कहते हैं न कि मेहनत का फल बड़ा मीठा होता है । यह बात बिल्कुल सच है .
यहां हमारे किसान भाई ने वृक्षारोपण अभियान में मिले पौधे का रोपण किया जो अब फल देने लगा है और सच यह फल बहुत ही मीठा होता है ।
अधिकांश जगह पर इसे सीताफल ही कहा जाता है लेकिन कई जगहों पर ये शरीफा के नाम से भी जाना जाता है । पकने के बाद खाने में बहुत मीठा लगता है।
इसके फल में बीज की मात्रा अधिक होती है और आसानी से बीज उग भी जाते हैं ।
लोगों को अच्छे फल खाने को मिले और इसे बाजार में बेचकर आय अर्जित कर सके । इसलिए इसका वृक्षारोपण कराया जा रहा है । ये फल औषधीय गुणों से भरपूर है ।
सीताफल की तासीर ठंडी होती है। इसमें कैल्शिम और फाइबर जैसे न्यूट्रिएंट्स की मात्रा अधिक होती है जो आर्थराइटिस और कब्ज जैसी हेल्थ प्रॉब्लम से बचाने में मदद करता है।
साथ ही इसके पेड़ की छाल में टैनिन होता है जिसका इस्तेमाल दवाइयां बनाने में होता है। इस पेड़ के पत्तों से कैंसर और ट्यूमर जैसी बीमारियों का इलाज किया जाता है।
सीताफल ज्यादा उपयोग करने से यह मोटापे को बढ़ावा देता है सीताफल को सर्दी जुखाम में नहीं खाना चाहिए तथा इसे सुबह सुबह खाली पेट नहीं सेवन करना चाहिए सीताफल की तासीर ठंडी होने के कारण यह शरीर में सर्दी जुखाम को बढ़ावा देता है।
पुराने समय में इसके बीजों को निकालकर और पीसकर इनकी बीजों को सर पर लगाया जाता था तथा जिससे सर के जुएं मर जाते हैं।
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