Saturday, 17 December 2022

पारम्परिक देशी बीज महोत्सव व जनजाति सम्मेलन आयोजित

गरियाबंद: प्रेरक समाज सेवी संस्था द्वारा सामुदायिक भवन जनपद पंचायत गरियाबंद में दो दिवसीय राज्य स्तरीय पारम्परिक देशी बीज महोत्सव का आयोजन किया गया 
कार्यक्रम के पहले दिन बीजों का प्रदर्शनी का आयोजन किया गया तथा दूसरे दिन आपसी संवाद का आयोजन किया गया । जिसमें जिला पंचायत सदस्य व सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम व जनपद अध्यक्ष श्रीमती ललिता ठाकुर शामिल होकर पारम्परिक बीजों के संरक्षण व संवर्धन को ज्यादा से ज्यादा करने को कहा साथ पारम्परिक खेती व उससे होने वाले स्वास्थ्यगत फायदे पर विस्तार से चर्चा की 
उक्त कार्यक्रम में विशेष संरक्षित जनजाति समुदाय के लोग एकत्रित हुए थे तथा आपस मे अपने पारम्परिक बीजो के उत्पादन के अनुभवों को साझा किए 

Saturday, 10 December 2022

नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने रायपुर का मास्टर प्लान 2031 के आपत्ति व सुझाव भेजा

नगर तथा ग्राम निवेश के तहत रायपुर शहर का मास्टर प्लान 2031 तक का तैयार किया गया जिसके संबंध में राजपत्र प्रकाशित कर 10 दिसम्बर तक दावा आपत्ति के लिए समय दिया गया है । और इसे सिर्फ 4 जगहों पर ही लगाया है जबकि शहर बहुत बड़ा है हर व्यक्ति तक यह सूचना पहुँच पाना सम्भव नही । इसे पोर्टल में भी प्रकाशित नही किया गया । जबकि हर पार्षद कार्यालय में चस्पा किया जाना चाहिए । 

इसी सम्बंध में कल दिनांक को मायाराम सुरजन सभा गृह में स्वैच्छिक संस्थाओं , संवेदनशील नागरिकों के साथ बैठक का आयोजन किया गया । उक्त बैठक में सभी ने दावा आपत्ति की तिथि को बढ़ाए जाने के सम्बंध निर्णय लिया गया इसके सम्बन्ध में विभाग को पत्र भी दिया गया । 
इसके साथ ही 23 बिंदुओं का एक आपत्ति व सुझाव पत्र तैयार कर सभी हस्ताक्षरित कर मंत्री महोदय को दिया गया ।
इस बैठक का आयोजन राष्ट्रीय हॉकर्स एसोसिएशन द्वारा किया गया ।

Wednesday, 30 November 2022

समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए कवर्धा के दौलत राम कश्यप को मिला ग्लोबल एचीभर अवार्ड

कवर्धा  -  संविधान दिवस के अवसर पर 27 नवम्बर 2022 को गोपाल किरण समाज सेवा संस्थान ग्वालियर मध्यप्रदेश द्वारा अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन, गुजरात में 06 वां ग्लोबल अचीवर्स अवार्ड सम्मान समारोह आयोजित किया गया ! जिसमें देश भर के 100 से अधिक साहित्यकार, कवि, शिक्षक, एवं समाज सेवी जो लगातार दो दशक से अधिक समय से उस क्षेत्र में सक्रियतापूर्वक कार्य कर रहे हैं उन्हें सम्मानित किया गया  ! 
इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के *दौलतराम कश्यप सामाजिक कार्यकर्ता को ग्लोबल एचीवर्स डां. भीमराव अंबेडकर अवार्ड 2022* से सम्मानित किया  ! यह सम्मान कश्यप को उनके द्वारा विगत 27 वर्षों से सामाजिक क्षेत्रों में किये गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया  ! वे दूरस्थ क्षेत्रों में विशेष पिछड़ी में विशेष जनजाति बैंगाओ के आजीविका, महिला एवं बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, शांति सद्भावना, बच्चों के अधिकार पर जिला कबीरधाम, मुंगेली, राजनांदगांव जिला में सक्रिय रुप से कार्य कर रहे हैं  ! वर्तमान में कश्यप आस्था समिति के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ शासन के योजना आयोग की टास्क फोर्स में सदस्य, तथा जिला एवं राज्य स्तरीय विभिन्न विषयों के मास्टर ट्रैनर के रुप में कार्य कर रहे हैं  ! इसके पूर्व में जिला कबीरधाम एवं बेमेतरा के लोकपाल मनरेगा में कार्य कर चुके हैं  ! इसके पूर्व भी श्री कश्यप को विभिन्न सामाजिक संस्थाओं और शासन प्रशासन के द्वारा अनेकों सम्मान से सम्मानित किया जा चुका हैं  ! जिसमें शांतिदूत जिला धमतरी, छत्तीसगढ़ रत्न, सेवा सनद सम्मान, युवा सम्मान से सम्मानित किया जा चुका हैं  ! इस सम्मान के लिए छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिले एवं प्रदेशों के बुध्दिजीवीयों सामाजिक कार्यकर्ता पत्रकारों गणमान्य लोगों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं  !  जिसमें पास्कल तिर्की राष्ट्रीय समन्वयक नई दिल्ली, मोईन जाफर हुसैन राज्य समन्वयक शांति सद्भावना मंच, प्रो. आरिफ उत्तर प्रदेश, अनवर खान राजस्थान, रोज झारखंड, रामकिशोर चौहान उत्तर प्रदेश, सुबोध कुमार बिहार,अरुण उड़ीसा, रामेश्वर लश्करे मध्यप्रदेश, बैद्यनाथ वर्मा खैरागढ़, रामस्वरूप लोधी, चंद्र कुमार कश्यप बिलासपुर, मुनीव शुक्ला जांजगीर चांपा, श्याम चंद्रा शक्ति, संजय शर्मा रायपुर, मयाराम जायसवाल आस्था समिति सचिव, गोपाल प्रसाद सिंगरौल कोषाध्यक्ष आस्था समिति, आस्था समिति के सभी कार्यकर्ता उमाशंकर कश्यप, राजेश गोयल, महेश निर्मलकर, चित्ररेखा राडेकर, निशा यादव, मनिषा  जागड़े, संजय कुमार, लक्ष्मी नारायण सोनवानी, हितेश कुमार, रामलाल पटेल, लवली दास, आरती यादव, कोमल निर्मलकर आस्था समिति के कार्यकर्ता ने बधाई दी हैं  !

