण भी हुआ | जमीनी स्तर की संस्थाओं की स्थिति – 1- आए दिन नई संस्थाओं का पंजीयन होता है जिससे संस्थाओं की संख्या बहुत है 2- सोसाइटी पंजीयन के अलावा ज्यादा जानकारी नही है कुछ गिनती की संस्थाएं है जिन्हें FCRA या इनकम टेक्स की जानकारी है 3- पंजीयन के बाद क्या करना है ये पता नही 4- दानदाताओं के सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी नही 5- प्रोपोजल लिखने या रिपोर्ट तैयार करने में भी बहुत सी संस्थाए सक्षम नही 6- अगर कुछ छोटा छोटा काम किए भी तो उनकी दस्तावेज ठीक से बना नही दानादाता शासकीय परियोजनाए- शासन के परियोजनाओं तक पहुचना इतना आसान नही, अक्सर सुस्न्ने को मिलता है की ब्य्रुक्रेट्स के अपने NGOs रहते है जिन्हें ज्यादा काम मिलता है या फिर बड़ी संस्थाएं है जो राज्य के बाहर से आती है उन्हें काम मिल जाता है लेकिन स्थानीय संस्थाओं को काम बहुत ही मुस्किल होता है मिलना | विदेशी दानदाता – विदेशी दानदाता भी सीधे जमीनी स्तर की संस्थाओं तक नही पहुंचती वप बड़ी बड़ी संस्थाओं के माध्यम से नीचे आती है लेकिन वर्तमान नए FCRA कानून के कारण वो भी बंद हो गया सी एस आर- सी एस आर फंड को तो जमीनी संस्थाएं सिर्फ सपनों में देखती है कुछ को मिल भी जाता हो उनकी संख्या ना के बराबर ही होगी | जमीनी स्तर पर संस्थाएं जमीनी स्तर भी कई प्रकार की संस्थाएं है जिनमे शहर के भीतर कुछ संस्थाएं चन्दा संकलित कर समय – समय पर समसामयिक मुद्दों पर कार्य करती रहती है कुछ क्लब है जो इसी तरह का कार्य करते रहते है | तो अगर हम इसे देखे तो इस प्रकार विभाजित कर सकते है कि कुछ संवेदनशील लोग जो क्लब या सोसाइटी बनाकर समसामयिक मुद्दों पर कार्य करते है, ब्लड डोनेशन, वृद्धाआश्रम, एम्बुलेंस, स्वास्थ्य कैम्प, वृक्षारोपण आदि | एक परियोजना आधारित संस्थाएं जो शासन से या विदेशी अनुदान, सी एस आर या अन्य स्रोतों से परियोजना के लिए धन एकत्र कर कार्य करती है एक जो स्कुल, कालेज,अस्पताल के द्वारा कार्य करती है लेकिन ये वर्ग पूर्ण आयजनक होती है इसलिए अब लोग इन्हें स्वैच्छिक में नहीं मानते लेकिन कानूनी रूप से इन्हें ये दर्जा हासिल है चुनौतियां जमीनी स्तर की छोटी छोटी संस्थाओं के अनेको चुनौतियां है जिनमे 1- जानकारी का अभाव कानूनी / धन प्राप्त करने के स्रोत व् उन्हें प्राप्त करने के तरीकों का 2- जानकारी का आभाव होने से उनकी दस्तावेज व्यवस्थित नही होता 3- भाषा एक चुनौती होती है विशेषकर विदेशी स्रोतों से धन प्राप्त करने के लिए 4- नया FCRA संसोधन कानून 5- आए दिन हो रहे कानूनों में संसोधन 6- संसाधन की कमी ( भागदौड़ के लिए ) 7- अपने छोटे छोटे प्रयासों को सही तरीके से उचित जगह पर प्रस्तुत न कर पाना 8- शासन के समन्वय का अभाव 9- दानदाता के सम्बन्ध में जानकारी न होने व् संसाधन की कमी होने से संवाद नही कर पाते 10- संस्थागत / कार्यकर्ता स्तर पर आत्मनिर्भरता की दिशा में व्यापक सोच का अभाव 11- संस्थाओं में स्थायित्व को लेकर बहुत समस्या है 12- बिना अनुदान के संस्था कैसे संचालित हो इसके लिए व्यापक रणनीति नही दिखाई देती 13- संस्थाओं के मुदद आधारित बहुत से संगठन है लेकिन कोई ट्रेड यूनियन नही है जो संस्था में कार्यरत मानव हितों की आवाज उठाए अवसर 1- जमीनी स्तर पर कार्य करने के व्यापक अवसर है 2- क्षेत्रों में ग्राम स्तर पर लोगों का सहयोगात्मक रवैया होता है 3- स्थानीय संसाधनों से बहुत से कार्य किए जा सकते है 4- संस्याएं बहुत है जहा संस्थाओं के कार्य की जरूरत है 5- बहुत से विभाग के पास संस्थाओं के साथ कार्य करने के लिए परियोजनाएं होती है क
ोरोना महामारी में स्वैच्छिक संस्थाएं पिछले वर्ष जब कोरोना की लहर आई थी उस समय चारो तरफ अचानक लाक डाउन से स्थिति बिगड़ गई | प्रसाशन आपातकाल के लिए स्वैच्छिक संस्थाओं के सहयोग लेने के लिए जिले में सूचि बनाने में लग गए कुछ संस्थाओं ने अपना नाम दिया इसमें ज्यादात्र शहरी क्षेत्रो में कार्य करने वाले स्वैच्छिक संस्थाएं रहे | जब मजदूर पैदल वापस अपने घरों की बढ़े और एक बड़ा दबाव का निर्माण हुआ तब बहुत से स्वैच्छिक संस्थाएं आए आए और अपने – अपने तरह से कार्य करने की कोशिश करने लगे लेकिन लाक डाउन होने से उन्हें अनुमति नही मिली तो चुपचाप जो भी कार्य कर सकती थी करते रहे कुछ संस्थाओं को शासन ने अनुमति दी लेकिन बहुतायत संस्थाओं को अनुमति नही मिल पाई | लेकिन जैसे ही लाक डाउन खुला संस्थाएं अपने अपने क्षेत्रो की तरफ भागी और जितनी व्यवस्था हो सकती थी अपने दानदाता से या अन्य स्रोतों से लोगों ने हर संभव मदद करने का प्रयास किया | अब जब दुसरी लहर कोरोना की आई तो इस बीच बहुत से संस्थाओं के पास परियोजनाएं ही नही रही, कोई नई परियोजना ला भी नहीं सकते थे क्योकि FCRA का नया एकाउंट खोलना था जो खुला नही | FCRA के नए कानून के कारण बहुत से बड़ी संस्थाएं जो छोटे छोटे जमीनी संस्थाओं को सहयोग करती थी वे नही कर पाई तो जमीनी स्तर की बहुतायत संख्या में संस्थाएं राहत में कार्य नही कर पा रही | सभी को इन्तजार है किसी नए रास्ते का अब देखते है वो रास्ता कब बनाता है संजय शर्मा - सामाजिक कार्यकर्ता

