Thursday, 17 October 2013

सामूहिक श्रमदान की मिशाल ,८० एकड़ में लहलाहायेगी फसल , तीन किमी लम्बी नाहर खोदने का उठाया बीड़ा

कोरबा- सरका नुमाइंदो ने जिस नाहर के काम को अधूरा छोड़ दिया , इसे पूरा करने का बीड़ा अब किसानो ने उठाया है | ५० की संख्या में ये किसान हाथो में फावड़ा , गैती लिए नाहर को खेतो तक पहुचाने की जुगत में लगे हुए है | इनकी चिंता किसी तरह ८० एकड़ की फसल तक पानी पहुचाने की है |
कोरबा विकास खंड की ग्राम पंचायत रजगामार में बाघमारा बाँध का निर्माण शासन ने कराया है , लेकिन इसका पानी खेतो तक नहीं पहुच पा रहा है | दरअसल नाहर का काम अधूरा छोड़ दिया गया है | इससे किसानो को बाँध का लाभ नहीं मिल सका | बताया गया है की जो नाहर तैयार की जा रही थी उसमे तकनीकी खामिया थी | नाहर को पूरा करने कई दफे गुहार लगाईं गयी | जब सम्बंधित विभाग ने इस ऑर ध्यान नहीं दिया तो ग्राम के किसानो ने सामूहिक श्रमदान कर इसे पूरा करने का निर्णय लिया |
शनिवार से करीब ५० किसान नाहर की खुदाई में पसीना बहा रहे है | बाघमारा बाँध से तीन किलोमीटर दूर तक नाहर का गहरीकरण किया जा रहा है | इन्होने बताया की हम श्रमदान कर नाहर को उपयोगी बनाने के प्रयास में जुटे है | नाहर के बन जाने के बाद करीब ८० एकड़ खेत की सिचाई की जा सकेगी | खरीफ की फसल के लिए पानी की कमी नहीं होगी | इसके अलावा साल में साग - सब्जी उगाने के लिए भी पानी मिल सकेगा |

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