Thursday, 17 October 2013

गारे गाव में हजारो ग्रामीणों ने तोड़ा कोयला कानून

पिछाले साल की तर्ज पर इस बार फिर रायगढ़ जिले के गारे गाव के ग्रामीणों ने २ अक्टूबर गांधी जयन्ती को कोयला कानून को तोड़ दिया | ग्रामीणों ने कहा की जब देश गुलाम था तो बापू ने नमक कानून तोड़ा था और नमक पर आम आदमी का हक़ स्थापित कराया था | आज देश आजाद है | इसके बाद भी लोगो को अपने हक़ के लिए कानून तोड़ने की नौबत आ गई है |
इससे उनके जमीन के कोयले पर उनका हक़ स्थापित हो सके |पिछाली बार और इस बार में फर्क इतना था की जमीन से कोयला खोदने के लिए इस बार १४ राज्यों से लोग गारे गाव के ग्रामीणों का साथ देने पहुचे थे| गारे गाव से लगभग ढाई हजार की संख्या में ग्रामीणों का रेला गाव से लगभग दो किलोमीटर का सफ़र तय कर प्रस्तावित स्थल पहुचा | वहा पर ग्रामीणों ने कोयला खोद कर निकाला | इस समय ग्रामीणों का उत्साह देखते बन रहा था | बूढ़े बच्चे और महिलाए हाथो में गैती - रामपा लेकर प्रस्तावित स्थल पहुचे|
गाव में एकत्र किया कोयला
वहा सभी ने मिलकर खुदाई की | इसके बाद रैली की शक्ल में हर ग्रामीण अपने द्वारा खोदे गए कोयले को गाव में ले आया वहा पर उसका ढेर लगा दिया गया | साथ ही ग्रामीणों की ऑर से यह मांग की जा रही है की प्रशासन वहा आए कोयले का मूल्याकन करे और उसकी रायल्टी ले जाए | ग्रामीणों का सहयोग करने पहुचे झारखंड , ओडीसा ,गुजरात ,तमिलनाडू ,आँध्रप्रदेश ,उत्तराखंड ,मध्यप्रदेश ,दिल्ली सहित आनी राज्यों के लोगो ने कहा की गारे गाव के लोगो ने यह साबित कर दिया की जमीन के नीचे का खनिज गाव की और समाज की संपत्ति है | साथ ही इस गाव के ग्रामीणों ने पुरे देश के किसानो को सन्देश दिया की वह अपने अधिकार के लिए सार्थक प्रयास प्रारम्भ कर दें |
पहले गारे मार्च
कोयला कानून तोड़ने के पहले लगभग १५ गावो के ग्रामीण गारे गाव में इकट्ठा हुए | वहा से एक लंबा मार्च निकाला गया | ग्रामीणों की ऑर से निकाले गए मार्च की लम्बाई लगभग एक किलोमीटर की थी | आगे - आगे बापू की तश्वीर हाथ में लेकर ग्रामीण हमारी जमीन , हमारा कोयला का नारा लगा रहे थे |

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