Monday, 24 May 2021

चंद हीरों के लिए हरे भरे जंगल को समाप्त करने की तैयारी


आज जहां एक ओर आक्सीजन के मारामारी चल रही है कृत्रिम आक्सीजन के लिए दूसरे देशों की ओर मुंह ताक रहे है । लोग त्राहि त्राहि कर मौत के मुंह मे समा जा रहे है । और ऑक्सीजन के लिए इतना त्राहि त्राहि क्यो ? एक ओर सरकारें भविष्य की चिंता किए बगैर आएं दिन एक नए खदान खोलने की तैयारी में रहती है जिससे हजारों लाखों पेंडो की बली चढ़ाई जाती है । अंधाधुंध पेड़ों की कटाई व जंगलों के नष्ट करने के कारण लगातार तापमान में बदलाव देखने को मिल रहे है । प्रलयकारी आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है । इन सबके बावजूद भी सरकार आंख बंद किए दोहन किए जा रहे है । ऐसा ही एक जंगल और समाप्त होने जा रहा है वो है बकस्वाहा का जंगल जो छत्तरपुर जिले में स्थित है ।

मध्यप्रदेश के छत्तरपुर जिले में स्थित बकस्वाहा के जंगलों को काटने की तैयारी हो रही है । इन जंगलों में हीरे का भंडार मिला है जो देश का सबसे बड़ा भंडार होगा । यहां लगभग 3.42 करोड़ कैरेट हीरे होने का अनुमान लगाया जा रहा है । जिसका बाजार मूल्य हजारों करोड़ रुपए होगा । 
हीरे निकालने के लिए जंगल का 3,82,131 हैक्टेयर जमीन की खुदाई किया जाएगा एक अनुमान के मुताबिक 2,15,875 पेड़ काटे जाएंगे। इसमे 40000 पेड़ सागौन के हैं इसके अलावा पीपल, तेंदू, जामुन, बहेरा, अर्जुन जैसे औषधीय पौधे भी है जबकि जंगलों में अनेकों प्रकारा के कंदमूल व साग भाजी होती है जिनसे गरीबों का पेट भरता है । जंगलों पर आसपास के लोग आश्रित होते है वर्ष में कई माह इन्हें यही से रोजगार मिलता है । इस वन के नष्ट होने से सिर्फ प्रकृति का विनाश नही होगा बल्कि कितने परिवारों का आजीविका समाप्त हो जाएगा । 
सरकार ने 2 साल पहले नीलामी की है जिसमे आदित्य बिड़ला समूह की एस्सेल माइनिंग एन्ड इंडस्ट्रीज लिमिटेड की बोली में जमीन 50 साल के लिए पत्ते पर दी जा रही है । जंगल मे 62.64 हैक्टेयर क्षेत्र हीरा निकालने के लिए चिन्हित किया गया है जहां पर खदान बनेगा । 
बिड़ला समूह ने 382.131 हैक्टेयर जंगल मांगा था ताकि 205 हैक्टेयर जमीन में मलवा डंप किया जा सके । इस काम मे कंपनी 2500करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है । 
वर्तमान में पर्यावरण मंत्रालय की ओर से गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सामने सुनवाई चल रही है । एक अनुमान है कि 2022 तक खनन का कार्य शुरु हो जाएगा । 

इस हरे भरे जंगल को बचाने के लिए सामजिक कार्यकर्ता , पर्यावरण प्रेमी, सभी आगे आ रहे है लोग विरोध में आवाज उठा रहे है । यह आवाज कितना दबाव का निर्माण करता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन फिलहाल सब एकजुट हो रहे है ताकि इसे रोका जा सके