Tuesday, 15 November 2022

छ.ग. के विकास में स्वैच्छिक संस्थाओं का योगदान - संजय शर्मा

आज हम यहाँ इस अंक को छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर समर्पित करने जा रहे है चूँकि “जन जुडाव” में हम स्वैच्छिक प्रयासों को ही स्थान देते है इस कारण इस अंक में भी हम छत्तीसगढ़ के विकास में स्वैच्छिक संस्थाओं के योगदान को लेकर अपने अनुभवो को रखने का एक छोटा सा प्रयास है | यह मेरा सौभाग्य रहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के पूर्व से ही राज्य में ग्राम स्तर पर आदिवासी व गरीब समुदायों के परिवारों के बीच सामुदायिक सहभागिता से कार्य करते आ रहा हूँ | वर्ष 1994 से स्वैच्छिक क्षेत्र से जुड़ा तब से लेकर आज तक इसी क्षेत्र में अलग – अलग तरह से कार्य करते आ रहा हूँ | जब हमने प्रारम्भ किया तब यह राज्य अविभाजित मध्यप्रदेश का हिस्सा था | स्वैच्छिक संस्थाएं अविभाजित मध्यप्रदेश के समय भी कार्य कर रही थी | लेकिन संख्या बहुत ही कम थी | 1 नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ | छत्तीसगढ़ स्थापना के बाद स्वच्छिक संस्थाओं की गतिविधियां बढ़नी शुरू हुई | क्योकि एक तो आदिवासी बाह्य राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ सामने आया दुसरा नए राज्य के स्थापना में कई प्रकार की समस्याएं सामने आती है जिनसे निपटने में मानव संसाधन व आर्थिक संसाधन की आवश्यकता पड़ती है | ऐसे में स्वैच्छिक संस्थाओं को तो आगे आना ही था | स्वैच्छिक संस्थाओं का चरित्र भी ऐसा ही रहा है | जब जब जहाँ जहां बड़ी समस्याएं आती है स्वच्छिक प्रयास बड़ी तेजी से आगे आते है और एक दुसरे की मदद कर सहारा बनते है | ठीक ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ में रहा | जल जंगल व् जमीन के मुद्दों के साथ – साथ आजीविका, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण आदि कई बड़े मुद्दे तो थे ही साथ ही छोटे –छोटे मुद्दे भी अनेको प्रकार के सामने थे |
पंचायतों की बड़ी भूमिका थी लेकिन प्रतिनिधियों में अनुभवों की कमी भी एक बड़ी समस्या थी | स्वैच्छिक संस्थाएं इन्ही सारे जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर कार्य कर रही थी| लेकिन जब छत्तीसगढ़ बना तो कई राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं ने छत्तीसगढ़ में कदम रखा व जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली संस्थाओं के साथ मिलकर अलग-अलग मुद्दों पर कार्य करना शुरू किया | छत्तीसगढ़ गठन से पूर्व स्वैच्छिक संस्थाओं की संख्या बहुत ही कम थी लेकिन राज्य बन्ने के बाद स्वैच्छिक संस्थाओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई | लगभग जिलों में स्वैच्छिक संस्थाओं की उपस्थिति देखा जा सकता है | कुछ बड़ी राष्ट्रीय स्तर की व राज्य स्तर की संस्थाओं ने स्वैच्छिक संस्थाओं के क्षमता विकास की दिशा में भी व्यापक स्तर पर कार्य किया, साथ ही छोटे छोटे संसाधनों से मदद कर संस्थाओं को खडा किया ही साथ मुद्दों को लेकर एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण भी किया | इस अंक में हम उन्ही प्रयासों पर बात करेंगे | छत्तीसगढ़ एक नया राज्य होने के साथ – साथ आदिवासी बाहुल्य राज्य भी है | जब राज्य की स्थापना हुई तब यहा 16 जिले थे जो 22 सालों के सफ़र में बढ़कर 33 हो गई है | वैसे तो अविभाजित मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ की स्थिति बहुत अच्छी नही थी | उस समय अधिकाश जिले आवागमन की सुविधा से कोसों दूर थे | ग्रामों की स्थिति भी दयनीय ही थी | जबकि छत्तीसगढ़ हमेशा से खनिज व वन संसाधन से भरपूर मात्रा में रहा है | जिसका सभी शासित सरकारों ने लाभ उठाया फिर भी छत्तीसगढ़ के क्षेत्र को वो लाभ नही मिला जो मिलना चाहिए था | जब छत्तीसगढ़ का गठन हुआ तो वही समस्याएं विरासत में मिली जल, जंगल, जमीन, स्वास्थ्य, आजीविका, रोजगार, यातायात आदि बहुत से मुद्दे विद्यमान रहे है | इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कुछ अन्तराष्ट्रीय स्वैच्छिक संस्थाएं जो पूर्व से कार्यरत थी जिनमे यूनिसेफ, युएनडीपी, एक्शन एड, आदि | छत्तीसगढ़ बनने के बाद ये संस्थाए राज्य में अपने कार्यालय स्थापित कर कार्यों को विस्तारित किया लेकिन इसके अलावा आई जी एस एस एस, सी आर एस, आक्सफैम इंडिया, केयर, कासा, प्रिया, समर्थन, वाणी आदि राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं ने छत्तीसगढ़ में संघन रूप से पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने, महिलाओं के सशक्तिकरण, नागरिक समाज के सशक्तिकरण, आदिवासी समुदाय के सशक्तिकरण के साथ शिक्षा, कृषि, वन भूमि के अधिकार, खाद्य सुरक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण, कुपोषण, पलायन व रोजगार की दिशा में कार्य को मजबूती देने का कार्य किया | इनमे से कुछ संस्थाओं ने छत्तीसगढ़ की जमीनी स्तर की स्वैच्छिक संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए भी कार्य किया| छत्तीसगढ़ में स्वैच्छिक संस्थाओं की स्थिति अगर एक नजर में देखने का प्रयास करें तो यहाँ कुछ अन्तराष्ट्रीय स्तर की दानदाता संस्थाएं है तो कुछ राष्ट्रीय स्तर की संस्थाए जिन्हें मदर एन जी ओ भी कहा जाता है और कुछ स्थानीय स्तर की स्वैच्छिक संस्थाएं | चूँकि स्वैच्छिक संस्थाओं का दायरा बहुत बड़ा है इसमें ग्रामीण क्षेत्रों कार्य करने वाले स्वैच्छिक संस्थाए आती है जो सोसाइटी अधिनियम के तहत पंजीकृत है या ट्रस्ट या कम्पनी एक्ट के तहत पंजीकृत है | वहीं शहरी क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में सेवा भावी संस्थाएं भी है जो क्लब के रूप में भोजन, भंडारा व नगर निगमों के क्षेत्र में स्वच्छता व पर्यावरण आदि मुद्दों पर जागरूकता आदि कार्य करती आ रही है | जमीनी स्तर की स्वैच्छिक संस्थाओं की अगर बात करें तो उनमे भी दो अलग –अलग प्रकार की संस्थाएं एक जो अपने आपको स्वैच्छिक संस्थाएं कहती है दुसरा जो अपने आपको जन संगठन कहते है | स्वैच्छिक संस्थाएं सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुचाने के लिए कार्य करती है साथ ही रचनात्मक कार्य भी सीधे करती है | वही जन संगठन शोषित व वंचित समुदाय के लोगों के कानूनी अधिकारों को दिलाने के लिए संघर्ष करती है | स्थानीय स्तर पर कार्यरत संस्थाए कुछ राज्य स्तर पर शासन के परियोजनाओं से जुड़कर कार्यरत है वाही कुछ केंद्र सरकार के साथ जुडकर उनकी परियोजनाओं के माध्यम से कार्यरत है | अगर हम देखें तो पंचायती राज अधिनियम, मनरेगा, सूचना का अधिकार कानून, शिक्षा का अधिकार कानून, खाद्य सुरक्षा कानून, वन अधिकार कानून के जमीनी स्तर पर सही क्रियान्वयन की दिशा में सैकड़ों संस्थाएं सक्रीय रूप से कार्यरत रही है और एक मुकाम तक पहुचाया भी है | कई संस्थाएं सरकार की विभिन्न परियोजनाओं में जुडकर तकनिकी विशेषज्ञ के रूप में कार्य किया तो कई ने क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में | कई संस्थाओं कल्याणकारी योजनाओं के लाभ के लिए तो कई भय, भूख व् भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए | कुछ जल जंगल जमीन के मुद्दों पर तो कई स्वास्थ्य, शिक्षा व कल्याण के लिए | स्वैच्छिक संस्थाओं की सबसे बड़ी भूमिका जो मुझे दिखाई देता है वह है जरूरतमंद परिवारों, शासन व योजनाओं के बीच प्रेरणादायी/ मार्गदर्शक के रूप में पुल का काम करता है | संजय शर्मा

Friday, 14 October 2022

वरिष्ठ नागरिकों के प्रति युवाओं का संवेदीकरण होना चाहिए - ज्ञानेश शर्मा

*भारत सरकार के समाज कल्याण विभाग के तत्वाधान में योग व फिजियोथेरेपी के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों के पूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा* विषय पर रोहनीपुरम स्थित राम मंदिर प्रांगण हाल में एक दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन *रीजनल रिसोर्स एवं ट्रेनिंग सेंटर (RRCT) मुंबई,  सेंटर फॉर द स्टडी आफ सोशल चेंज (CSSC) मुंबई, हेल्पेज इंडिया छत्तीसगढ़ व सीनियर सिटीजन सोशल  वेलफेयर सोसाइटी द्वारा किया गया।*
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए *मुम्बई की पूर्व डिप्टी मेयर श्रीमती निर्मला सावंत* ने वरिष्ठ नागरिकों के  लिए बनाए गए माता पिता भरण पोषण अधिनियम 2007 के सम्बंध में जानकारी देते हुए अपने अनुभवों को साझा किया।
कार्यक्रम के *मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य योग* *आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश* शर्मा*द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के सम्बंध में हेल्पेज इंडिया के राज्य प्रमुख शुभांकर विस्वास जी ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य, हेल्प लाइन के माध्यम से दिए जा रहे सुविधाओं की जानकारी दी ।
 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ज्ञानेश शर्मा जी ने वरिष्ठ नागरिकों के साथ होने वाले अपराधों पर दुख व्यक्त करते हुए युवाओं के संवेदीकरण का आवाहन किया। उन्होंने योग के माध्यम से व व्यक्तिगत स्तर पर हर वरिष्ठ नागरिक को सहयोग करने का आश्वासन दिया।

Sunday, 2 October 2022

सतत उपभोग, सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध एवं ई-वेस्ट प्रबंधन पर ग्रीन एक्शन वीक का अभियान का आयोजन 3 अक्टूबर से 9 अक्टूबर 2022 तक

जयपुर 3, अक्टूबर 2022 - हर साल अक्टूबर के पहले सप्ताह (3 से 9 अक्टूबर) के दौरान मनाया जाने वाला “ग्रीन एक्शन वीक” सतत उपभोग को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक अभियान है | वर्ष 2022 के दौरान इस अभियान को करीब 60 संस्थाओं के द्वारा आफ्रीका, एशिया, यूरोप, उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका के 40 देशों में मनाया जा रहा है | ग्रीन एक्शन वीक अभियान स्वीडिश सोसाइटी फार नेचर कंजर्वेशन की एक अनूठी पहल है जो भारत में जयपुर स्थित प्रमुख उपभोक्ता संस्था कट्स इन्टरनेशनल द्वारा पुरे देश में संचालित की जा रही है |
वर्ष 2018 से अब तक इस अभियान की थीम शेयरिंग कम्युनिटी रखी गई है | अभियान के तहत साझा करने एवं सहयोग करने की संस्कृति को प्रोत्साहित किया जा रहा है | इस वर्ष अभियान का उद्देश्य साझा और सहयोग के माध्यम से सभी को सामान एवं सतत उपभोग की सेवाएं प्रदान करने एवं मनुष्य तथा पृथ्वी के फायदे के लिए है |

    

हाल ही में भारत में 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री एवं उपयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है | वर्ष 1950 से 2015 तक विश्व स्तर पर लगभग 8.3 बिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक उत्पादित किया गया था एवं इसका 80 प्रतिशत 6.3 बिलियन मीट्रिक टन कचरे के रूप में दर्ज किया गया था | संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार प्लास्टिक प्रदुषण वर्ष 1950 में दो मिलियन टन था जो बढ़कर वर्ष 2017 में 348 मिलियन टन हो गया, जो कि 522.6 विलियन डालर वैश्विक उद्योग बन गया | केन्द्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड की वर्ष 2019-20 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सालाना 35 लाख मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, वर्ष 2040 तक इसकी क्षमता दो गुनी होने की उम्मीद है |

वर्ष 2019 में विश्व में 53.6 मिलियन मीट्रिक टन ई - कचरा दर्ज किया गया, जिसमे से एशिया का हिस्सा सबसे ज्यादा 24.9 मीट्रिक टन था | भारत, चीन और अमेरिका के बाद ई-कचरे का तीसरा बड़ा उत्पादक है, जो कि 3.2 मीट्रिक टन तथा प्रति व्यक्ति 2.4 किलो है | सरकार की पहल के बावजूद इस ई कचरे का 90 प्रतिशत अनौपचारिक क्षेत्र द्वारा प्रतिबंधित किया जाता है | कट्स के निदेशक जार्ज चेरियन ने बताया की इस साल का अभियानसिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध के प्रभावी क्रियान्वयन, ई कचरे के उचित प्रबंधन और लोगों को सत् उपभोग के तरीकों के बारे में शिक्षित करने पर केन्द्रित है |

