महुलान पत्ता वन आधारित आजीविका के स्रोतों में से एक है । गांव में लोग इसका खाना खाने के लिए पत्तल व बरसात के दिनों में छतरी व खुमरी बनाते है । इसके तने से बहुत ही मजबूत रस्सी बनती है ।
इसकी शासकीय स्तर पर खरीदी होती है। इसे बेचकर ग्रामीण आय अर्जित करते हैं
वनों के आसपास रहने वाले परिवारों को इस तरह के वन संसाधनों से कुछ आय हो जाती है जिससे उनके परिवार की आजीविका चलाने में मदद मिलती है।
इस तरह के संसाधन अब धीरे धीरे समाप्त होते जा रहे हैं । इनके संरक्षण व संवर्धन की बहुत जरूरत है । ताकि वन क्षेत्र में रहने वाले गरीब ग्रामीण परिवारों को आजीविका के संसाधन मिल सके ।
No comments:
Post a Comment