Thursday, 20 May 2021

कोविड से निपटने 5 लाख युवा वालंटियर्स तैयार करेगी यूनिसेफ छत्तीसगढ़

*युवा स्वैच्छिक संस्थाएं यूनिसेफ से जुड़ सकते है*
आज Arka Viyat Foundation, फुलवारी युवा शिक्षण एवं कल्याण समिति व गुरुकुल महिला महाविद्यालय NSS रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में *COVID 19 के दौरान युवा, सामाजिक कार्यकर्ता व स्वैच्छिक संस्थाओं की भूमिका* विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के राज्य प्रमुख श्री जॉब जकारिया जी थे। जकारिया जी कोविड पैंडमिक के दौरान यूनिसेफ द्वारा युवाओ की भागीदारी से चलाए जा रहे अभियानों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए *रोको टोको अभियान* सीख कार्यक्रम व यूनिसेफ द्वारा चलाए जा रहे अन्य कार्यक्रमों में युवाओं को जोड़ने की बात । उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 5 लाख युवाओं जोड़कर 11 हजार ग्राम पंचायतों तक वैक्सीनेशन, बच्चो में बेहतर  शिक्षा का विकास करने व स्वास्थ्य के बच्चो व गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण करा शासन की योजनाओं का लाभ जन जन को मिल सके इसके लिए प्रयास करने के यूनिसेफ के संकल्प की जानकारी दी । 
उन्होंने ज्यादा से ज्यादा युवाओं व स्वैच्छिक संस्थाओं को यूनिसेफ के साथ मिलकर अभियान से जुड़ने व आगे बढ़ाने की बात कही। 

Thursday, 15 April 2021

कोरोना से बचाव की जानकारी देकर मनाया अम्बेडकर जयंती

प्रेस विज्ञप्ति
कवर्धा -  आज दिनाँक 14 अप्रैल को भारत रत्न बोधिसत्व डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती को आस्था समिति के द्वारा विशेष मुहिम के तहत अनोखे अंदाज में मनाया गया। आस्था समिति के अध्यक्ष दौलत राम कश्यप के मार्गदर्शन में संस्था के द्वारा सुबह 7 बजे से सुबह 10 बजे तक कोविड अनुरूप व्यवहार को अपनाते हुए अपने अपने घरों में डब्ल्यूएचओ के गाइडलाइंस अनुसार छह चरणों में हाथ धुलाई का अभ्यास किया गया। इस अभियान में दो जिलों मुंगेली एंव कबीरधाम के कार्यकर्ताओं, वालेंटियर एंव अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। हाथ धुलाई का अभ्यास स्वयं एंव अपने परिवारों के सदस्यों के साथ किया गया। नोवल कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ते जा रहा है इसके प्रभावी रोकथाम के लिए शासन प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देश का कड़ाई से पालन करना है। इसके साथ साथ कोविड अनुरूप व्यवहारों को अपनाने की जरूरत है। इसलिए संस्था के द्वारा अम्बेडकर जयंती पर हाथ धुलाई के अभ्यास का मुहिम किया गया। जिसे सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। इससे लोगों में जागरूकता पैदा होगी। समाज का हर वर्ग कोविड अनुरूप व्यवहारों को अपनाकर कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ेगा। इस मुहिम में कोसमतरा, जगताकापा,  लोहड़िया, लिमो, गांगपुर, पैठुपारा, डंगनिया, अतरिया खुर्द, पथरिया जैसे 15 गांवों, 7 विकासखण्डों एंव 2 जिलों से 50 कार्यकर्ताओं, वालेंटियर एंव सामाजिक कार्यकर्ता अपने अपने घरों से शामिल हुए। सभी के द्वारा डब्ल्यूएचओ के गाइडलाइंस अनुसार हाथ धुलाई का अभ्यास किये एंव फ़ोटो, वीडियो को सोशल मीडिया में साझा भी किये हैं। अम्बेडकर जयंती के इस कार्यक्रम में संस्था प्रमुख दौलत राम कश्यप के साथ चन्द्रकान्त सदस्य आस्था समिति, उमाशंकर कश्यप केन्द्र समन्वयक मुंगेली, चित्रारेखा राडेकर काउंसलर, महेश निर्मलकर, निशा यादव, सविता कार्के, लक्ष्मी नारायण सोनवानी, राजेश कश्यप, रामलाल पटेल आस्था समिति कार्यकर्ता एवं  गाँव के वालेंटियर्स खुशबू कश्यप, आशु कश्यप, अजय कश्यप, रुद्रचरण यादव, राहुल यादव, भगत राम यादव सभी लोगों के द्वारा सहभागिता निभाई गई।