ग्रीन एक्शन वीक अभियान के संचालन के लिए कट्स इंटरनेशनल 14 राज्यों में 14 स्वंय सेवी संस्थाओं के साथ भागीदारी और समर्थन कर रहा है | ग्रीन एक्शन वीक अभियान राजस्थान के अलावा आँध्रप्रदेश,असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमांचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा,तमिलनाडु, तेलंगाना,त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश एवं उत्तराखंड में गतिविधयां संचालित की जा रही है छत्तीसगढ़ में यह अभियान अनमोल फाउंडेशन के सहयोग से संचालित किया जा रहा है | चेरियन ने बताया कि यह अभियान सतत उपभोग पर काम करने वाली संस्थाओं का एक नेटवर्क बनाने में मदद करेगा तथा सामूहिक पैरवी के प्रयासों को मजबूत बनाने तथा सतत उपभोग की आदतों में बदलाव लाकर सतत भविष्य की ओर अग्रसर करेगा |

Thursday, 8 September 2022

सामुदायिक सहभागिता से ही पर्यावरण संरक्षण सम्भव

अनमोल फाउंडेशन द्वारा  रायपुर स्थित होटल मयूरा में कट्स इंटरनेशनल जयपुर व स्वीडिश सोसाइटी फार नेचर कंजर्वेशन के सहयोग से *ग्रीन एक्शन वीक अभियान  इंडिया 2022* के अंतर्गत सामुदायिक साझाकरण को बढ़ावा देने हेतु एक दिवसीय स्टेकहोल्डर्स कार्यशाला का आयोजन किया गया । उक्त कार्यशाला में 54  शासकीय अधिकारी, एन जी ओ व समुदाय के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । 
कार्यक्रम बतौर मुख्य अतिथि श्री हरबंश सिंह मिरी  छ ग प्रदेश कंवर समाज के सामाजिक अध्यक्ष एवं (संयुक्त ककेक्टर) कंट्रोलर राजभवन व अतिथि एवं तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में क्रेडा छत्तीसगढ़ के मुख्य अभियंता श्री संजीव जैन जी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से एग्रो- मेट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर जी के दास, छत्तीसगढ़ राज्य पर्यावरण संरक्षण बोर्ड के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर श्री अजय मालू, कट्स इंटरनेशनल के निदेशक श्री जार्ज चेरियन व एसोसिएट निदेशक दीपक सक्सेना जी, प्रेरक संस्थान के निदेशक रामगुलाम सिन्हा जी व प्रदान से कुंतल मुखर्जी जी रहे । 
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण से अनमोल फाउंडेशन के निदेशक संजय शर्मा ने अनमोल फाउंडेशन के पर्यवर्णीय गतिविधियों व ग्रीन एक्शन वीक अभियान के छत्तीसगढ़ में किए जा रहे प्रयासों व अनुभवों को
 साझा करते हुए बताया कि विगत 3 वर्षों से यह अभी फाउंडेशन रायपुर शहर में संचालित कर रहा है जिसमे लोगों को अधिक से अधिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने, प्लास्टिक का उपयोग न करने, कपड़े का बैग का उपयोग करने, घरेलू कचरे का निदान घर पर ही खाद बना करने व टेरिस गार्डन को बढ़ावा देने । साइकल का प्रयोग का वाहन प्रदूषण को रोकने, सौर्य ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर विद्युत खपत को कम करने आदि के बारे में जानकारी देते हुए अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत किया गया । 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जार्ज चेरियन जी ने कहा कि ग्रीन एक्शन वीक अभियान को भारत देश मे 2018 से चलाया जा रहा इस वर्ष इसमे 14 राज्यों में स्वैच्छिक संस्थाओं के साथ मिलकर इस अभियान को संचालित किया जा रहा है जिसमे राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, त्रिपुरा, आसाम, सिक्किम, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना राज्य शामिल है। 
उन्होंने कहा कि कोविड के समय प्लास्टिक से बने सामानों  का बहुत ज्यादा प्रयोग हुआ जिसमे मास्ट , दस्ताने, फेसशील्ड, सेनेटाइजर बॉटल व इलेक्ट्रॉनिक सामानों में लैपटॉप व मोबाइल गैजेट । केरल राज्य में 400 प्रतिशत राजस्थान में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई । इससे ई कचरा बहुत ज्यादा उतपन्न होगा । जो कि चिंता का विषय है । 
हरबंश सिंह मिरी ने सभा को छत्तीसगढ़ की संस्कृति का सम्मान बात की और अपना उद्बोधन छत्तीसगढ़ी में देकर लोगों से अपील की कि हम अपने मातृ भाषा का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें । उन्होंने हमारी ग्रामीण संस्कृति, जैविक खेती व उनके ग्राम के लोगों के द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सभी के साथ साझा करते हुए जानकारी दी कि उनके ग्राम में पौधरोपण को लेकर जिस तरह से अभियान चलाए जा रहे उससे जल्द ही उनका ग्राम देश का पहला ग्राम बनेगा पर्यावरण सुरक्षा के प्रयासों के मामलों में । अजय मालू जी ने बताया कि सरकार कानून बहुत सारे बनाए है काम भी हो रहा है लेकिन बिना जन भागीदारी के निराकरण कर पाना सम्भव नही होगा उन्होंने प्लास्टिक को रोकने के लिए बनाए गए कानून को सभी के साथ साझा किया साथ परंपराओं के साथ चलने की बात कही। कचरा पारम्परिक तरीके व आधुनिक तरीको पर भी बात कही । संजीव जैन जी सौर्य ऊर्जा से होने वाले फायदे के बॉर्डर में जिक्र करते हुए शासन की योजनाओं के सम्बंध में बताया सौर ऊर्जा लगा कर किस तरह विजली खपत को कम किया जा सकता साथ अपने खर्चे को भी कम किया जा सकता है । भोजन बनाने से लेकर सिचाई सुविधाओं तक सौर्य ऊर्जा उपयोग हो रहा है सिचाई छत्तीसगढ़ बहुत ही आगे है । जी के दास जी ने जैविक खेती को बढ़ावा देने भूमि की उर्वरता को सुरक्षित रखने हेतु जैविक खेती  को प्रोत्साहित करने की बात कही साथ ही उन्होंने आवश्यक सहयोग देने की बात भी कही । रामगुलाम सिन्हा जी मे जैविक खेती के माध्यम से बैगा समुदायों के उत्थान पर चर्चा करते हुए जानकारी दी । कुंतल मुखर्जी ने कृषि के माध्यम से पर्यावरण की सुरक्षा के बारे मे बताया और अपने संस्थान के अनुभवों को साझा किया । दीपक सक्सेना जी ने मॉडरेटर के रूप में सभी की बातों को संकलित करते हुए कहा कि सभी लोग अगर मिलकर प्रयास करेंगे तो निःसन्देह बेहतर लाभ मिलेगा । अंत संजय शर्मा ने सभी आभार व धन्यवाद ज्ञापित किया । 

Sunday, 21 August 2022

*सुनो रायपुर* अभियान के अंतिम दिन कृष्णा पैराडाइज में कार्यक्रम

रायपुर पुलिस द्वारा साइबर क्राइम को रोकने हेतु चलाए जा रहे *सुनो रायपुर* अभियान के अंतिम दिन अनमोल फाउंडेशन द्वारा सरोना के कृष्णा पैराडाइज में कार्यक्रम आयोजन किया । जिसमें हरसंभव की ओर से पुष्पलता  त्रिपाठी व नैना जी, शामिल रही । 
कार्यक्रम में अनमोल फाउंडेशन के निदेशक श्री संजय शर्मा जी ने लोगो को साइबर क्राइम किस तरह हो रहा है उसके बारे में जानकारी देते हुए एस एम एस के माध्यम से लिंक भेज कर किए जा रहे अपराध, वीडियो कॉल, क्यू आर कोड के माध्यम से, बिजली बिल के नाम पर, ओ एल एक्स के माध्यम से किए जा रहे फ्राड, लोन के नाम पर , सोशल मीडिया के माध्यम से , व्हाट्सएप के माध्यम से ईमेल के माध्यम से किए जा रहे फ्राड के बारे में जानकारी दी गई और समाधान का तरीका बताया गया । कृष्णा पैराडाइज के निवासी बड़े ही रुचि के साथ कार्यक्रम में जानकारी ली  कार्यक्रम के लिए सरकार व जिला पुलिस की सराहना की । 

Saturday, 20 August 2022

युवाओं की जबरदस्त भागीदारी व उत्साह से *सुनो रायपुर* अभियान सफलता की ओर अग्रसर

रायपुर पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत अग्रवाल जी के नेतृत्व में 15 अगस्त 2022 से रायपुर जिले के अंतर्गत साइबर अपराध से सुरक्षा उपायों की जानकारी जन जागरूकता के माध्यम से जन जन तक पहुचाने का प्रयास किया जा रहा है । इस प्रयास में रायपुर जिले के सभी पुलिस थानों के थाना प्रभारी व पूरा पुलिस महकमा सक्रियता से जुटा हुआ। 

यह अभियान तब और ज्यादा मजबूत और ताकतवर हो जाता है जब इसमे युवाओं की भागीदारी बढ़ने लगती है , सक्रिय सहभागिता होने लगती है। ऐसा ही कुछ डीडीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत हो रहा है । 
आज पोस्ट मेट्रिक आदिवासी छात्रावास व पोस्ट ग्रेजुएट आदिवासी छात्रावास के युवाओं के डीडीनगर स्थिति छात्रावास में *सुनो रायपुर* अभियान कार्यक्रम का आयोजन छात्रावास के छात्रों के सहयोग से अनमोल फाउंडेशन के संयोजन  डीडीनगर थाना के मार्गदर्शन में सफल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अनमोल फाउंडेशन के निदेशक श्री संजय शर्मा व डीडीनगर थाना प्रभारी श्री कुमार गौरव साहू जी ने साइबर क्राइम क्या है , कैसे अपराध घटित होता है तथा इससे बचने के उपायों पर व्यापक जानकारी उदाहरण व अनुभवों के साथ सरल तरीके से दी गई । सुश्री डॉली टण्डन ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए संचालित एल्डर हेल्पलाइन के सम्बन्ध में बताया । 
कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं ने अपने शंकाओं का समाधान प्रश्नोत्तरी से किया । युवा सब इतने उत्साहित थे कि कार्यक्रम  7 बजे से 9 बजे रात तक चला । फिर युवा सुनना व जानना चाहते रहे। सभी युवाओं ने इस अभियान को आगे बढ़ाने हेतु सक्रिय भागीदारी की बात कही । 

