Tuesday, 25 September 2018

शाकम्भरी योजना


क्रियान्वयन एजेंसी – कृषि विभाग
कार्यक्षेत्र – सम्पूर्ण छत्तीसगढ़
योजना का उद्देश्य – सिचाई क्षेत्र में वृद्धि करना
हितग्राही की पात्रता –
(क) योजनान्तर्गत अनुदान दिए जाने का वर्तमान प्रावधान वर्ष २००५ में लागू है योजनान्तर्गत राशि १७१००.
50 प्रतिशत लघु एवं सीमान्त वर्ग के सभी कृषकों को 5 एच पी तक के डीजल/ विद्युत् पम्प / केरोस्हीं पम्प तथा कूप निर्माण कार्य पर क्रमश: 75% एवं 50% अनुदान राज्य सरकार द्वारा देय है |
(ख) डीजल/ केरोसीन/विद्युत् पम्प योजनान्तर्गत अनुदान दिए जाने का वर्तमान प्रावधान वर्ष २००६ से लागू है | योजनान्तर्गत राशि ११६२५ /- 75 प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा देय है |
मिलने वाला लाभ- 40 हेक्टेयर तक सिचाई क्षमता वाले तालाबों का निर्माण शत-प्रतिशत शासकीय व्यय पर तालाब निर्मित किए जाते है |
चयन प्रक्रिया – जिला पंचायत के कृषि स्थाई समिति द्वारा कृषकों का चयन किया जाता है |
आवेदन की प्रक्रिया – क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा कृषकों का चयन कर ग्राम पंचायत की अनुशंसा के पश्चात वरिष्ट कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से जिला पंचायत के स्थाई समिति द्वारा कृषकों का चयन किया जाता है |

किसान काल सेंटर


कृषि विभाग ने किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए 1551 नम्बर का टोल फ्री टेलीफोन युक्त किसान काल सेंटर भी स्थापित किया है | किसान इस काल सेंटर पर किसी भी स्थान से फोन कर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विअग्यनिकों और विशेषज्ञों से निशुल्क जानकारी प्राप्त करा सकते है | सुविधा शुरू होने से लेकर अब तक लगभग हजारों किसानो ने अपनी समस्याओं का त्वरित समाधान प्राप्त कर लिया है | आदिवासी भाइयों आप कृषि संबंधी किसी भी जानकारी हेतु उक्त नम्बर पर निशुल्क बात कर सकते है |

आत्मा योजना


आत्मा योजना के तहत संचालित फ़ार्म स्कूलों और प्रशिक्षणों के माध्यम से जानकारी प्राप्त क्र बस्तर जिले के आदिवासी किसानों द्वारा कोदो, कुटकी,सांवा और रागी जैसी लघु धान्य फसलों को परिस्कृत कर विशेष पैकिंग करके मुम्बई, दिल्ली और बंगलौर में आयोजित राष्ट्रीय व्यापार मेले में ८० से १२० रुपए प्रति किलो की उचित दर पर बेचकर लाभ कमाया है |
इन लघु धान्यों के औषधीय और पोष्टिक गुणों के कारण विदेशी पर्यटकों और वैज्ञानिकों ने भी इन्हें सराहा है |

लघु सिचाई योजना ( तालाब )


क्रियान्वयन एजेंसी – कृषि विभाग
कार्यक्षेत्र – सम्पूर्ण छत्तीसगढ़
योजना का उद्देश्य – सिचाई क्षेत्र में वृद्धि करना |
हितग्राही की पात्रता – सभी श्रेणी के कृषक योजना में लाभान्वित किए जाते है, परन्तु लघु सीमान्त , अनु जाति एवं जन जाति एवं महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाती है |
मिलने वाला लाभ – योजनान्तर्गत अनुदान दिए जाने का वर्तमान प्रावधान 19.०८.१९८१ से लागू है 40 हेक्टेयर तक सिचाई क्षमता वाले तालाबों का निर्माण शत प्रतिशत शासकीय व्यय पर तालाब निर्मित किए जाते है |
चयन की प्रक्रिया – जिला पंचायत के कृषि स्थाई समिति द्वारा कृषकों का चयन किया जाता है |
आवेदन की प्रक्रिया – क्षेत्रीय ग्रामीण विस्तार अधिकारी द्वारा कृषकों का चयन कर ग्राम पंचायत की अनुशंसा के पश्चात वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के माध्यम से जिला पंचायत के कृषि स्थाई समिति द्वारा चयन किया जाता है |