Thursday, 8 April 2021

रोगी अधिकार चार्टर पर सामुदायिक चर्चा

सरायरंजन। 08. 04. 2021 ऑक्सफेम इंडिया के सहयोग से जन स्वास्थ्य अभियान, बिहार और जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में  सरायरंजन प्रखंड अंतर्गत रायपुर बुजुर्ग पंचायत के रसलपुर गाँव स्थित मछुआरा और रविदास टोला तथा किसनपुर यूसुफ  पंचायत के खालिसपुर मुसहरी  टोला में रोगी अधिकार चार्टर पर सामुदायिक चर्चा का आयोजन किया गया। इन दोनों जगहों पर चर्चा के दौरान सचिव सुरेन्द्र कुमार नें कहा कि तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद रोगियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, अस्पतालों में चिकित्सक व गैर चिकित्सा कर्मचारी का घोर अभाव है। सतत् विकास लक्ष्य को पाने के लिए हमारी सरकारों को और अधिक सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है। रोगी अधिकार घोषणा-पत्र पर सामुदायिक चर्चा करते हुए किरण  कुमारी नें कहा कि लोगों के स्वास्थ्य रक्षा के लिए माकुल उपाए किया जाना और सबके लिए समान स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आवाज उठाना चाहिए।  ललिता कुमारी नें कहा कि आज भी अधिकांश लोग नीजी अस्पतालों में इलाज कराने को विवश हैं। दिनेश प्रसाद चौरसिया नें बताया कि बच्चों और महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन के द्वारा हीं उनके स्वास्थ्य के संवैधानिक अधिकारों से आच्छादित किया जा सकता है। वीणा कुमारी नें कहा कि जब तक गाँव-गाँव में सभी सुविधाओं से सुसज्जित सरकारी अस्पताल नहीं होगा, सबके लिए स्वास्थ्य का सपना अधूरा होगा। रविन्द्र पासवान नें कहा कि कोविद-19 के कारण प्रभावित परिवारों और उनके आश्रितों के रोगी अधिकार गौन हो गये थे। इस अवस्था में रोगी घोषणा-पत्र में सार्वभौमिक स्वास्थ्य की परिकल्पना का प्रमाणिक दस्तावेज को अपनाने की आवश्यकता है। रामप्रित चौरसिया नें बताया कि रोगी अधिकार घोषणा-पत्र में वर्णित अधिकारों की जानकारी के लिए व्यापक जन अभियान चलाने की आवश्यकता है, ताकि आम लोग अपनें स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों की जानकारी पा सकें और उसके लिए आवाज बुलंद कर पाने में सक्षम हो सकें। वीभा कुमारी नें बताया कि आज भी सुदूर ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य के लिए ग्रामीण चिकित्सकों पर हीं आश्रित रहना मजबुरी है। खासकर गर्भवती महिला को तो किसी भी प्रकार की मानवोचित सुविधा नहीं मिल पाती है। अर्चना कुमारी नें कहा कि किशोरियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकारी अस्पतालों में काउंसिलिंग की सुविधाओं का घोर अभाव है। जब किशोर- किशोरियों का शारीरिक और मानसिक विकास हो रहा होता है, उस समय तथा किशोरियों के मासिक श्राव से संबंधित समुचित जानकारी के लिए स्कूल और स्थानीय सरकारी अस्पतालों में काउंसिलिंग की सुविधाओं का होना आवश्यक है। बलराम चौरसिया नें कहा कि रोगी अधिकार घोषणा-पत्र में वर्णित सभी प्रकार की जानकारी से लैश होकर हम अपनें स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों की प्राप्ति के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करें तभी स्वास्थ्य संबंधी सतत् विकास लक्ष्य को हम हासिल कर पाएँगे।
स्थानीय लोगों में प्रमोद सहनी, शोभा कुमारी, शर्मीला देवी,  पार्वती देवी, जूही प्रवीण, महेन्द्र राम, अनिता देवी नें भी अपनें विचारों के माध्यम से रोगी अधिकार घोषणा-पत्र की प्रासंगिकता पर बातचीत की।

Friday, 2 April 2021

डर के आगे जीत है - इस स्लोगन को चरितार्थ करते युवा

एक ओर जहां सारा देश युवाओं की ओर आशा भारी निगाह से देख रहा है । सभी को युवाओं से नए बदलाव की उम्मीद है। इसीलिए तो राजनीति से लेकर शासन की योजनाओं तक मे युवाओं की सक्रिय भागीदारी हेतु अलग अलग तरह से पहल किए जा रहे है । ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ में भी यूनिसेफ  के पहल युवाओं के सहयोग से  साकार होता दिखाई दे रहा है ।
कोविड जैसी भयंकर महामारी के डर से पूरा विश्व सहमा हुआ है । लॉक डाउन कर शासन लोगों को घरों में सुरक्षित रहने की सलाह दे रहे है । लोगों के अंदर भी भय व्याप्त है ।
ऐसी परिस्थिति में छत्तीसगढ़ के युवाओं का दो दल NSS की ब्लू ब्रिगेड टीम व बस्तर शासन की पहल पर तैयार *युवोदय* टीम । हर वक्त लोगों की सेवा व मदद के लिए तैयार खड़े है । ये युवा कोरोना महामारी के शुरुआती चरण से ही मैदान में डटे हुए है सिर्फ मैदान ही नही सुदूर पहाड़ी अंचल में सक्रिय है । जहां कोई साधन नही पहुचता वहां जाकर लोगों की मदद करते है । 
आज जब कोविड का टीकाकरण चल रहा है ऐसे में ये युवा गांव गांव जाकर साधन की व्यवस्था कर लोगों को टीकाकरण केंद्रों पर लाते है उन्हें टीका लगवा उन्हें घर तक वापस पहुचाते है । 
इसके साथ ही 4 बिंदुओं पर लोगों को संदेश दे जागरूक भी करते है जिनमे मास्क पहनने की सलाह, एक दूसरे से 6 फ़ीट की शारिरिक दूरी बनाए रखने , साबुन से हाथ धोने और भीड़ भाड़ से बचने की सलाह देकर लोगों की जान की रक्षा कर रहे है । इस टीम को तैयार करने व हर क्षण सहयोग के लिए छत्तीसगढ़ यूनिसेफ की टीम साथ मे खड़ी है । सबसे मुख्य विशेषता यह है कि ये सभी युवा स्वेच्छा से बिना किसी डर व झिझक के इन कार्यों में अपना योगदान दे रहे है जो दूसरे युवाओं के लिए प्रेरणा का विषय है । 
हम कहते भी हैं और सुनते भी है कि युवा देश का भविष्य होता है यह अगर प्रत्यक्ष में देखना है तो आप NSS के ब्लू ब्रिगेड व बस्तर के युवोदय टीम से मिलकर देख सकते है । 