Friday, 19 August 2022

चंगोराभाठा वार्ड में *सुनो रायपुर* अभियान सम्पन्न

रायपुर पुलिस द्वारा 15 अगस्त 2022 से पूरे जिले में साइबर क्राइम अपराध से सुरक्षा हेतु जागरूकता अभियान संचालन किया जा रहा है । जिसमे पुलिस विभाग के साथ -साथ एन जी ओ के साथी भी स्वैच्छिक रूप से मदद कर रही है । 


इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अपराध घटित होने से पूर्व की सतर्कता और सतर्कता तभी सम्भव है जब उसके बचाव के उपायों की पूर्ण जानकारी हो। और इसी जानकारी को लोगों तक पहुचाने के लिए ही रायपुर पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत अग्रवाल जी के अगुवाई में जिले भर में यह अभियान चलाया जा रहा है ।


अभियान के इसी कड़ी में आज चंगोराभाठा में अभियान के 5 वें दिन अनमोल फाउंडेशन के नेतृत्व में आयोजन किया गया । 


सुनो रायपुर* अभियान के तहत चंगोराभाठा वार्ड में साइबर क्राइम से बचाव हेतु जागरूकता अभियान कार्यक्रम *अनमोल फाउंडेशन* डीडीनगर पुलिस व चंगोराभाठा वार्ड पार्षद के सहयोग से सफलतापूर्वक आयोजन किया गया । 


उक्त कार्यक्रम में डीडीनगर थाना प्रभारी श्री कुमार गौरव साहू जी ने साइबर क्राइम से सुरक्षा के उपायों पर विस्तार से चर्चा करते हुए एटीएम फ्राड, लोन फ्राड, सोशल मीडिया के माध्यम से फ्राड, क्यों आर के माध्यम से फ्राड, वीडियो कॉल फ्राड आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की, साथ लोगों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए ।  पुलिस थाना डीडीनगर की टीम साथ रही। 

अनमोल फाउंडेशन की तरफ से निदेशक श्री संजय शर्मा स्वैच्छिक साथी हेमलाल, निशा व होमिका साहू ने सक्रिय भागीदारी की । 

Monday, 15 August 2022

*सुनो रायपुर* अभियान का गृहमंत्री ने किया उद्घाटन

साइबर क्राइम के बढ़ते अपराध को रोकने रायपुर पुलिस द्वारा जन जागरूकता सप्ताह चलाया जा रहा है । इसे *सुनो रायपुर* अभियान के नाम से जाना जाएगा। इस अभियान का उद्घाटन गृहमंत्री छत्तीसगढ़ शासन श्री ताम्रध्वज साहू जी ने किया । यह अभियान 15 अगस्त से 21 अगस्त तक चलाया जाएगा। जिसमे पोस्टर, पम्पलेट , आडियो, वीडियो व जागरूकता शिविर के माध्यम से अभियान चलाया जाएगा । इस अभियान को संचालित करने हेतु 400 स्वैच्छिक कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षित किया गया है जो अलग -अलग मोहल्ले व कालोनियों में जाकर लोगों को सतर्कता के लिए जानकारी देंगे । 

रायपुर पुलिस ने आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में व्यापक स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया । जिसमें पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी, एन जी ओ के प्रतिनिधि, स्कूल कालेज के एन एस एस व एन सी सी के छात्र व छात्राएं शामिल हुए। 
कार्यक्रम को गृहमंत्री के साथ -साथ संसदीय सचिव गृह श्री विकास उपाध्याय , एडीजी योजना श्री प्रदीप गुप्ता, आई जी रायपुर श्री मीणा, रायपुर एस पी श्री प्रशांत अग्रवाल जी ने संबोधित कर लोगों को जागरूक करने का आवाहन किया । 

Saturday, 13 August 2022

डीडीनगर थाना में *सुनो रायपुर* अभियान की बैठक सम्पन्न

साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए जन जागरूकता अभियान सप्ताह *सुनो रायपुर* के तहत डीडीनगर पुलिस स्टेशन में थाना प्रभारी श्री कुमार गौरव साहू जी के नेतृत्व में कार्ययोजना तैयार करने हेतु बैठक की गई ।
 उक्त बैठक में डीडीनगर थाना क्षेत्र में कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए । जिसमे अनमोल फाउंडेशन के निदेशक संजय शर्मा, हरसंभव फाउंडेशन की अध्यक्षा श्रीमती पुष्पलता त्रिपाठी, स्वंय सिद्धा फाउंडेशन की निदेशिका श्रीमती अनुपमा त्रिपाठी,
 आरती उपाध्याय, श्रीमती रचना कुशवाहा, रूपेन्द्र साहू व थाना डीडीनगर के पुलिस अधिकारीगण शामिल रहे। 

Tuesday, 9 August 2022

साइबर जागरूकता के लिए रायपुर पुलिस की *सुनो रायपुर* अभियान हेतु मास्टर ट्रेनर तैयार

आजकल सोशल मीडिया, मोबाइल, इंटरनेट, कम्यूटर आदि के माध्यम से साइबर क्राइम बहुत तेजी से फैल रहा है। अशिक्षित लोगों के साथ -साथ अच्छे पढ़े लिखे लोग भी साइबर क्राइम के शिकार हो रहे है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए रायपुर पुलिस अपराध घटित ही न हो इसके लिए रायपुर के निवासियों को साइबर एक्सपर्ट बनाने के लिए  *सुनो रायपुर* *be alert be safe* के नाम से जागरूकता अभियान 15 अगस्त से शुरू करने जा रही है । यह अभियान एक सप्ताह चलाया जाएगा ।
जिसके संबंध में मास्टर ट्रेनर तैयार करने हेतु आज अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर के कार्यालय में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें रायपुर शहर में कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाओं व सभी पुलिस थानों के प्रतिनिधि भाग लेकर प्रशिक्षण प्राप्त किए । उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनमोल फाउंडेशन के निदेशक श्री संजय शर्मा जी ने भी भाग लिया । प्रशिक्षण को श्री प्रशांत अग्रवाल एस. पी. रायपुर व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राठौर जी ने संबोधित किया । प्रशिक्षण में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में मालवंकर जी साइबर सेल प्रभारी रायपुर ने प्रशिक्षण दिया ।

Friday, 29 July 2022

सासाकावा का उद्यमिता विकास प्रशिक्षण सम्पन्न

सासाकावा इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन नई दिल्ली के तत्वावधान में होटल सुतृप्ति, भुबनेश्वर में दो दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । उक्त कार्यक्रम में भुबनेश्वर, पूरी, कटक के लेप्रोसी कालोनी के व्यवसाय करने के इच्छुक 45 महिला व पुरुषों ने भाग लिया । 
सासाकावा द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को सासाकावा के बारे में उसके काम के बारे विस्तार से सासाकावा के ररेजनल समन्वयक प्रोनित नाग द्वारा जानकारी दी गई । उद्यमिता के बारे में प्रशिक्षण के दौरान मुख्य प्रशिक्षक संजय शर्मा ने व्यवसाय, उसके प्रबंधन, व्यवसायी के गुण व आचरण, बाजरा व्यवस्था, ग्राहक , कानूनी दस्तावेज, लेखा जोखा, बैंकिंग प्रक्रिया, शासन की योजना, ऋण योजनाए , मार्केटिंग, स्वाट एनालिसिस, स्व मूल्यांकन, व्यवसाय का मूल्यांकन आदि विषयों पर पीपीटी, समूह चर्चा, फ़िल्म प्रदर्शन, सवाल -जबाब व अनुभवों के आदान प्रदान के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया गया । 
सासाकावा देश के कई राज्यों में कुष्ट रोग से पीड़ित परिवारों के उत्थान कर उन्हें समाज मे सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए प्रयासरत है । सासाकावा लेप्रोसी कालोनियों में स्वास्थ्य , शिक्षा व आजीविका को लेकर अपनी गतिविधियों को संचालित कर रही है । 
अपने इन्ही गतिविधियों में एक आजीविका की सुरक्षा हेतु व्यवसाय में सहयोग करके का कार्य करती है । जिसके लिए लेप्रोसी परिवारों के सदस्यों को जो व्यवसाय के लिए इच्छुक होते है उन्हें उनकी क्षमता बढ़ा कर उन्हें वित्तीय सहायता के माध्यम से मदद करती है ताकि वे अपने व्यवसाय का सफल संचालन कर सकें। 

Saturday, 9 July 2022

वुड आइलैंड कालोनी में वृक्षारोपण सम्पन्न

ग्रीन आर्मी के चंगोराभाठा जोन द्वारा महादेव घाट स्थित वुड आईलैंड कालोनी में अलग -अलग 3 गार्डेन में विभिन्न प्रकार के पौधौ का रोपण किया गया । 

जलवायु परिवर्तन की भयावह स्थिति को देखते हुए ग्रीन आर्मी रायपुर शहर व उसके आसपास को हरा भरा करने तथा साफ सफाई कर शहर को साफ सुंदर व स्वच्छ बनाने के साथ - साथ पर्यावरणीय शहर बनाने का प्रयास कर रही है । 
इसी दिशा में आज चंगोराभाठा जोन की अध्यक्ष सुश्री कविता कुम्भज डॉक्टर पाल, डीएसपी संजय दीवान व सश्त्रबल 32 वी बटालियन की एसपी मैडम , पुरुषोत्तम चंद्राकर, संजय शर्मा के नेतृत्व में 50 से ज्यादा लोगों की टीम ने  सैकड़ों वृक्ष लगाए गए साथ ही उनकी देखरेख करने का भी संकल्प लिया गया । 

