बचपन मे साइकल सीखने का बहुत उत्साह होता था । किसी तरह पूरी साइकल चलाना सीखे । सीखने के लिए कई पापड़ बेलने पड़े । क्योकि तब साइकल मिलती ही नहीं थी ।
जब हाई स्कूल पहुंचे तब साइकल स्वतंत्र रूप से मिली । खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था ।
जब से गाड़ी आई धीरे - धीरे साइकल छूटती चली गई । पर घर जब भी जाता कोशिश करता साइकल चलाने की । पापा की साइकल थी न उसी से तो सीखा था ।
तब ज्यादा कुछ फायदे नुकसान नहीं पता थे सिर्फ इतना पता था कि साइकल से जाएंगे पर जल्दी पहुचेंगे बस ।
अब जब इसी क्षेत्र में काम शुरू किए पर्यावरण पर ही ज्यादा काम करते हैं तब समझ आया कि साइकल तो हमारे स्वास्थ्य व पर्यावरण दोनो के लिए ही फायदेमंद है ।
हमे साइकल रोज चलाना चाहिए कोशिश तो ये होनी चाहिए को घर से आफिस अगर दूर न हो तो रोज आफिस भी साइकल से ही जाए
छोटे बड़े जो भी कार्य साइकल से हो सके उसमे साइकल का ही उपयोग करें ।
आज पर्यावरण की बहुत बड़ी समस्या है मौसम कब बदल जाए पता नहीं । प्रदूषण ने तो हालात ही बिगाड़ दिए है, जिसके कारण स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा हैं । बीमारियां बढ़ रही है ।
रोज नई नई बीमारियां जन्म ले रही हैं । हर एक का इलाज संभव नही है । हमे अपने शरीर को मजबूत बनाना होगा । और इसके लिए साइकलिंग से बेहतर कुछ नहीं । खर्च भी बचेगा पर्यावरण की सुरक्षा भी होगी । प्रदूषण भी नही होगा । पेट्रोल खत्म होने का डर भी नही । #worldbicycleday2025
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