Wednesday, 24 March 2021

विश्व क्षय दिवस के अवसर पर टीबी मुक्त भारत का संकल्प

कवर्धा - आज दिनाँक 24 मार्च  2021 को ग्राम पंचायत घुघरीकला विकासखंड कवर्धा जिला कबीरधाम में आस्था समिति, कवर्धा के द्वारा *विश्व क्षय दिवस* मनाया गया। ग्राम के बजरंग युवा मंडल के युवाओं एंव ग्रामीणों के साथ संगोष्ठी एंव परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों अनिल भारद्वाज, शशिकांत शर्मा, पवन जायसवाल, मनोज मानिकपुरी, मोहन साहू उपस्थित थे। जिन्होंने ने टीबी बीमारी के रोकथाम एंव बचाव की जानकारी देते हुए कहा कि टीबी के लक्षण आएं तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। टीबी (क्षय रोग) के लक्षण - दो हफ्ते से अधिक खांसी, बुखार आना, छाती में दर्द, रात में पसीना आना, भूख न लगना, वजन घटना, बलगम के साथ खून आना। आधुनिकतम जाँच और इलाज की सुविधा नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में मुफ्त में उपलब्ध है। अधुरे उपचार से ड्रग रेसिस्टेंट टीबी हो सकता है। इसलिए पूरी उपचार लेना जरूरी है। आस्था समिति के अध्यक्ष दौलत राम कश्यप ने कहा कि 40 प्रतिशत भारतीयों में टीबी का संक्रमण है। जिसका मतलब यह है कि टीबी के जीवाणु किसी समय शरीर में प्रवेश कर चुके हैं। परन्तु कोई समस्या नहीं दे रहे। रोग प्रतिरोधक शक्ति के कम होने के कारण शरीर के अंदर मौजूद जीवाणु बहुत तेजी से बढ़ने लगते हैं। जिसके कारण टीबी के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। इसी को टीबी की बीमारी होने कहते हैं। चन्द्रकान्त यादव सदस्य आस्था समिति ने कहा कि इस वर्ष टीबी दिवस की थीम *द क्लॉक इज टिकिंग टू रीच द टीबी टारगेट 2022*   *टीबी हारेगा- देश जीतेगा*  के बारे में विस्तृत से जानकारी प्रदान किया। उन्होंने उपस्थित युवाओं, ग्रामीणों एंव बच्चों को *टीबी मुक्त भारत* के सपने को साकार करने के लिए शपथ भी दिलवाई। कार्यक्रम में शासन प्रशासन द्वारा जारी नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के दिशा निर्देश का कड़ाई से पालन करते हुए आयोजन किया गया। सभी लोगों को मास्क, शारिरिक दूरी, सैनिटाइजर की प्रबंधन किया गया। विश्व क्षय दिवस पर बजरंग युवा मंडल के पदाधिकारियों चैतराम साहू , अश्वन साहू, दुर्गेश पटेल, संजय पटेल, मुन्ना साहू, प्रमोद पटेल, खलेश्वर पटेल, हरीश साहू, चाइल्ड लाइन टीम से महेश निर्मलकर, दीपक यादव कार्यकर्ता आस्था समिति उपस्थित थे।