Thursday, 30 June 2022

सासाकावा इंडिया द्वारा उद्यमिता का प्रशिक्षण

सासाकावा इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन नई द्वारा *उद्यमिता विकास प्रशिक्षण* विषय पर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होटल शुभ रायपुर में किया गया।
 उक्त प्रशिक्षण में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में अनमोल फाउंडेशन के निदेशक श्री संजय शर्मा जी ने प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया । सासाकावा इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन कुष्ट पीड़ितों व उनके परिवार के सदस्यों को समाज मे सम्मान के साथ जीवन जीने हेतु स्वरोजगार, बच्चों को शिक्षा हेतु फेलोशिप व पीड़ितों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर मदद करने का कार्य करती है 
कार्यक्रम में जांजगीर चाम्पा, रायपुर व दुर्ग जिले लेप्रोसी कालोनी के निवासियों ने भाग लिया । 

Thursday, 23 June 2022

संघर्ष, चुनौती व संभावनाओं के बीच स्वैच्छिक संस्थाएं मानवता के लिए हमेशा खडी

संक्षिप्त परिचय – स्वैच्छिक संस्था व्यक्तियों का एक समूह होता है जो अपने व्यक्तिगत हितों से उपर उठाकर दूसरों के लिए समाज के लिए कार्य करते है | भारतीय संस्कृति में धर्म,नैतिकता,परोपकार में विस्वास करने वाली भावनाएं शुरू से ही रही हैं | कौटिल्य ने कहा था प्रत्येक सभी समाज के नागरिको व् वहा के राजा को वृद्ध, निशक्तजन, रागी बच्चे तथा महिलाओं के प्रति सहयोग तथा सहानुभूति की भावना रखनी चाहिए |
 स्वैच्छिक संस्थाएं प्रजातंत्र की जान है और ये लचीला होती है ये अपने अंदर लोगों को उपर लाने की भावना रखता है | किताबों से पता चलता है की मानव कल्याण सदियों से चला आ रहा है इसके प्रमाण उपलब्ध भी है | जरुरतमन्द की मदद करना एक परम्परा रही है | पूर्वज भी अपाहिजों, असाध्य रोगियों की सेवा करना पुन्य समझते थे | भूकम्प, बाढ़ ,अग्निकांड, युद्ध, अकाल, महामारी, आपदा, तूफ़ान आदि से प्रभावितों की मदद मानवता की भावना से मिलकर किया जाता रहा है पहले राजा, धनी व्यक्ति व जमीदार जन कल्याण व परोपकार का कार्य करते थे प्राचीन कुवें, तालाब, धरोहर, फलदार वृक्ष, आराम गृह इसके प्रमाण के रूप में देखने को मिलते है | बाद में तीर्थ स्थल व अन्य आवश्यक स्थाओं पर मानव कल्याण के लिए स्वैच्छिक संस्थाएं कार्य करना शुरू किया | सन 1600 में इष्ट इंडिया कम्पनी के माध्यम से भारत ब्रिटिश सत्ता का प्रवेष हुआ | यूरोप के पुनर्जागरण काल विज्ञान का विकास तथा भारत में अंग्रेजी शिक्षा के प्रसार के लिए साथ ही सम्पूर्ण सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक परिदृश्य बदलने लगे | सन 1858 में मद्रास (वर्तमान चेन्नई ) में स्थापित Friends in society नामक स्वैच्छिक संगठन को भारत के स्वैच्छिक संगठनों के इतिहास में प्रारम्भिक प्रयास मना जा सकता है ( साभार-डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.एमपीजीकेपीडीएफ.काम) आज भी लोग जरुरतमन्द की मदद करना अपना मानवता धर्म मानते है और गर्मियों में प्याऊ, वृक्षारोपण व साफ़ सफाई के माध्यम से सेवा करते रहते है | वर्तमान समय में स्वैच्छिक संस्थाओं का दायरा बड़ा है कई बहुत सारे क्षेत्रों में स्वैच्छिक संस्थाए कार्य कर रही है | सबसे पहले यह समझना जरुरी है की स्वैच्छिक संस्थाएं कितने प्रकार की होती है | कानून के दृष्टि से तो स्वैच्छिक संस्थाएं सोसाइटी, समिति, ट्रस्ट, कम्पनी एक्ट, सी एस आर, के माध्यम से होती है | लेकिन कार्य करने के तरीके से स्वैच्छिक संस्था गाधीवादी विचारधारा से प्रेरित संस्थाएं,रचनात्मक कार्य करने वाली संस्था, एक्टिविस्ट के रूप में कार्यरत संस्थाए, क्षमता विकास के लिए कार्यरत संस्थाए होती है लेकिन स्कुल, कालेज, अस्पताल, क्लब आदि भी इसी के दायरे में आते है | संस्थाओं के लिए कानून – स्वैच्छिक संस्थाओं का पंजीयन सोसाइटी एक्ट, ट्रस्ट एक्ट, व अक्म्प्नी एक्ट के तहत किया जाता है | इसके अलावा स्वैच्छिक संस्थाओं को इनकम टैक्स के तहत 12-A, 80 G का पंजीयन होता जिससे इनकम टैक्स में छुट मिलती है | विदेशी अनुदान लेने के लिए FCRA के अंतर्गत पंजीयन करना पड़ता है तथा अब नए नियम में CSR से अनुदान लेने के लिए CSR के तहत पंजीयन आवश्यक है | दानदाता व संस्थाएं – स्वच्छिक कार्यों के लिए तो देश में हर कोई मदद करटा है इसी प्रथा रही है | लेकिन अब पंजीकृत स्वैच्छिक संस्थाओं की केंद्र व् राज्य शासन की बहुत योजनाओं से वित्तीय सहयोग मिलता है इसके अलावा विदेशी दानदाता संस्थाएं भी परियोजनाओं के माध्यम से मदद करती है | CSR के तहत भी स्वैच्छिक संस्थाओं को वित्तीय सहायता प्राप्त होती है | इसके अलावा स्थानीय समुदाय के लोग भी स्वैच्छिक प्रयासों में मदद करते है | शहरी क्षेत्रों में कार्य करने वाली संस्थाएं में अधिकाँश संस्थाएं तो अक्सर लोगो के मदद से ही भोजन, दवाई, प्याऊ, साफ़ –सफाई आदि का कार्य करती है | संस्थाओं के काम करने का तरीका – स्वैच्छिक संस्थाओं का जन्म ही किसी न किसी समस्याओं के निरकरण के लिए होता है | कुछ संस्थाएं विषय विशेष के रूप में कार्य करती है तो कुछ संस्थाएं एकीकृत मुद्दों पर कार्य करती है लेकिन सभी स्वैच्छिक प्रयासों के कार्य करने का तरीका सहभगिता पर आधारित होता है | जिनके लिए कार्य करती है उनके साथ बैठकर योजना बनाते है और उनके साथ मिलकर ही उसका क्रियान्वयन करते है | संस्थाएं किनके लिए कार्य करती है – स्वैच्छिक संस्थाएं हमेशा जरुरतमन्द व गरीब समुदायों के लिए कार्य करती है बहुत सी संस्थाएं सुदूर क्षेत्रों में पहुचविहीन व दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करती है | इसके अलावा महामारी, आपदा आदि के बढ चढ़ कर कार्य करती है ताकि आकस्मिक समस्या से तत्काल निपटने आसानी हो प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मिले | बच्चे, बुजुर्ग, दिव्यांग, महिला तो प्राथमिकता में रहती ही है लेकिन अब स्वैच्छिक संस्थाएं कृषि, वन, पर्यावरण, जैव विविधता, शिक्षा, स्वास्थ्य,आदि लभग सभी मुद्दों पर कार्य कर रही है | संस्थाएं व आन्दोलन – स्वैच्छिक संस्थाएं व आंदोलनों का भी पुराना इतिहास है | गाधी जी ने असहयोग आन्दोलन किया तो विनोवा जी ने भूदान आन्दोलन, जेपी का सम्पूर्ण क्रान्ति आन्दोलन तो मेघा पाटकर का नर्मदा बचाओं आन्दोलन, अन्ना हजारे का लोकपाल आन्दोलन | इन आंदोलनों की एक खूबी यह रही की इन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिला | यही से स्वैच्छिक संस्थाओं का राजनितिक दलों से द्वंद शुरू होता है | और हर आन्दोलन के बाद स्वैच्छिक प्रयासों को दबाने के लिए हमेशा नए नए कानूनों को थोपा गया | जिससे स्वैच्छिक प्रयासों को सँभालने में समय लगता है लेकिन बावजूद इसके सभी खड़े रहते है | संस्थाएं व मीडिया – मीडिया मुद्दों को लेकर हमेशा साथ दिखाई देती है लेकिब जब जब सरकार कानून की लगाम लगाती है तो मीडिया भी स्वैच्छिक संस्थाओं का साथ छोड़ देती है और संस्थाएं अकेले ही लड़ाई लडती है | बहुत समय मीडिया स्वैच्छिक संस्थाओं को हतोत्साहित करने का कार्य भी करती है | संस्थान व् लोग – स्वैच्छिक संस्थाओं को लोग अच्छे नजर से नहीं देखते इसके पीछे कई कारण हो सकते जिनमे सबसे प्रमुख है शोषण व अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाते रहना | लेकिन बड़ी बड़ी स्वैच्छिक संस्थाओं को लोग खुलकर मदद करते देखे जाते है | इससे लगता है की स्वैच्छिक संस्थाओं की साख लोगों के बीच अच्छी है | आपदा व महामारी के समय लोग खुलकर स्वैच्छिक संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य करते है | समाज सेवा की शिक्षा – पिछले कुछ दशक से शिक्षा में विशेषज्ञता के रूप में मास्त आफ सोशल वर्क (MSW) शुरू किया गया इससे युवा पढ़ाई कर समाज सेवा के क्षेत्र में रोजगार के उद्देश्य से आने लगे | इसके पूर्व लोग शौक से समाज सेवा करने के लिए आते थे | वर्तमान सन्दर्भ ( जमीनी स्तर पर कार्यरत संस्थाओं के सन्दर्भ में ) – हम वर्तमान समय की बात करें तो इस समय जो जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली स्वैच्छिक संस्थाएं उनके समक्ष काफी सारी चुनौतियां है | सबसे पहले तो यह जान ले की जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली संस्थाएं कार्य करने में ज्यादा विस्वास करती है | जमीनी स्तर की कभी पेशेवर (Professional) सेवा के रूप में कार्य नही बाकि वे मानवता के हिसाब से दिल से कार्य करती है | इसलिए जरूरत के हिसाब से काम जितना में चल जाए उतना ही तैयारी करती है और काम करती रहती है | लेकिन जब कोई कानून नया आता है तो उससे निपटने में उसका संमाधान करने में परेशान हो जाती है | उसकी जानकारी एकत्र करना उसकी जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना छत्तीसगढ़ जैसे हिंदी भाषी जगह में तो हिंदी और अंगरेजी के कारण बहुत सारी समस्याए आती है | केंद्र से जो भी कानून बनते है है वो अंगरेजी में ज्यादातर होते है | यहाँ लोग हिंदी जानते है जिसके कारण इंग्लिश जानने वालो के उपर निर्भरता बढ़ जाती है | परियोजना बनाने से लेकर रिपोर्ट लिखने तक में गुणवता की कमी देखि जाती है | प्रबंधन क्षमता की कमी के चलते संस्थान को चलाने के लिए कारपस फंड जैसी व्यवस्था पर नही काम करते और छोटी संस्थाओं को वित्तीय सहयोग देने वाली संस्थाएं भी इस तरह का कुछ मदद नही करती है | जिससे जमीनी स्तर की संस्थाओं को इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में कठिनाई होती है | शासन की परियोजनाओं को लाना इतना आसान नही होता सभी जानते इमानदारी से शासन की परियोजनाओं को ला पाना नामुमकिन है | बहुत सी संस्थाएं शासन के साथ कार्य करती है कैसे करती है ये तो वाही बता सकती है | सीएसआर परियोजनाओं में छोटी संस्थाओं के लिए तो शायद जगह ही नही होती | एक विदेशी दानदाता संस्थाएं FCRA में नए संसोधन से पूर्व राष्ट्रीय स्तर की संस्थाएं विदेशी दाताओं से वित्तीय सहयोग लाती थी जिसे छोटी छोटी संस्थाओं के साथ सहयोग कर कार्य करती थी लेकिन नए संसोधन से यह रास्ता बंद हो गया जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली संस्थाओं व् उनके कार्यकर्ताओं पर पड़ा | कार्यकर्ताओं की नौकरी चली गई कोई पूछा भी नही की कितने समाज सेवी बेरोजगार हो गए | उनके काम मिला या नहीं पता करने वाला भी नही | कई छोटी संस्थाएं इसी परियोजनाओं के बंद होने से दुसरे बड़ी संस्थाओं के यहाँ नौकरी करने की नौबत में आ गए | कई संस्थाएं बंद हो गई | उन्हें कोई काम देने वाला नहीं है शासन की योजनाओं से कभी कुछ ट्रेनिंग मिल गया कुछ जागरूकता मिल गया था उसमे मानदेय इतना कम मिलता है की उसका खर्च बहुत मुस्किल से चल पाता है कैसे चलाता है ये तो वाही बता सकता है | इस छोटे से काम के लिए कितना पापड़ बेलना पड़ता है यह व्ही बता सकता है | जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली छोटी –छोटी संस्थाओं व् सामाजिक कार्यकर्ताओं का उपयोग तो सभी करते है लेकिन उनकी समस्याओं पर आवाज उठाने में कोई सामने नहीं आता | कोई एसा संगठन भी नही है उनके समस्याओं के लिए आवाज उठाए या यूँ कहें की सामाजिक कार्यकर्ताओं का कोई संगठन ही नही है जो उनकी या उनके परिवार के समस्याओं के लिए खडा हो | समाज सेवा से जुड़े लोगों का भाविष्य – जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता या संस्था प्रमुख भी उनका भविष्य तब तक सही नही है जब तक कि वे अपनी क्षमताओं को बढाते नही है संस्थागत इंफ्रास्ट्रक्चर व आयउपार्जन की गतिविधियाँ संचालित नही करते है राजनितिक दलों का प्रवेश – स्वैछ्चिक संस्थाओं का एक विंग राजनितिक दल स्वंय का तैयार कर रहे है या पूर्व में भी किए हुए है उसके कारण स्वैच्छिक संस्थाओं के सामने के बड़ी चुनौती और खादी हो रही है जो गैर राजनीती से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता लोग है | समाधान – जमीनी स्तर स्तर की संस्थाओं व् सामाजिक कार्यकर्ताओं को समस्याओं से निपटने के लिए तैयारी करनी होगी स्थाई विकास की योजानाएं बनाएं अपनी तकनिकी दक्षता में वृद्धि करें इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कार्य करें | लोगों के आय वर्धन के साथ- साथ संस्थागत आय वर्धक गतिविधियाँ भी संचालित करें | अपनी निर्भरता वित्तीय संस्थानों से हटाकर स्वंय संस्थागत आय वृद्धि पर केन्द्रित करें | संजय शर्मा -सामाजिक कार्यकर्ता , ब्लागर, यूट्यूबर, कानून विशेषज्ञ