Monday, 24 September 2018

लघु सिंचाई योजना (पम्प प्रतिष्ठान)

कार्यक्षेत्र-सम्पूर्ण छत्तीसगढ़
योजना का उद्देश्य- सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि करना
हितग्राही की पात्रता- सभी श्रेणी के कृषक योज आ में लाभान्वित किए जाते है , परन्तु लघु सीमांत, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति एवं महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाती है ।
मिलने वाला लाभ -
(अ) सामान्य वर्ग - योजनांतर्गत अनुदान दिए जाने का वर्तमान प्रावधान 120.12.2006से लागू है । पम्प एवं सहायक सामग्री की लागत या रुपए 15000/- जो भी कम हो ।
(ब) अजजा/अजा आदिवासी विकास प्राधिकरण क्षेत्र के बाहर के हितग्राही पम्प एवं सहायक सामग्री की लागत या रुपए 15000/- जो भी कम हो ।
(स) योजनांतर्गत अनुदान दिए जाने का वर्तमान प्रावधान 18.08.2008 से लागू है अजजा/अजा आदिवासी विकास प्राधिकरण क्षेत्र के हितग्राही पम्प एवं सहायक सामग्री की लागत या रुपए 25000/- जो भी कम हो ।
चयन की प्रक्रिया-जिला पंचायत के कृषि स्थाई समिति द्वारा कृषकों का चयन किया जाता है
आवेदन की प्रक्रिया- क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा कृषकों का चयन कर ग्राम पंचायत की अनुसंसा के पश्चात वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के माध्यम से जिला पंचायत के कृषि स्थाई समिति द्वारा कृषकों का चयन किया जाता है ।

Friday, 14 September 2018

लघु सिंचाई योजना ( नलकूप योजना )


क्रियान्वयन एजेंसी – कृषि विभाग |
कार्यक्षेत्र – सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ |
योजना का उद्देश्य – सिचाई क्षेत्र में वृद्धि करना |
हितग्राही की पात्रता – सभी श्रेणी के कृषक योजना में लाभान्वित किए जाते है, परन्तु लघु सीमान्त, अनु. जाति / जनजाति एवं महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाती है |
मिलने वाला लाभ –
(अ)   सामान्य वर्ग – योजनान्तर्गत अनुदान दी जाने का वर्तमान प्रावधान २०.१२.२००६ से लागू है खनन लागत का ५०% अधिकतम १०,००० जो भी कम हो | किसान संवृद्धि योजना के अंतर्गत सम्मिलित विकास खंडो को छोड़कर |
(आ) अ.ज.जा./ अ.जा. ( आदिवासी विकास प्राधिकरण क्षेत्र के बाहर के हितग्राही ) खनन लागत का अधकतम १८,००० जो भी कम हो |
(इ)     योजनान्तर्गत अनुदान दी जाने का पवर्तमान प्रावधान १८.०८.२००८ से लागू है ( अ.ज.जा./ अ.जा. आदिवासी विकास प्राधिकरण के हितग्राही )
चयन की प्रक्रिया – जिला पंचायत के कृषि स्थाई समिति द्वारा समिति कृषकों का चयन किया जाता है |
आवेदन की प्रक्रिया – क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा कृषकों का चयन कर ग्राम पंचायत की अनुसंसा के पश्चात वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के माध्यम से जिला पंचायत के कृषि स्थाई समिति द्वारा कृषकों का चयन किया जाता है |



भाटापारा में चिराग द्वारा सामुदायिक गतिशीलता कार्यक्रम आयोजित

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नई दिल्ली एवं  छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति रायपुर के सहयोग से  चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी अम्बिकापुर द...