Saturday, 20 March 2021

हरसंभव फाउंडेशन ने किया महिलाओं का सम्मान


रायपुर,20 मार्च 2021 को डीडी नगर के सामुदायिक भवन सेक्टर दो हरसंभव फाउंडेशन द्वारा आज 151 महिलाओं सहित विभिन्न  क्षेत्रों में समाज सेवा के उत्कृष्ट  कार्य  हेतु लोगों का सम्मान किया गया जिसमें   
अलग-अलग क्षेत्रों की महिलाओं पुरुषों सहित मीडिया कर्मी भी शामिल रहे,  इस अवसर पर  हरसंभव फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती पुष्पलता त्रिपाठी ने बताया कि हर संभव फाउंडेशन एक सामाजिक संस्था है जो कोरोना काल मे गरीब असहाय कोरोना से ग्रसित लोगों तक  हरसंभव मदद किया गया,और समाज को कोरोना से जागरूक करने का कार्य लगातार संस्था द्वारा किया जा रहा है,
हरसंभव फाऊंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती पुष्पलता त्रिपाठी ने कहा कि हमारी संस्था महिलाओं को हर क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के साथ साथ कैसे उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है समाज मे महिलाओं को कैसे आगे बढ़ने के साथ साथ कोरोना को लेकर लोगो को जागरूक करने का कार्य हमारी संस्था द्वारा किया जा रहा है,इसी कड़ी में आज
  उन महिलाओं का महिलाओं का सम्मान किया गया जिन्होंने मार्च 2020 कोरोना महामारी से लेकर अब तक अपने निरंतर निस्वार्थ सेवाएं प्रदान कर रही हैं इसके अलावा हरसंभव फाउंडेशन ने 11 अन्य संस्थाओं का भी सम्मान किया सभी संस्थाओं को सम्मान पत्र हरे पौधे दे कर सम्मानित किया गया, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संजना विकास उपाध्याय पत्नी विकास उपाध्याय विधायक पश्चिम विधानसभा क्षेत्र रायपुर रही,दीप्ति दुबे पद्मश्री रविंद्र नाथ मिश्रा डॉ रुना शर्मा शहर अध्यक्ष आशा चौहान  मधु चंद्रवंशी, सोनल शर्मा, आशु चंद्रवंशी,कन्हैया अग्रवाल डॉ वर्णका शर्मा  पायल नागरानी,  दलजीत सिंह मथारू , संदीप धुप्पड़ संजय शर्मा, डॉ अनीता  धागमवर  सुनीता चंसोरिया मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
हरसंभव फाऊंडेशन परिवार के सभी पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहें. सुबोध शर्मा खुशबू शर्मा रिया श्रीवास्तव सोनल शर्मा अर्चना बोरा अमृता श्रीवास्तव कुसुम श्रीवास्तव  आरती दुबे आभा वर्मा मनोरमा बाजपेई नमिता पात्रे सुनीता मोदी अनुराग मिश्रा आरती उपाध्याय डॉ प्रीति उपाध्याय प्रीति मिश्रा रंभा चौधरी सुषमा ध्रुव मिथिलेश चौहान शिफा सोनम खुशबू शर्मा विकास तिवारी रागिनी गोगिया कोमल गोगिया रानी पाठक नीलू वर्मा नीलू बागड़ी

Saturday, 27 February 2021

बैगा समुदाय से पारम्परिक खाद्य

बैगा महोत्सव छिंदडीह पंडरिया में बैगा महिलाओं के साथ उनके पारंपरिक खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी लेते हुए ।

Friday, 26 February 2021

बाल विवाह और बाल श्रम मुक्त होगा पटोरी प्रखंड

पटोरी। 23.02.2021 बच्चों के सुरक्षा और संरक्षण के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के द्वारा पटोरी प्रखंड में संचालित चाइल्ड लाइन परियोजना की प्रखंड स्तरीय चाइल्ड लाइन सलाहकार परिषद की बैठक का आयोजन प्रखंड विकास पदाधिकारी डाॅ. नवकुंज कुमार की अध्यक्षता में पटोरी प्रखंड मुख्यालय स्थित ग्रामप्लेक्स भवन में किया गया। बैठक का संचालन बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मधुप्रियदर्शिनी नें किया। बैठक को संबोधित करते हुए जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र, अख्तियारपुर के सचिव सह  निदेशक, चाइल्ड लाइन, समस्तीपुर सब सेंटर पटोरी नें बताया कि बच्चों के सम्पूर्ण अधिकारों के सुरक्षा और संरक्षण के लिए चाइल्ड लाइन समर्पित है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणापत्र का हवाला देते हुए कहा कि शून्य से अठारह वर्ष का कोई भी व्यक्ति कानूनन बच्चा है। चाइल्ड लाइन सब सेंटर पटोरी की टीम लीडर माला कुमारी, टीम मेम्बर कौशल कुमार, ललिता कुमारी, रविन्द्र पासवान एवं दिनेश प्रसाद चौरसिया नें संयुक्त रूप से बताया कि यदि चाइल्ड लाइन परियोजना को सभी संबंधित सरकारी विभाग का सहयोग और समर्थन समय समय पर मिलता रहे तो बाल विवाह और बाल श्रम को रोक पाना संभव होगा। अंचल पदाधिकारी चंदन कुमार नें कहा कि समय रहते बाल विवाह को रोकने के लिए सामुदायिक और सामाजिक पहल ज्यादा कारगर साबित होगा। ए एस आई सह बाल कल्याण पदाधिकारी प्रह्लाद प्रसाद यादव नें बताया कि बच्चों के मामले में तत्काल प्रशासनिक पहल से हीं उनको सुरक्षा देना संभव होता है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शीलवंत कुमार राय नें बताया कि बच्चों को समय पर स्कूल में जोड़ना और उसे नियमित कराये जाने से बाल श्रम और बाल विवाह के साथ बाल यौन शोषण या बाल व्यापार के विरुद्ध एक अभियान चलाने की आवश्यकता है। जिसमें बच्चों के माता-पिता की कोशिश ज्यादा कारगर साबित होगा। प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ फिरदौश आलम का कहना है कि लावारिश नवजात शिशु के मिलने की स्थिति में तथा यौन शोषण के केस में समुचित चिकित्सीय सुविधा न मिलने या विपरीत परिस्थितियों में सामाजिक सहायता मिलने में होने वाले विलम्ब से खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए व्यापक बदलाव का सूचक तय करना होगा। प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष मोहन ठाकुर नें पंचायत प्रतिनिधियों को संवेदनशील करने तथा बाल संरक्षण समिति को सशक्त बनाने के लिए सकारात्मक पहल करने की आवश्यकता पर बल दिया। चाइल्ड लाइन, समस्तीपुर कोलैब से आयी काऊन्सेलर आयशा खातून व अजीत कुमार नें बताया कि वार्ड, गाँव और प्रखंड स्तर पर बनें बाल संरक्षण समिति सदस्यों का इस दिशा में प्रशिक्षण होना आवश्यक है। साथ हीं उन्होंने कहा कि बालिकाओं के मामले में यथाशीघ्र चिकित्सीय परामर्श या जांच होने से उनको आवासन कराने में अपेक्षित सहयोग मिल जाता है। प्रखंड स्तरीय चाइल्ड लाइन सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सह प्रखंड विकास पदाधिकारी डाॅ नवकुंज कुमार नें सभी आगत सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि हम सब मिल कर संवेदनशीलता के साथ मिल-जुल कर काम करेंगे तो हमारा पटोरी प्रखंड बाल विवाह और बाल श्रम मुक्त होगा। उन्होंने पोक्सो अधिनियम और बाल विवाह निषेध अधिनियम की जानकारी देकर प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया। पटोरी प्रखंड से देश और राज्य को नई रोशनी मिलेगी। उन्होंने शिक्षा विभाग और बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से कहा कि प्रत्येक विद्यालय और आंगनवाड़ी केन्द्रों में चाइल्ड लाइन के राष्ट्रीय निशुल्क फोन सेवा 1098 से संबंधित दिवाल लेखन कराना सुनिश्चित करें। लावारिश स्थिति में  पाये जाने वाले नवजात शिशु के लिए पालना के लिए जिला बाल संरक्षण ईकाई, समस्तीपुर से माँग किया गया कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर पालना मुहैया कराया जाए।