Monday, 20 June 2022

वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा हेतु छत्तीसगढ़ में कार्यरत जमीनी स्तर की स्वैच्छिक संस्थाओं की आनलाइन बैठक सम्पन्न

छत्तीसगढ़ में जमीनी स्तर पर कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाओं की ऑनलाइन बैठक * वर्तमान चुनौतियों* के सम्बंध में आयोजित की गई । जिसमें 15 जिलों से 42 स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । 
पिछले कुछ समय से जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली स्वैच्छिक संस्थाएं कई चुनौतियों का सामना कर रही है जिसमे वित्तीय सहायता, नियमों में रोज नए नए संसोधन वर्तमान आदि महत्वपूर्ण मुद्दे हैं । इसके अलावा जमीनी स्तर की संस्थाओं की स्वंय की तैयारी इन सब चुनौतियों से सामना करने की नही है । काफी सारी संस्थाएं मानती है कि बड़ी दानदाता संस्थाओं के जो मापदंड होते परियोजना के संबंध में उस स्तर की न तो प्रोजेक्ट बनाने की क्षमता है और न ही उस स्तर का रिपोर्ट तैयार है । इस स्थिति में फंड लाना बहुत ही मुश्किल है। इन्ही सब बातों पर चर्चा के लिए आज की बैठक आहूत की गई । 
आज की बैठक में हुई चर्चा के बिंदु आपको साझा कर रहा हूँ । जिसमे प्रमुख बातें निम्न है :- 
1- ऑफलाइन बैठक का आयोजन रायपुर में तत्काल किया जाए ।  जिसके लिए जुलाई के प्रथम सप्ताह या द्वतीय सप्ताह में आयोजित किया जाए । इसके पश्चात संभाग व जिले स्तर पर बैठक का आयोजन किया जाए ।
2- दानदाता संस्थाओं के मांग के अनुसार हमारी तैयारी होनी चाहिए जिस पर काम किया जाए चाहे रिपोर्ट की बात हो या प्रोजेक्ट की या अन्य । 
3- संस्थागत कानूनी जानकारी 12 A, 80 G, FCRA के सम्बध में क्षमता वृद्धि की जरूरत इसके लिए  संस्थाओं से चर्चा कर क्षमता वर्धन कार्यशाला का आयोजन किया जाए । 
4- स्वैच्छिक संस्थाओं की आवाज शासन तक पहुचे इसके लिए न्यूज लेटर  कार्यशाला व अन्य माध्यमों का उपयोग किया जाए । 
5- एक कॉमन मुद्दे का चयन किया जाए जिस पर सभी संस्थाएं मिलकर कार्य करें व दानदाताओं को जोड़ने का प्रयास किया जाए । 
 अंत मे निर्णय लिया गया कि जल्द से जल्द ऑफलाइन बैठक कर विस्तार से रणनीति तैयार की जाए । 
जल्द ही ऑफलाइन बैठक कर संस्थाओं के क्षमता वृद्धि पर कार्य करने की रणनीति तैयार करेंगे । 

Thursday, 16 June 2022

अंतराष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस का आयोजन सम्पन्न

रायपुर- इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसायटी रायपुर द्वारा अंतराष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस का आयोजन मायाराम सुरजन भवन रायपुर में किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री अनुल कुजूर सहायक श्रमायुक्त रायपुर विशेष अतिथि नदी घाटी मोर्चा के संयोजक श्री गौतम बंधोपाध्याय, अतिथि श्री आर. एस. राजपूत सीनियर श्रम निरीक्षक, श्री नायक व सुश्री लता श्रम निरीक्षक, साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट सुश्री मोनाली गुहा व सोनाली गुहा तथा अनमोल फाउंडेशन के निदेशक श्री संजय शर्मा जी शामिल हुए । 

कार्यक्रम में घरेलू कामगार महिला संगठन की अध्यक्ष द्वारा संगठन के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि इस कार्यक्रम में 14 बस्ती से घरेलू कामगार महिलाएं आई है । आई जी एस एस एस के श्री परमानन्द जी ने संस्थान के 5 वर्षों में किए गए कार्यो के बारे में ब्यौरा प्रस्तुत किया और बताया कि उनका लक्ष्य है कि यह संगठन रायपुर के प्रत्येक बस्ती में हो और उनका कानूनी रूप से पंजीयन भी कराया जाए इसके लिए पूरी ताकत से प्रयास किया जाएगा । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संजय शर्मा जी ने काम के स्थल पर घर जैसा माहौल का निर्माण हो इसके लिए कानून की उपयोगिता हो । इस बारे में बताया । 
राजपूत जी ने श्रम विभाग में निर्धारित मजदूरी के बारे में जानकारी देते हुए महिलाओं के साथ काम पर अपराध न हो इसके लिए किया एहतियात बरतनी चाहिए उसके बारे में जानकारी दी गई । मुख्य अतिथि ने जन्म से लेकर मृत्य होने तक कि योजनाओं की जानकारी दी और विभाग की ओर से हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गौतम जी ने कहा कि हमे आज के दिन को उत्साह के साथ मानना चाहिए । 
मोनाली गुहा ने बैंकों में सोशल मीडिया में  हो रहे साइबर क्राइम से बचाव के उपायों के बारे में बताया । सोनाली जी ने दुकानों में होने वाले गुप्त कैमरों से बचाव व पहचान के लिए कौन साथ एप की मदद ले सकते है उनकी जानकारी दी । कार्यक्रम में 200 से ज्यादा महिलाओं ने भाग लिया। बच्चियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए । कार्यक्रम का सफल संचालन पूजा ने किया । कार्यक्रम को सफल बनाने में स्वाति यादव, सपना व घरेलू कामगार महिला संगठन के अध्यक्ष सचिव व सदस्यों ने कड़ी मेहनत कर सफल बनाया । 

