पारधी समुदाय के लोग बांस का ही समान बनाते हैं, इनकी पूरी आजीविका इसी पर निर्भर है। अब धीरे- धीरे खेती को अपना रहे हैं।
लेकिन इन्होंने अपने हुनर को छोड़ा नहीं है बल्कि उसे मुख्य आजीविका के स्रोतों में शामिल करके रखा हुआ ।
बांस से बने सामानों से एक निश्चित आय हर माह में अर्जित कर लेते हैं जिससे परिवार के आजीविका में सहयोग मिल जाता है ।
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