Sunday, 21 February 2021

बैगा महोत्सव का आयोजन छिंदडीह में

अतिविशिष्ट जनजाति बैगा जो कि सबसे ज्यादा कबीरधाम जिले में निवासरत है इसके साथ ही ये जनजाति बिलासपुर व मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में भी निवास करते है। 
पिछले 7 वर्षों से बैगा समुदायों ने आस्था समिति कवर्धा के साथ मिलकर एक बैगा समुदायों का संगठन का निर्माण किया है और उसी संगठन के बैनर तले प्रतिवर्ष बैगा महोत्सव का आयोजन करते आ रहे है । 
इस वर्ष भी प्रत्येक वर्ष की भांति 19 फरवरी से 21 फरवरी तक तीन दिवसीय बैगा महोत्सव का आयोजन कबीरधाम जिले के पंडरिया विकास खण्ड के छिंदडीह ग्राम में किया गया । 
कार्यक्रम के उद्घाटन में मुख्यातिथि के रूप में छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री अनुसूचित जाति जनजाति व स्किल शिक्षा माननीय डाक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम शामिल हुए । 
बैगा समुदायों ने अपने अध्यक्ष इतवारी राम मछिया के नेतृत्व में मंत्री महोदय का स्वागत पारम्परिक तरीके से अपने विशेष माला व वस्त्र पहना कर किया गया । समुदाय की ओर से इतवारी जी ने अपने उदबोधन भाषण में अपनी समस्याओं व बैगाओं के शिक्षा स्वास्थ्य व रोजगार आदि की मांगें रखी । जिस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए माननीय मंत्री जी ने मुख्यमंत्री से चर्चा कर हरसंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया । 
महोत्सव में पारम्परिक खाद्य पदार्थो का प्रदर्शन भी किया गया था । 

ग्राम अधिकार मंच की बैठक सम्पन्न

ग्राम अधिकार मंच के सदस्यों व  पदाधिकारियों की ग्राम नवानगर में बैठक आयोजित की गई जिसमें सभी ग्रामों के पदाधिकारियों ने भाग लिया । बैठक में कासा रायपुर से कोआर्डिनेशन हब के साथी, ग्राम अधिकार मंच के सह- संयोजक श्री राकेश राय व अध्यक्ष श्री सुरित साय शामिल रहे 

Thursday, 4 February 2021

20 वर्षीय टीबी चैम्पियन हिमानी वर्मा ने कोविड वैक्सीन लगा उदाहरण पेश किया

एक ओर जहां COVID वैक्सीन लगाने के मामले छत्तीसगढ़ काफी धीमी गति में है ऐसी स्थिति में भिलाई निवासी 20 वर्षीय जर्नलिज्म की छात्रा सुश्री हिमानी वर्मा ने COVID वैक्सीन का टीका लगवा कर उदाहरण पेश किया है । 
दरअसल हिमानी कल्याण कालेज भिलाई में पत्रकारिता व जनसंचार विषय से त्रितीय वर्ष में पढ़ाई करने के साथ साथ टीबी चैंपियन के रुप मे वर्ष 2018 से सोशल वर्क भी करती है जिसमे टीबी के मरीजों को मदद करने की दिशा में कार्य करती है ।  भारत देश को टीबी मुक्त करने की दिशा में NTEP के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर कार्य करती है । ऐसे में कोविड का खतरा हमेशा रहता है । इसी कारण स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण हेतु इनका नाम चयन किया गया । 
हिमानी ने 4 फरवरी 2021 को बिना डरे बिना हिचके अस्पताल जाकर के टीका लगवाया । एक 20 वर्ष की कालेज छात्रा जिस तरह बिना डरे टीका लगवा लोगों को संदेश देने का प्रयास किया है यह सराहनीय है । हिमानी लोगों के बीच जाकर जागरूकता फैलाना चाहती है ताकि सभी लोग टीकाकरण के लिए आगे आएं और कोविड का खात्मा किया जा सकें । हिमानी टीबी मुक्त फाउंडेशन छत्तीसगढ़ की संस्थापक कोषाध्यक्ष भी है । 

