आपने धनिया, टमाटर और अदरक की चटनी के बारे में तो खूब सुना होगा. लेकिन, आज हम आपको एक ऐसे लाल फूल की चटनी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको अगर आप एक बार चख लें तो उसका टेस्ट आप कभी नहीं भूल पाएंगे.
छत्तीसगढ़ में इस फूल को खेतों में अपने फसलों के किनारे में लगाते हैं. कई जगहों पर तो इसकी भरपूर खेती करते हैं। यह फूल कई पोषक तत्वों से भरपूर है, जो की हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है.
छत्तीसगढ़ में तो इसके पत्ते की भाजी व फूलों की चटनी तथा पौधों के ताने से रस्सी बनाते हैं । कई मल्टीपर्पज उपयोग है इसका । अब इसकी रस्सी की जगह प्लास्टिक ने ले ली है ।
नई जेनरेशन इतना मेहनत नहीं करना चाहती और व्यापारी भी इतना मेहनत नहीं करना चाहते । प्लास्टिक की तरफ ही भाग रहे क्योंकि उन्हें वो आसान लगता है । जबकि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए घातक है और ये हमारा घरेलू उद्योग पर्यावरण फ्रेंडली है ।
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