बरसात के दिनों में जलाऊं लकड़ी की दिक्कतें होंगी इसीलिए ग्रामीण क्षेत्रों में जलाऊं लकड़ी एकत्र कर सुरक्षित रख दिए हैं ताकि ईंधन के भीगने का डर न रहे ।
आपमे जरूरत के चीजों को कैसे सुरक्षित रखना है ये बखूबी जानते हैं । क्योंकि ये ज्ञान इन्हें अपने पूर्वजों से मिला है ।
बरसात में सारी लकड़ियां भीग जाती है जिसमे आग नहीं लगता । वर्षा के पूर्वानुमान के हिसाब से पूरे बरसात भर के लिए हर परिवार जलाऊं लकड़ी संग्रहित कर अपने अपने घरों के पास सुरक्षित जगह पर स्टोर कर देते हैं ताकि बरसात के पानी मे न भीग जाएं ।
गांव में अभी भी अधिकांश परिवार लकड़ी के चूल्हे में ही भोजन बनाते हैं । इतनी महंगी गैस लेने की आर्थिक क्षमता नहीं हैं।
इसलिए भोजन बनाने के लिए जंगलों के किनारे से सूखे जलाऊं लकड़ी एकत्र कर ईंधन की व्यवस्था करते हैं ।
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