Friday, 29 January 2021

*जन जुड़ाव*की नन्ही फॉलोअर का गांधी जी के पुण्यतिथि पर स्वच्छता संदेश

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि के अवसर *जन जुड़ाव* सबसे मासूम फॉलोअर अम्बिकापुर से 5 वी कक्षा की छात्रा निदा सिद्दीकी ने *जन जुड़ाव*  को गांधी जी का स्वच्छता संदेश देते हुए चित्रकला तैयार कर भेजी है । जो कि बहुत ही सुंदर है निदा *जन जुड़ाव* की सबसे कम उम्र की फॉलोअर है और नियमित स्वच्छता व पर्यावरण के मुद्दे पर चित्रकला तैयार कर *जन जुड़ाव* के माध्यम से लोगों तक संदेश देती है ।

Thursday, 21 January 2021

ग्राम अधिकार मंच की बैठक सम्पन्न

सरगुजा जिले अम्बिकापुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम नवानगर व पम्पापुर में ग्राम अधिकार मंच के  प्रमुखों व सदस्यों के साथ ग्राम स्तरीय  बैठक का आयोजन किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य ग्राम अधिकार मंच का पुनर्गठन, नियमावली, वार्षिक योजना, सदस्यता शुल्क,  के साथ संगठन के क्षमता वर्धन पर चर्चा  कर मंच को सशक्त बनाना । बैठक  में कासा रायपुर के साथी उपस्थित रहे और सदस्यों से विस्तार से चर्चा कर रणनीति बनाने में सदस्यों को सुझाव दिए । 
ग्राम अधिकार मंच 2005 से अम्बिकापुर व मैनपाट विकासखण्ड के 20 ग्रामों में सक्रियता के साथ कार्य करते आ रही है । 
मंच के सदस्यों को सक्रिय कर उनकी क्षमताओं को बढ़ाते हुए उनमे बदलाव को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी लग रहा था कि मंच को ऊर्जा से भरने हेतु रणनीति गत परिवर्तन लाया जाए । इसी संदर्भ में क्षेत्र में लगातार बैठकें की जा रही है । 

Monday, 18 January 2021

दीपांजली ने कोटा बिलासपुर ने मनाया अनमोल फाउंडेशन का स्थापना दिवस

अनमोल फाउंडेशन के स्थापना दिवस के अवसर बिलासपुर जिले कोटा में सुश्री दीपांजली पाटले द्वारा ड्राइंग प्रतियोगिता व  वृक्षारोपण के माध्यम से स्थापना दिवस मनाया गया 

सुमेला बहरा में मनाया गया अनमोल फाउंडेशन का स्थापना दिवस

अनमोल फाउंडेशन के स्थापना दिवस पर सरगुजा जिले के अम्बिकापुर विकासखण्ड अंतर्गत नवापारा (सुमेला बहरा ) में श्री राकेश राय व श्री सुरित साय जी द्वारा सफाई अभियान व बच्चों में खेलकूद प्रतियोगिता करा कर स्थापना दिवस मनाया गया । 
ग्रामीण में स्थापना दिवस को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला मैनपाट विकासखण्ड के करमहा व घाघी के लोग भी इस दौरान कार्यक्रम में शामिल हुए ।

बच्चो में चित्रकला प्रतियोगिता करा स्थापना दिवस मनाया गया

अनमोल फाउंडेशन के स्थापना दिवस के अवसर पर अलग अलग जिलों में स्थापना दिवस मनाया जा रहा है जिसके तहत आज दुर्ग जिले भोथली पूर्व माध्यमिक शाला में पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता प्रबंधन विषय पर चित्रकला का आयोजन किया गया जिसमें छात्र छात्राओं ने भाग लिया । 
छात्र छात्राओं ने बहुत ही खूबसूरत चित्रकला के माध्यम से पर्यावरण को वचाने व स्वच्छता का संदेश देते हुए स्थापना दिवस मनाया । 
इस अवसर पर स्कूल के प्रधान पाठक श्री ललित कश्यप व शिक्षिका श्रीमती सीमा शर्मा भरपूर सहयोग किया । चित्रकला में प्रत्येक कक्षा  के प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले छात्र छात्राओं को पुरूस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान किया गया । 

निदा सिद्दीकी द्वारा अनमोल फाउंडेशन के स्थापना दिवस पर स्वच्छता संदेश

अनमोल फाउंडेशन के स्थापना दिवस के अवसर पर फाउंडेशन के शुभचिंतक जगह जगह स्थापना दिवस अलग अलग तरह से मना रहे हैं ।
इसी अवसर पर फाउंडेशन की सबसे नन्ही शुभचिंतक अम्बिकापुर निवासी  कक्षा 5वी की छात्रा *सुश्री निदा सिद्दीकी* ने स्वच्छता संदेश देने के लिए खूबसूरत चित्रकला तैयार कर भेजा है । 


अनमोल फाउंडेशन की पूरी टीम अपने नन्ही दोस्त को उज्ज्वल भविष्य हेतु बधाई व शुभकामनाएं  देते हैं ।
#foundationday
#anmolfoundationday

भाटापारा में चिराग द्वारा सामुदायिक गतिशीलता कार्यक्रम आयोजित

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नई दिल्ली एवं  छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति रायपुर के सहयोग से  चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी अम्बिकापुर द...