खाद्य सामग्री में
कंकड़ – पत्थर की मिलावट पुराणी बात हो गयी है | नई किस्म की मिलावट में अनाजो ,
फल-सब्जी व् अन्य उत्पादों में कीटनाशक अवशेषों की समस्या देखी जा रही है |
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले ए सेहत को नुकसान पहुचाने वाले पदार्थो की
मौजूदगी को संविधान प्रदत्त जीवन के मूल अधिकार के खिलाफ बताया है |
रासायनिक अवशेषों से
मुक्त खाद्य सामग्री उपलब्ध हो
सर्वोच्च न्यायालय
ने कहा की खाद्य पदार्थो में मिलावट रोकना सरकारों की जिम्मेदारी है, क्योकि इससे
जीवन में मूल अधिकार को चुनौती मिलाती है | जस्तिश दीपक मिश्रा एवं जस्टिस के. एस.
राधाकृषण की बेंच ने अपने फैसले में कहा है की “जीवन के आनंद व् इनकी उपलब्धियों में जीवन व् मानव गरिमा के अधिकार के
साथ कीटनाशक , पशुओ की दवाओं के अवशेष , एंटीबायोटिक अवशेषों अन्य किस्म के
रसायनों से मुक्त खाद्य सामग्री उपलब्धता शामिल है “ बेंच ने खा की बाजार में उपलब्ध चावल , सब्जी , मीत , मछली ,दूध ,फल
इत्यादि में कीट नाशक छुट के स्तर से अधिक मात्रा में पाए जा रहे है | फलो की
दुकानों पर उपलब्ध फल आधारित साफ्ट ड्रिंक में कीटनाशक अवशेषों का अनुपात खतरनाक
स्तर तक पाया गया है , लेकिन जांच के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा सका है |
आर्टिकल २१ व् ४७
पढ़े
बेंच ने अपने आदेश
में कहा की यह सरकार का स्थायी कर्तव्य है की वह और उसके अधिकारी मानव जीवन व्
स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जरुरी स्तर को प्राप्त करे | संविधान के आर्टिकल २१ को
आर्टिकल ४७ के साथ पढ़ने की जरुरत है |
बच्चो पर पड़ता गंभीर
प्रभाव
बच्चो व् शिशुओ पर खाद्य
पदार्थो व् फल आधारित व् गैर फल आधारित साफ्ट ड्रिंक में कीटनाशको के अवशेषों की
मौजूदगी का अत्यधिक असर पड़ता है , क्योकि वे मनोवैज्ञानिक अपरिपक्व होते है और
साफ्ट ड्रिंक के प्रति आकर्षण पाया जाता है | बेंच ने कहा की फ़ूड सेफ्टी स्टेंडर्ड
एक्ट व् प्रिवेंसन आफ फ़ूड एडल्ट्रेशन एक्ट व् अन्य नियमो को संवैधानिक सिधान्तो का
सन्दर्भ लेते हुए पढ़ा जाना चाहिए | सभी प्राधिकरानो की जिम्मेदारी है की वे
परिस्थितियों अनुसार , इस पर नियंत्रण करने वाली व्यवस्था विक्सित करने के अलावा
खाद्य सुरक्षा पर जनता को जागरुक करने , खाद्य सुरक्षा सतर्कता और अन्य निगरानी
उपायों को विक्सित करते हुए सभी स्तरों पर खाद्य पदार्थो से जुड़े व्यापार को अपने
दायरे में लाए |
सब्जी बाजारों की
जांच
बेंच ने फ़ूड एन्ड
सेफ्टी स्टेंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया को सभी राज्यों व् केंद्र शाषित क्षेत्रो की
समकक्षी संस्थाओं से संपर्क करने का निर्देश दिया है , ताकि मानको के उलंघन का पता
लगाया जा सके | उल्लेखनीय है की कोर्ट का यह निर्देश एक गैर – सरकारी संगठन की
याचिका की सुनवाई करते हुए आया है | याचिकाकर्ता ने साफ्ट ड्रिंक से सेहत पर पड़ने
वाले नकारात्मक प्रभावों की जांच करने के लिए विशेषज्ञ समूह के गठन की मांग की थी
| याचिका में इसके अलावा साफ्ट ड्रिंक में मिलाए गए पदार्थो व् उनकी मात्रा की
जानकारी के साथ – साथ उससे होने वाले किसी भी नुकसान की चेतावनी देने वाले लेवल को
लगाने की भी मांग की थी |