Wednesday, 9 October 2013

स्वास्थ्य – एड्स कंट्रोल प्रोग्राम पर आर्थिक मंदी और एन जी ओ की प्राथामिकताओं में बदलाव का गहरा असर



आर्थिक मंदी और वैश्विक स्तर पर गैर – सरकारी संगठनो की प्राथमिकता बदलने के चलते नॅशनल एड्स कंट्रोल प्रोग्राम ( एन ए सी पी) का फंडिंग पैटर्न पलटते हुए कैबिनेट कमेटी ने एकमुश्त बजट का अनुमोदन किया है |
 एन ए सी पी के चौथे चरण के लिए ८६३२.७७ करोड़ रूपए
नॅशनल एड्स कंट्रोल प्रोग्राम ( एन ए सी पी ) के चौथे चरण के लिए आर्थिक मामलों के कैबिनेट कमेटी ने ८६३२.७७ करोड़ रूपए के बजटीय समर्थन की अनुमति दी है | इस फैसले से एन ए सी पी के फंडिंग पैटर्न बदल जाएगा | भारत सरकार फंडिंग का ७६% भार स्वय उठायेगी, जबकि २४% के लिए विदेशी दानदाताओं से मदद पाने का प्रयास करेगी | यह पहले के ७५.२५ पैटर्न के ठीक विपरीत है, जिसमे भारत सरकार को केवल २५% की चिंता करनी होती थी , शेष अन्तराष्ट्रीय दानदाताओं से मिल जाती थी | एन ए सी पी के चौथे चरण की कुल लागत ११,३९४ करोड़ रुपये आंकी गयी है |
नए संक्रमण घटाने का लक्ष्य
एन ए सी पी तीसरे चरण की २००७ की वेसलाइन पर एन ए सी पी के चौथे चरण में नए संक्रमण में ५०% कमी करने और एच आई वी / एड्स संक्रमित लोगो की पुरी देखभाल व् मदद के अलावा जरूरतमंद को उपचार सुवुधा देने का लक्ष्य है | गौरतलब है की एन ए सी पी का तीसरा चरण २००७ में शुरू किया गया था , जो पिछले वर्ष समाप्त हो गया है | विदेशी फंडिंग की कमी से एन ए सी पी के तहत चौथे चरण के लिए तय कार्यक्रम प्रभावित हो रहे थे, जिसमे देश में संक्रमण घटाने और प्रसार रोकने का लक्ष्य है |
विदेशी मदद में हुई कटौती
भारत के एड्स कंट्रोल प्रोग्राम को मदद करने वाले जिन अन्तराष्ट्रीय संगठनो ने मदद में कटौती की है , उनमे ग्लोबल फंड टू फाईट एड्स , ट्यूबरक्लोसिस एन्ड मलेरिया ( द ग्लोबल फंड ), यु के डिपार्टमेंट फार इंटर्नेशनल डवलपमेंट (डी ऍफ़ आई डी) और गेट्स फाउन्डेशन शामिल है | मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए अब बाहरी मदद केवल २,७६२ करोड़ रुपये तक ही सीमित होगी, जिसमे विश्व बैंक की तरफ से मिलाने वाला १,२७५ करोड़ रूपए का साफ्ट लोन शामिल है | सूत्रों के अनुसार , द ग्लोबल फंड ने अप्रेल २०१० मार्च २०१६ की अवधि के लिए निर्धारित ५३० मिलियन डालर के बजट को कम करते हुए ४२० मिलियन डालर कर दिया है , जबकि गेट्स फाउन्डेशन ने २०११ में २०१२ के बाद ३३८ मिलियन डालर के सहायता कार्यक्रम को रोकने की घोषणा की थी |
२५ लाख लोग संक्रमित
एड्स संक्रमित आबादी के लिहाज से भारत नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे बड़ा देश है | यहाँ कुल २.५ मिलियन आबादी एड्स संक्रमण का शिकार है | गौर तलब है की पिछले एक दशक में नए संक्रमण में ५० फीसदी की कमी लाइ जा चुकी है , लेकिन चुनौतिया अभी भी बरकरार है | २४ लाख एच आई वी पाजिटिव मरीजो को जीवन रक्षक एंट्री रेट्रोवायरल थेरेपी (ए आर टी ) मिल पा रही है | इसके अलावा कुछ मरीजो में ए आर टी के प्रथम चरण से प्रतिरोधकता विक्सित हो गई , जबकि दुसरे और तीसरे चरण की ए आर टी थेरेपी शुरू करने के लिए फंड की कमी है | यही नहीं , एच आई वी  मामलों से जुडी रिपोर्ट बताती है की नई दिल्ली , मुंबई , उत्तर और पूर्वोत्तर क्षेत्रो में संक्रमण के मामले बढ़ रहे है | यह चिंता का नया क्षेत्र है |
साभार – पत्रिका एक्सपोज रायपुर -८-१०-२०१३   

No comments:

Post a Comment

भाटापारा में चिराग द्वारा सामुदायिक गतिशीलता कार्यक्रम आयोजित

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नई दिल्ली एवं  छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति रायपुर के सहयोग से  चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी अम्बिकापुर द...