गांव में लोग अपनी जरूरत के हिसाब से अपनी व्यवस्थाएं बना लेते हैं । तकनीकी रूप से सक्षम होते हैं । ग्रामीण इंजीनियर कहना गलत नहीं होगा ।
गांव में कई ऐसे उदाहरण देखने को मिलते हैं ।
कृषि से सम्बंधित तो अनेकों उदाहरण है । पानी संरक्षण के भी उदाहरण आप देखेंगे तो हैरान हो जाएंगे ।
शहरों में हर चीज का सीमेंटीकरण कर देने से भूजल स्तर में कमी होते जा रही है ।
लेकिन गांवों में भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए छोटे छोटे ही सही लेकिन कई तकनीक अपनाते है । जिससे भूजल स्तर सुरक्षित रहे ।
प्लास्टिक पाइप ने बहुत सारा पर्यावरणीय नुकसान किया है । कौन मेहनत करे बोल कर लोग अब व्यापारियों की ओर आकर्षित हो रहें है । और व्यापारी हर वो चीज बना कर बेच रहे हैं जो पर्यावरण को नुकसान पहुचाते हैं ।
इकोफ्रेंडली सामानों के उपयोग पर हम सबको बल देना चाहिए और पर्यावरण को नुकसान पहुचाने वाले समानों का वहिष्कार करना चाहिए ।
ग्रामीण तकनीकों को प्रोत्साहित कर उन्हें संरक्षण देना होगा । गांव के लोगों को उनके इंजीनियरिंग को सम्मान देकर उन्हें बढ़ावा देना होगा ।
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