विश्व वरिष्ठ नागरिक दुर्व्यवहार दिवस का आयोजन सम्पन्न

रायपुर: 16 जून समाज कल्याण विभाग व हेल्पेज इंडिया छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में न्यू सर्किट हाउस रायपुर में विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार दिवस के मौके पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । 

उनकी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्रीमती अनिला भेड़िया कैबिनेट मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग तथा विशिष्ट अतिथि समाज कल्याण विभाग के निदेशक श्री पी दयानंद रहे । 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अनिला भेड़िया जी ने बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसा होना नही चाहिए और कोशिश होनी चाहिए कि छत्तीसगढ़ राज्य में कम से वृद्धाश्रम की जरूर पड़े । पारिवारिक वातावरण को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य होना चाहिए । कार्यशाला को संबोधित करते हुए पी दयानंद जी ने कहा कि बुजुर्गों के लिए हर सम्भव विभाग की ओर से सहयोग किया जाएगा । जो भी समस्याएं आएंगी उनका निराकरण का पूरा - पूरा प्रयास होगा । 
कार्यक्रम में हेल्पेज इंडिया द्वारा दुर्व्यवहार पर किए गए अध्ययन रिपोर्ट का विमोचन माननीय मंत्री जी द्वारा किया गया । 

Monday, 6 June 2022

ग्राम अधिकार मंच के सदस्यों ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

ग्राम अधिकार मंच के अध्यक्ष श्री सुरित साय के नेतृत्व में कोआर्डिनेशन हब रायपुर के सहयोग से ग्राम सुमेला बहरा व घाघी में पौधों का वितरण व वृक्षारोपण कर अंतराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस मनाया तथा ग्रामीणों को संदेश दिया कि हर भरें जंगलों को बचाना है । साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जैविक खेती, वृक्षारोपण, पौधों की सतत देखभाल, तथा अपने ग्राम से लगे हुए जंगलों को बचाना है। 
कार्यक्रम में अम्बिकापुर विकास खण्ड के सुमेला बहरा व मैनपाट विकास खंड के करमहा ग्राम के लोगों ने भाग लिया और पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प लिए ।

विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

रायपुर-रायपुर अंतर्गत कोटा वार्ड के महंत तालाब मोहल्ले में आई जी एस एस एस द्वारा युवा समूहों के युवाओं के साथ मिलकर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया । इस पर निबंध प्रतियोगिता,चित्रकला प्रतियोगिता, दीवाल लेखन, रैली व पौधरोपण कर लोगों को पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया । 
बच्चों ने अपने अनुभव व ज्ञान से बेहतर प्रस्तुति कर पर्यावरण के लिए संदेश दिया ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके । तथा आने वाली युवा पीढी वृक्षारोपण कर पर्यावरण को सहेज सके । 
इस अवसर पर आई जी एस एस एस की स्वाति यादव व अनमोल फाउंडेशन के निदेशक संजय शर्मा शामिल रहे ।

Monday, 30 May 2022

क्या जंगल बचेंगे या सब खत्म हो जाएगा एक दिन

मैं बचपन से अविभाजित सरगुजा जिले में रहा हूँ , जो अब बलरामपुर जिला अंतर्गत आता है। सुदूर गांवों में रहा जंगलों के बीच, जब बड़ा हुआ तो हाईस्कूल की पढ़ाई करने गांव से शहर आया । जो सरगुजा जिले का जिला मुख्यालय है । 
गांवों में जब थे तब चारो तरफ घना जंगल हुआ करता था दो तरफ पहाड़ हुआ करता था अब क्या स्थिति है पता नही लेकिन पहले से पेड़ों की संख्या में भारी कमी आई है । 
जब अम्बिकापुर शहर में आए थे उस समय वहां का वातारवरण एकदम ठंडा हुआ करता था । गर्मी के दिनों में भी सिर्फ पंखे की जरूरत होती थी । लेकिन धीरे- धीरे मौसम परिवर्तन होने लगा । तब आसपास के लोग चर्चा करने लगे कि देखा पेड़ों की कटाई से ये गर्मी बढ़ रही है । ये चर्चा आज से 40 साल पूर्व होता था । ये चर्चा वे लोग करते थे जो पर्यावरणविद नही थे । लेकिन उनके अनुभव बहुत थे वे जानते थे मौसम का परिवर्तन कैसे होता है? क्यों होता है ? 
धीरे- धीरे खदानों की संख्या में बढ़ोतरी होती गई पेड़ कटते गए जंगल समाप्त होते गए । जिन इलाकों में खदानों खुली वहां का जंगल तो गया ही गया साथ ही कोयले की राख ने पूरे क्षेत्र को अपनी आगोस में ले लिया शाम होते ही कोयले की धुंवे बादल बन ढंक लेते, उस क्षेत्र के निवासी उसी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर थे जिसके कारण उन्हें बहुत सी भयंकर बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है । 
जिस तरह से विकास का नाम लेकर कांक्रीट का जाल, पक्की सड़कों का जाल, माइंस का जाल, उद्योगों का जाल विछाया जा रहा है और इन्हें बिछाने के लिए जंगलों को नष्ट किया जा रहा है । पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है उससे तो साफ - साथ दिख रहा है कि वो दिन दूर नही जब आने वाले कुछ ही सालों में वन व जंगल एक सपना होगा । बच्चे सिर्फ किताबों में पढ़ेंगे व फ़ोटो देखेंगे कहानियां सुनेंगे । घरों में लगे गमलों के पौधों को ही वे जंगल समझेंगे । 
उद्योगों को चलाने के लिए कोयला चाहिए वो कोयला जमीन के अंदर ही मिलेगा । उसमे भी ज्यादातर जंगलों की जमीन में ही मिलेगा । आज नही तो कल जमीन के भीतर का सारा कोयला शासन निकालेगी ही और कोयला निकालने के लिए जंगल काटेंगे ही । * तो क्या जंगल अब नही बचेंगे ? 
जंगल ही क्या नदियां, तालाब, जीव-जंतु, कुछ भी नही बचेंगे ? 
शासन पौधे तो लगाती है लेकिन कहां ? यह भी सोचना होगा और जो पौधे लगाती है वो मनुष्यों व जीव जंतुओं के लिए कितना उपयोगी है ? उसमे से कितना जीवित है ? कितना नही  ? कितने कागजों में लगे हैं ? कितना हकीकत में ? यह भी सोचना होगा । 
#saveforest,savelife 

सुबह - सुबह भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हसदेव अभ्यारण के घाटबर्रा जंगल में काटे गए 232 हरे भरे पेड़

