Tuesday, 10 June 2025

घर के पीछे किचन गार्डेन पारम्परिक पद्धति

छत्तीसगढ़ के गांव में अपने घर के पीछे अपने बाड़ी में किचन गार्डेन करते हैं । सिंचाई की कोई व्यवस्था न होने से वे सिर्फ बरसात के दिनों में ही कुछ न कुछ बीज लगाते है । जैसे मक्का, बाजरा आदि और किनारे किनारे सब्जी लगा देते हैं । मक्के या बाजरे के बीच मे खीरा या बरबट्टी भी लगाते हैं 
अपनी क्षमता के अनुसार मिलेट्स व सब्जी की पैदावार करते है । सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये सभी बीज पारम्परिक व जैविक बीज होते हैं । 
खेती भी पारम्परिक पद्धति से ही कि जाती है वह भी गोबर के खाद से बिना दवाई का प्रयोग किए । 100 शुद्ध होता है ये फसल ।
अनमोल फाउंडेशन गांवों के इसी पारम्परिक बीजों व पारम्परिक पद्धति को बढ़ावा दे रही है. बीजों को संरक्षित कर उनके उपयोग को बढ़ावा देने का कार्य ग्रामीणों के साथ मिलकर कर रही है । ताकि जैविक पारम्परिक बीजों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। लोगों को शुद्ध व पौष्टिक भोजन मिल सके

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