Sunday, 9 September 2018

संयुक्त वन प्रबंध

उद्देश्य-
* वनों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु स्थानीय जनता का सहयोग प्राप्त करना।
* वनों के प्रति स्थानीय जन समुदाय में स्वामित्व की भावना का विकास करना जिससे संरक्षित किया जा सके ।
* वनों से होने वाले लाभ में ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
गठन की प्रक्रिया
* सरपंच की अध्यक्षता में वोट का अधिकार रखने वाली ग्राम सभा को आबादी के 50 या अधिक ग्राम वासी आम सहमति से वन प्रबंधन समिति के गठन का प्रस्ताव पारित करेंगे ।
* जिनका कार्यकाल 2 वर्ष का होगा ।
* अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष में से एक पद पर महिला का होना अनिवार्य है ।
कार्यकारिणी
* समिति के सदस्यों में (पढ़ें सदस्यों को छोड़कर) कम से कम 11 अधिकतम 21 सदस्यों की कार्यकारिणी का गठन निम्न प्रक्रिया अनुसार किया जाएगा।
* सम्बंधित समिति के निर्वाचित अध्यक्ष की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर समिति कार्यकारिणी को मनोनीत करेगी।
* संयुक्त वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष /उपाध्यक्ष कार्यकारिणी के भी पढ़ें अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष रहेंगे ।
* कार्यकारिणी में सभी सदस्यों का मिलाकर अनुसूचित जाति , जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के सदस्यों का अनुपात ग्राम सभा मे यथा संभव उनकी जनसंख्या के अनुपात में चयन किया जावेगा ।
क्षेत्र चयन
वन क्षेत्र से किलोमीटर की दूरी तक स्थित ग्रामों को वन क्षेत्रपाल से अंतिम स्तर का अधिकारी ग्राम वासियों से चर्चा कर समिति के लिए क्षेत्र का वहायन कर आबंटित करेगा ।
बैठक
कार्यकारिणी की बैठक 3 माह में न्यूनतम एक बार होना आवश्यक है जबकि आमसभा की बैठक 6 माह में एक बार बुलाई जावेगी । कार्यकारिणी हेतु 50 प्रतिशत तथा आम सभा हेतु 30 प्रतिशत आवश्यक होगा ।
समिति के अधिकार व कर्तव्य
* अधिकार उपलब्धता अनुसार विदोहन व्यय लेते हुए रायल्टी मुक्त निस्तार की पात्रता ।
* समिति के आबंटित क्षेत्र में कराए गए विरलन था विगड़े बांस के भिर्रा सफाई से प्राप्त शाट प्रतिशत वनित्पाद विदोहन व्यय लेते हुए समिति को दिया जएगा
* अंतिम विदोहन या मुख्य पाटन से प्राप्त लाभ के 15 प्रतिशत राशि प्राप्त करने की प्रात्रता होगी ।
समिति के सहयोग से पकड़े गए अपराधों से वसूल की गई मुवावजा / अर्थदंड की 50 प्रतिशत राशि समिति को प्रदाय समिति को प्रदाय जी जाएगी।
कर्तव्य
* समिति के सदस्यों द्वारा वन अग्नि , अवैध कटाई , अवैध परिवहन , अवैध उत्खनन, अतिक्रमण एवं शिकार से बचाव किया जाना एवं वन विभाग को सहयोव करना ।
* न अपराध में।लिप्त व्यक्तियों की सूचना वम विभाग को सौप देना
* वन विभाग के साथ मिलकर सूक्ष्म प्रबंधन योजना का निर्माण एवं क्रियान्वयन करना
* वन अपराधों की जांच में वन अधिकारी को सहयोग देंगे ।

No comments:

Post a Comment

छत्तीसगढ़ में स्वैच्छिक संस्थाओं के सशक्तिकरण पर कार्यशाला सम्पन्न

Vani Cso नई दिल्ली IM, Anmol Foundation व ICMAI के तत्वावधान में रायपुर में 29 व 30 जुलाई को *छत्तीसगढ़ में स्वैच्छिक संस्थाओं के सशक्तिकरण* ...