हसदेव अभ्यारण -( सरगुजा- घाटबर्रा ) छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा जिला अंतर्गत उदयपुर विकासखंड के ग्राम घाट्बर्रा के जंगल में शासन द्वारा भारी पुलिस बल की तैनाती कर 232 पेड़ सुबह 9 बजे तक काट दिए गए | स्थानीय ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद जब माहौल तनावपूर्ण हो गया तब 9 बजे कटाई बंद की गई | यह घटना आज सुबह की है जबकि इस जंगल को बचाने के लिए सरगुजा जिले से लेकर राज्य व् देश के अलग -अलग स्थानों पर लगातार विरोध चल रहा है | बावजूद इसके शासन जंगल को काटने पर आमदा है | 
 इसके पीछे की कहानी यह है कि सरगुजा जिले में अडानी समूह और राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम लिमिटेड (आरवीयुएनएल) को हसदेव अभ्यारण अंतर्गत परसा कोल ब्लाक परसा इष्ट में कोयला निकालने की अनुमति केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दी गई है साथ केते बासन कोल ब्लाक का विस्तार करने हेतु भी अनुमति प्रदान की गई है| इस अनुमति से अभ्यारण क्षेत्र से सरकारी आंकड़ों के अनुसार 95 हजार पेड़ों की कटाई होनी बताई जा रही है | जबकि स्थानीय लोगों का अनुमान है की 4.50 लाख से ज्यादा पेड़ों की कटाई की जाएगी |
स्थानीय समुदाय पिछले 10 वर्षों से इस आदेश का विरोध कर रहे है तथा क्षेत्र के जंगल को बचाने का प्रयास कर रहे है | पुरे देश में सर्वाधिक कोयला उत्पादन करने वाला राज्य छत्तीसगढ़ है यहाँ 5990.78 करोड़ टन कोयला का भण्डार है | यह देश में उपलब्ध कुल कोयला भण्डार का करीब 18.34 फीसदी है |छत्तीसगढ़ में कुल 12 कोयला प्रक्षेत्र के 184 कोयला खदानों में से सबसे अधिक 90 कोल ब्लाक मांड- रायगढ़ में और 23 कोल ब्लाक हसदेव अरण्य के जंगलों में है| 1,70,000 हेक्टेयर में फैले हसदेव अरण्य के जंगल जैव- विविधता की दृष्टि से भी सबसे संवेदनशील माना जाता है | 
यहाँ जंगली जानवरों का आवास तो है हाथियों का भी नियमित आवागमन इस क्षेत्र में रहता है | वनोषधियों से सम्पन्न यह अभ्यारण अपनी व प्राकृतिक विविधता के लिए भी जाना जाता है | यह क्षेत्र " नो-गो" एरिया में भी आता है |बावजूद इसके सभी नियमों को ताख पर रखकर केंद्र व राज्य शासन ने कोयला निकालने की अनुमति दी | सरगुजा जिला पहले से ही कई खदानों के खुलने से अपनी प्राकृतिक सुन्दरता, पर्यावरणीय गुणों व अपनी जैव -विविधता को खोता चला जा रहा है | अब अगर खादनाओं को खुलने से न रोका गया और जंगलों को न बचाया गया तो वो दिन दूर नही जब यहाँ गर्मी बिकराल रूप में पैर पसार चुकी होगी और लोग अपनी जिन्दगी से हाथ धो बैठे होंगे | सरकार की नजर तो एक के बाद एक क्षेत्र से प्रकृति के दोहन की हमेशा रहेगी अभी हसदेव क्षेत्र है दुसरे तरफ सूरजपुर जिले में कोल ब्लाक खुलने जा रहा है | अगर अभी नहीं रोका गया तो धीरे -धीरे पूरा जंगल साफ़ हो जाएगा | सरगुजा जिला जब अविभाजित हुआ करता था जिसमे कोरिया भी शामिल रहा अब कई जिलों में विभक्त हो गया | जिसे अब सरगुजा संभाग के रूप में जाना जाता है | यह पूरा क्षेत्र कोयला के लिए जाना जाता है कोरिया व सूरजपुर में कोयले की कई खदाने है जो वर्षों से संचालित है |खादान चाहे कोई भी हो खदानों के खुलने से उस क्षेत्र का तो सत्यानाश हो जाता है | हमने अपने जीवन में मैनपाट की हरियाली, जैव विविधता को भी देखा व् खदान खुलने के बाद सब नष्ट होते भी देखा | सरगुजा जिले में खुले खदानों के क्षेत्र से विस्थापन को भी देखा और भारी मात्रा में प्रदुषण को भी देखा प्रदुषण से होने वाली बीमारियों को भी | हम जब हाई स्कुल में रहते थे उस समय अम्बिकापुर का तापमान इतना होता था की गर्मी के दिनों में भी एक पंखा का हवा पर्याप्त था गावों में तो इस पंखे की भी जरूरत नही थी लेकिन चारों तरफ खदानों के खुलने से और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई तथा जंगलों के विनाश ने मौसम में एसा परिवर्तन लाया की अब बिना कूलर व एसी के नही रह सकते | मौसम में भी परिवर्तन हुआ पिछले कई वर्षों से अनियमित वर्षा हो रही है | अब कोई नही बता सकता की ठण्ड कब, पड़ेगी, गर्मी का मौसम कब शुरू होगा, पहले गाँव के लोग आसानी से बता देते थे | जीव जन्तुओं की बात करें तो खदानों के खुलने व पेड़ों की कटाई से जो वन क्षेत्र धीरे -धीरे नष्ट होते जा रहे है जिससे अब जंगलों में रहने वाले जीव- जन्तु , पशु पक्षी समाप्त होते जा रहे है | पिछले कई वर्षों से तो हाथियों ने गाँवों व शहरों की ओर अपना रुख कर लिया है | इसके पीछे उनके भीतर असुरक्षा है आए दिन खदानों में विस्फोटो व मनुष्यों व गाड़ियों के आवागमन व् शोर गुल के कारण व अपने आपको सुरक्षित करने के लिए इधर उधर भाग रहे है जिससे व गाँवों व् शहरों में आ जाते है | जंगलों के अनादर उनके खाने पीने की चीजों में भी भारी कमी हुई है | पीने के पानी के जो स्रोत थे वे जंगलों के कटने से समाप्त होते जा रहे है | अब पानी के स्रोत के रूप में बड़ी नदिया बची है लेकिन अब नदियों में भी उद्योगों का दखल होने से जीव- जन्तुओं के लिए सुरक्षित नही रहा | ऐसे में जीव - जन्तु अपने लिए सुरक्षित स्थान की तलाश में भटक रहे है |

Thursday, 19 May 2022

गोधन न्याय योजना हेतु राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण सम्पन्न

प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का दूसरा दिन कार्यशाला के समापन अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे जी, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष श्री महंत रामसुंदर दास जी, एपीसीएस व सचिव कृषि श्री कमलप्रीत सिंह मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, पीसीमिश्रा जी समेत कृषि विभाग के अन्य अधिकारी गण था प्रतिभागीगण उपस्थित रहे ।

Tuesday, 17 May 2022

शासन की कल्याणकारी योजनाओं का सभी को मिले - आस्था समिति



आस्था समिति, द्वारा क्रियान्वित लक्ष्यगत हस्तक्षेप परियोजना द्वारा दिनांक 14 मई 2022 को कार्यालय में पियर एजुकेटर्स की साप्ताहिक बैठक आयोजित किया गया। जिसमें विशेष रूप से श्री के. आर. वर्मा अध्यक्ष ग्रामोदय केंद्र कवर्धा एवं  श्री दौलत राम कश्यप  परियोजना संचालक एवं अध्यक्ष आस्था समिति, कवर्धा की उपस्थिति रही। बैठक में पियर एजुकेटर्स को प्रेरित एवं उत्साहवर्धन करते हुए श्री के0 आर0 वर्मा ने कहा कि उच्च जोखिम समुदाय में HIV/एड्स की जागरूकता एवं रोकथाम के लिए बहुत ही सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि HIV/एड्स के फैलने एवं बचाव के क्षेत्र में चिन्हांकित समुदाय स्वास्थ्य सेवाओं से दूर होते हैं। उन्हें समाज भी उपेक्षित रखते हैं। इसलिए हमें समझना होगा कि समाज में सभी वर्गों को अवसर देते हुए उन्हें भी स्वास्थ्य सेवाएं एवं अन्य जरुरी सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम से जोड़ना होगा। समुदाय के महत्व एवं सामाजिक जुड़ाव के इतिहास को बताते हुए आज के परिवेश पर कार्य करने की रणनीति एवं नियोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। बैठक में उपस्थित  श्री दौलत राम कश्यप ने कहा HIV/AIDS की जानकारी ही बचाव है। आस्था समिति स्वास्थ्य सेवाएं एवं जागरूकता विगत 12 वर्ष से कवर्धा, स0 लोहारा एवं गंडई क्षेत्रों में सफलता से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि
पीयर एजुकेटर्स के माध्यम से समुदाय के लोगों को राशनकार्ड, वोटर आईडी, आधार कार्ड, श्रम कार्ड, स्मार्ट कार्ड , बैक खाता एवं आवास योजना से जोड़ने प्रयास किया जा रहा है। संस्था के प्रयास से अबतक 27 हितग्रहियों का राशनकार्ड बनवाया गया है। आगे  10 परिवारों का राशनकार्ड हेतू आवेदन कराया गया है। बैठक में राजेश कुमार गोयल कार्यक्रम प्रबंधक, मनीषा जांगड़े काउन्सलर, शहजादी खान, शारदा साहू, रानी टंडन, शाहिना   आउटरीच कार्यकर्ता एवं पियर एजुकेटर्स उपस्थित थे।

रुड़की व हरिद्वार जिले में अलग-अलग संस्थाओं में सोशल मिडिया व ई तकनीक से संस्थागत विकास पर प्रशिक्षण सम्पन्न

देवभूमि उत्तराखंड में अपने प्रवास के दौरान विलेज डेवेलपमेंट सोसाइटी भगवानपुर रुड़की जिला हरिद्वार के श्री राज बहादुर सैनी जी के अनुरोध पर 2 दिन व आदर्श युवा समिति हरिद्वार में 1 दिवसीय प्रशिक्षण उनके कार्यकर्ताओं को Importance of E-Technology & Social media in Organisation development विषय पर निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया । जिसमे संस्था के परियोजना के निर्माण, सफलताओं की कहानियों का संकलन, फोटोज व वीडियो के दस्तावेजीकरण व कार्यों का व्यापक प्रचार पर विस्तार से चर्चा की गई । आज की वर्तमान मांग, नई तकनीक, सस्ता सुगम साधन, फंड रेजिंग आदि पर भी चर्चा किया गया । इस दौरान सैनी जी के साथ उत्तराखंड की समस्याओं व स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए संभावनाओं पर चर्चा हुई । 

Sunday, 27 March 2022

ग्रीन आर्मी चंगोराभाठा जोन का शपथग्रहण संपन्न हुआ

ग्रीन आर्मी पिछले 5 वर्षों से रायपुर शहर के सभी जोन में पर्यावरण संरक्षण हेतु लोगों को जागरूक करने, शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के उद्देश्य से लगातार जागरूकता अभियान, धरना प्रदर्शन , वृक्षारोपण, तालाब सफाई, प्लास्टिक मुक्त अभियान आदि कार्यक्रम लगातार संचालन कर रही है । 
ग्रीन आर्मी की स्थापना श्री अमिताभ दुबे ने 5 साल पूर्व की थी आज इस संगठन से 1100 से ज्यादा लोग जुड़ चुके है और अपने कार्यों से एक पहचान बन चूंकि है । 
ग्रीन आर्मी के संगठन का चुनाव प्रति वर्ष होता है और चुनाव उपरांत सभी पदाधिकारियों व सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन भी किया जाता है । इस वर्ष भी ग्रीन आर्मी अपने नए कार्यकारिणी का चुनाव सम्पन्न कराया । जिसके पश्चात सभी पदाधिकारियों ने अपने अपने जोन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन कर शपथ ग्रहण किया । इसी कड़ी में चंगोराभाठा जोन के पदाधिकारियों ने कल जोन प्रभारी डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर, अध्यक्ष कविता कुम्भज, जॉन सचिव पद्मिनी वर्मा व यूथ विंग अध्यक्ष रात्रि लहरी के नेतृत्व में सभी पदाधिकारियों व सदस्यों का शपथ ग्रहण कराया गया । सभी नव नियुक्त पदाधिकारियों व सदस्यों ने ग्रीन आर्मी के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु संकल्प लिया । 
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https://youtu.be/Eixq47PnXH0

भाटापारा में चिराग द्वारा सामुदायिक गतिशीलता कार्यक्रम आयोजित

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नई दिल्ली एवं  छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति रायपुर के सहयोग से  चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी अम्बिकापुर द...